ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट ने चीन में मचा दिया उत्पात, राजधानी शंघाई में फूटा कोरोना बम, टेस्टिंग के लिए सेना की मदद
भारत में बीते कुछ महीनों में कोरोना का प्रकोप कम हुआ है। सोमवार को भी दैनिक संक्रमितों की संख्या घटकर 913 पर आ गई। वहीं, चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने त्राहिमाम मचाया हुआ है।

तेजी से फैल रहा है नया वैरिएंट
Bloomberg के मुताबिक, ग्लोबल टाइम्स ने स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बताया कि वायरस का नया प्रकोप, शंघाई से 70 किलोमीटर (43 मील) से कम दूरी पर स्थित शहर में हल्के कोविड -19 के लक्षण से अलग है, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट की BA.1.1 सब टाइप से विकसित होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नया सब वैरिएंट अन्य कोरोनोवायरस से मेल नहीं खाता है, जो चीन में कोविड का कारण बन रहे हैं और न ही GISAID को प्रस्तुत किए गए हैं, जहां दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोनोवायरस पर जानकारी साझा करते हैं, जिसे उन्होंने म्यूटेशन की निगरानी के तरीके के रूप में अनुक्रमित किया है। उत्तरी चीन के डालियान शहर में भी शुक्रवार को रिपोर्ट किया गया एक मामला घरेलू स्तर पर पाए जाने वाले किसी भी कोरोनावायरस से मेल नहीं खाया. डालियान की नगरपालिका ने इसकी जानकारी दी है।
शंघाई में बिगड़ रहे हालात
रिपोर्ट की माने तो शंघाई में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमितों के 9,006 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना की पहली लहर की पीक के बाद से यह सबसे अधिक एक दिवसीय बढ़त है। कोरोना के बढ़ रहे मामलों की गंभीरता का अंदाजा इस से भी लगाया जा सकता है कि चीन के शहर शंघाई में लॉकडाउन के बावजूद एक दिन में 9 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने कहा कि शंघाई सोमवार को बड़े पैमाने पर परीक्षण का एक नया दौर शुरू करेगा। उधर, हैनान प्रांत के सान्या शहर में, अधिकारियों ने कोविड के प्रसार को रोकने के लिए सभी तरह की परिवहन व्यवस्था को निलंबित कर दिया है।
सेना ने हाथ में ली व्यवस्था
बढ़ते मामलों के साथ ही शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो रही है। चीन के वित्तीय शहर शंघाई के अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि यहां लोगों को एडिमिट करने के लिए जगह नहीं बची है। इन सब हालात पर काबू पाने के लिए चीनी सेना ने व्यवस्था अपने हाथ में ली है। सेना 2,000 से अधिक चिकित्सा कर्मियों को शंघाई भेज रही है। ताकि मरीजों का इलाज हो सके।
शुरू हुआ जांच का सबसे बड़ा अभियान
सोमवार को शंघाई महानगर के 2.60 करोड़ लोगों की जांच का सबसे बड़ा अभियान शुरू हुआ। कई लोगों को तो सूर्योदय से पहले उठकर अपने आवासीय परिसरों में ही जांच के लिए कहा गया। वहीं कई जांच केंद्रों पर लोग सुबह सुबह पजामे में ही पहुंचकर कतार में खड़े दिखे। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को वहां भेजा गया है। इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है।
वुहान के बाद सबसे बड़ा अभियान
चीन के वुहान शहर में 2020 के आरंभ में जब पहली बार कोरोना महामारी का पता चला था तो वहां ऐसा ही बड़ा जांच अभियान छेड़ा गया था। वहां पीएलए ने जांच के लिए अपने 4000 चिकित्सा कर्मियों की टीम भेजी थी। शंघाई में भेजी गई टीम उससे भी बड़ी है। इसमें पीएलए की तीनों इकाइयों के डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी शामिल हैं।
दो चरणों में लॉकडाउन
शंघाई में पिछले सोमवार को दो-चरणों में लॉकडाउन किया गया था। इसमें सभी लोगों को घरों में कैद रहने को कहा गया है। यहां रविवार को 8,581 एसिम्टोमैटिक और 425 सिम्टोमैटिक केस मिले थे। जांच अभियान के दौरान शहरवासियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जा रहा है। वहीं, नागरिकों को अपने स्तर पर एंटीजन टेस्ट के लिए भी कहा गया है।
महामारी के लिहाज से सख्त कदम
वैश्विक मानदंडों के मुताबिक शंघाई में कोराना की लहर ज्यादा तेज नहीं है, लेकिन चीन जिस ढंग से कोराना टेस्टिंग, ट्रैसिंग व क्वारंटाइन के कदम कर महामारी पर काबू पाता है, उस लिहाज से यह अहम है। चीन में सख्त क्वारंटाइन नियम हैं, उसके तहत सभी संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को अन्य लोगों से अलग कर दिया जाता है। क्वारंटाइन केंद्रों पर भीड़, स्वच्छता की कमी व खाने-पीने के सामान व आवश्यक दवाओं की कमी से वहां भेजे गए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महामारी पर तेजी व सख्ती से काबू पाने का निर्देश दिया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।