निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
देशभर में पेपर लीक मामलों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी के खिलाफ उत्तराखंड में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी के नेतृत्व में आज कार्यकर्ताओं ने देहरादून जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर डीएम देहरादून के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एनईईटी (NEET) घोटाले ने केन्द्र सरकार के अधीन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एनटीए (NTA) भ्रष्टाचार को उजागर किया है। (NEET) एवं (NET) जैसी परीक्षाओं के पेपर का बार बार लीक होना और अनियमितताओं ने उन लाखों छात्रों के भरोसे को तोड़ दिया है, जो पारदर्शिता और निष्पक्षता पर अपना भविष्य बनाने की इच्छा रखते हैं। वहीं, उत्तराखंड प्रदेश के छात्रों एवं अभिभावकों पर प्रदेश के कॉलेज की ओर से दी जाने वाली हॉस्टल की सुविधा एवं बस सुविधा अनिवार्य रूप से लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जो कि गलत हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर में प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी आंकडों से विदित होता है कि विगत वर्ष जो नीट परीक्षा आयोजित की गयी थी, उसमें लगभग सवा करोड परीक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया था। यह सवा करोड़ प्रतिभागी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। परीक्षाओं के लिए वे रात-दिन मेहनत करते हैं और उनके माता-पिता अपने खून पसीने की कमाई उनके उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित करते हैं। वे प्रतियोगी परीक्षायें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं और कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पैसे के लालच में परीक्षा का पेपर लीक कर शिक्षा माफियाओं के हाथों में सौंप दिया जाता है। ऐसे में मेहनत कर रहे युवाओं के सपने, आत्मविश्वास तथा मनोबल टूट जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही विकास नेगी ने कहा कि शिक्षा सत्र 2024-25 का सत्र प्रारम्भ होने जा रहा है। विभिन्न तकनीकी एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया गतिमान हैं। उत्तराखंड में निजी संस्थानों की ओर से वर्तमान सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों एवं अभिभावकों पर कॉलेज की ओर से दी जाने वाली हॉस्टल की सुविधा एवं बस सुविधा अनिवार्य रूप से लेने का दबाव बनाया जा रहा है। ये सुविधायें नहीं लेने पर प्रवेश देने से मना किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि यह सुविधा चाहे एक माह के लिए ली जाय, परन्तु इस सुविधा की फीस पूरे वर्षभर की देनी होगी। तभी प्रवेश दिया जाएगा। कई छात्र ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवारों से सम्बन्धित होते हैं। वे अपनी निजी व्यवस्था तथा पारिवारिक आर्थिक स्थिति के अनुरूप आवास एवं वाहन की सुविधा करने के साथ ही कोर्स फीस के लिए पार्ट टाईम जॉब सुनिश्चित करते हैं। ऐसे में निजी शिक्षण संस्थानों की ओर से इस प्रकार के नियम थोपकर उन छात्र-छात्राओं को तकनीकी व उच्च शिक्षा से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विकास नेगी ने राज्यपाल से मांग की है कि शिक्षण संस्थानों एवं छात्र-छात्राओं के सर्वोच्च संरक्षक होने के नाते उनसे आग्रह है कि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा जबरन थोपे जा रहे हैं नियमों को संज्ञान लेना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संदीप चमोली, एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप तोमर, अभय कात्युरा, पूर्व अध्यक्ष अरुण टम्टा, हरीश जोशी, प्रांचाल नौनी, पुनीत राज, हर्ष दिवाकर, मुकेश बसेरा, भुवन पाण्डेय, सोनाली, बसंत, अतुल पंवार, हिमांशु घाघट आदि एनएसयूआई के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।