अब चांद पर इंसान भेजेने को इन दो अरबपतियों में शुरू हुई रेस, मस्क के बाद जेफ बेजोस की कंपनी ने साइन किया कांट्रेक्ट
वो दिन दूर नहीं जब इंसान चांद का सफर करने के लिए टिकट कटाएगा। इंसान को फिर से चांद पर पहुंचाने की रेस शुरू हो चुकी है। नासा ने एलक मस्क की स्पेस एक्स के बाद अब अरबपति जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन के साथ भी 3.4 बिलियन डॉलर यानी 28 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसे कॉन्ट्रैक्ट ‘आर्टेमिस-5 मिशन’ नाम दिया गया है। नासा का एलोन मस्क के स्पेसएक्स संग 2025 तक चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने के लिए 3 बिलियन डॉलर का पहले से कॉन्ट्रैक्ट है। इस बीच नासा ने जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन के साथ इसी तरह का एक अनुबंध किया है। इस करार का मूल्य 3.4 बिलियन डॉलर है। ऐसे में चांद पर मनुष्य भेजने को लेकर अब दो अरबपतियों में दिलचस्प रेस शुरू हो गई है। जेफ बेजोस ने एक बयान में घोषणा की उन्होंने नासा के साथ एक महत्वपूर्ण करार हासिल किया है, जिससे वह चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने के अपने लक्ष्य के करीब आ गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नासा ने भी पुष्टि की है कि बेजोस की निजी रॉकेट कंपनी, ब्लू ओरिजिन को आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाना है। नासा के अधिकारी ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर कहा कि मस्क और स्पेसएक्स के नेतृत्व में, ब्लू ओरिजिन के साथ नासा का हालिया अनुबंध दो अरबपतियों के बीच प्रतिस्पर्धा को तेज करता है। नासा अधिक से अधिक कॉम्पिटिशन चाहते है ताकि यदि एक प्रोग्राम फेल हो तो भी उसका बैकअप तैयार रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेजोस की स्पेस एक्सप्लोरेशन कंपनी ब्लू ओरिजिन ने खुद ये कॉन्ट्रैक्ट मिलने की पुष्टि की है। कॉन्ट्रैक्ट ‘आर्टेमिस v मिशन’ के तहत दिया गया है। जो नासा का इंसान को फिर से चांद पर भेजने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इससे अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन शुरू हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नासा को चांद पर जाने के लिए लूनर लैंडर चाहिए
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नासा ने 3.4 बिलियन डॉलर के बदले एक लूनर लैंडर की मांग की है। जो एक 50 फीट के स्पेस क्राफ्ट का हिस्सा होगा। जिसे ब्लू मून कहा गया है। मिशन को 2029 में लॉन्च किया जाएगा। इसके जरिए 4 एस्ट्रोनॉट्स को चांद के सरफेस पर उतारा जाएगा। इसके जरिए नासा चांद के साउथ पोल को एक्सप्लोर करना चाहता है। नासा के अधिकारी ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा कॉम्पिटिशन चाहते हैं ताकि हमारा एक प्रोग्राम फेल हो तो हमारे पास उसका बैकअप तैयार रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नासा के चांद तक पहुंचने के मिशन
आर्टेमिस 1– नासा के मून मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा गया था। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का मकसद चांद पर एस्ट्रोनॉट्स के लिए सही हालात सुनिश्चित करना है। मिशन के तहत नासा के SLS मेगा रॉकेट के जरिए ओरियन क्रू कैप्सूल चंद्रमा के बेहद करीब पहुंचेगा, लेकिन लैंड नहीं करेगा। आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली है। मिशन 25 दिन 11 घंटे और 36 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आर्टेमिस 2- मिशन के तहत ओरियन कैप्सूल 4 एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी से इतनी दूर ले जाएगा जहां आज तक इंसान नहीं गए हैं। ये 10 दिन का मिशन होगा। जो चांद के पास से गुजरेगा और पृथ्वी पर लौटेगा। इस मिशन के तहत स्पेस क्राफ्ट की क्षमता को जांचा जाएगा।
आर्टेमिस 3- तीसरे आर्टेमिस मिशन के तहत दो एस्ट्रोनॉट्स को चांद तक ले जाया जाएगा। इसमें एक महिला होगी। ये मिशन ऐतिहासिक होगा। इसकी वजह ये है कि इस मिशन के जरिए दुनिया की पहली महिला चांद पर कदम रखेगी। चांद के साउथ पोल पर एस्ट्रोनॉट्स एक हफ्ते तक रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आर्टेमिस 4- मिशन के जरिए नासा दूसरी बार इंसान को चांद पर ले जाएगा। इस बार एस्ट्रोनॉट्स का चांद पर स्टे ज्यादा दिनों के लिए होगा। इस मिशन में पहला अश्वेत एस्ट्रोनॉट भी शामिल होगा।
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