मणिपुर की घटना को लेकर एनएसयूआई ने दून में निकाला कैंडल मार्च, मणिपुर में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

मणिपुर में तीन मई से जातीय हिंसा पर अंकुश नहीं लगने और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के खिलाफ नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आज देहरादून में कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान कांग्रेस भवन से घंटाघर होते हुए संगठन के कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता गांधी पार्क पहुंचे। वहां मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मणिपुर में जातीय हिंसा में अब तक करीब 160 लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं और उन्होंने शिविरों में शरण ले रखी है। हजारों लोगों के घर जला दिए गए हैं। वहीं, तीन महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया। वीडियो में दो महिलाएं नजर आ रही हैं। इनमें एक से रेप किया गया। वहीं, इस दौरान एक महिला के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी गई। ये सब पुलिस की मौजूदगी में किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद अन्य खुलासे भी हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो युवतियों से गैंग रेप के बाद उनकी हत्या कर दी गई है। चार मई की घटना में दो महिलाओं निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान लिया। केंद्र और मणिपुर सरकार से इस संबंध में की गई कार्रवाई के लिए नोटिस दिया। बताया जा रहा है कि महिलाओं के साथ दरिंदगी पुलिस की मौजूदगी में हुई। चार मई की घटना को लेकर 18 मई को रिपोर्ट दर्ज की गई। मुकदमा 21 मई को हुआ। इसके बावजूद गिरफ्तारी तब हुई जब 20 जुलाई ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया। इसके बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी जो ढाई माह से मणिपुर हिंसा पर चुप्पी साधे हुए थे, उन्होंने चुप्पी तोड़ी। वहीं, उन्होंने राजनीति खेल दी और राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी इस तरह की हिंसा को लेकर वहां के सीएम को नसीहत दे दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में महिलाओं से दुर्व्यवहार को लेकर पीएम ने निंदा तो की, लेकिन उन्होंने शांति की अपील नहीं की। ना ही वो एक बार भी मणिपुर दौरे पर गए। वहीं, इसके उलट चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों में जाते रहे। साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनाव प्रचार में तो जाते रहे, लेकिन उन्होने भी मणिपुर का रुख नहीं किया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर गए। शिविरों में पीड़ितो से मिले। उनके दुख दर्द को बांटा। इसे लेकर संसद में भी हंगामा चल रहा है। विपक्ष का गठबंधन इंडिया सरकार पर हमलावर है। वे मणिपुर मुद्दे पर पीएम से लोकसभा और राज्यसभा में बोलने की मांग कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने व उनके साथ दुष्कर्म करने के हृदय विदारक वीडियो ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। यह बात और भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस कांड के लिए जिम्मेदारी तय करने की जगह मोदी सरकार ने गैर-भाजपा शासित राज्यों में यौन अपराधों का मुद्दा उठाकर दूसरों पर प्रत्यारोप करने की कुटिल नीति इस्तेमाल की है। इस पूरी रणनीति की मंशा पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की जगह इस मामले से ध्यान हटाकर प्रधानमंत्री और सरकार की छवि बचाने तक सीमित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हाल ही में जोधपुर विश्वविद्यालय की ऐसी ही घटना प्रकाश में आई है। जहां एबीवीपी के तीन नेताओं पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। भारतीय जनता पार्टी में नीचे से ऊपर के स्तर तक ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले चेहरे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) बराबरी और न्याय के सिद्धांतों के प्रति कटिबद्ध है। हम देशभर के छात्र समुदाय को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि आने वाले दिनों में हम देश की युवा नारी शक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यौन शोषण, यौन हिंसा और जेन्डर आधारित भेदभाव जैसी जघन्य कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करेंगे। ताकि पूरे भारत में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण बन सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च में मुख्य रूप से उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, विनोद चौहान, प्रवक्ता सुनीता प्रकाश, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, अनिल नेगी, पार्षद अर्जुन सोनकर, गगन चाचर, अजय रावत, प्रकाश नेगीं, अरुण टमटा, अंजलि चमोली, राहुल जग्गी, अनंत सैनी, शालिनी भंडारी, शाक्षम यादव, मुकेश बसेरा, चिरजोत कौर आदि शामिल रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।