अब कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने बदला स्वरूप, डेल्टा प्लस दिया नाम, वैक्सीन की दो खुराक के अंतर को कम करना है समाधान
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट ने भी अपना स्वरूप बदल दिया। इस वैरिएंट को डेल्टा प्लस का नाम दिया गया है। ये और अधिक घातक माना जा रहा है।
देश में हर दिन बढ़ते मामलों के पीछे अभी तक डबल म्यूटेशन वाले वेरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा था। हालांकि, अब एक और चुनौती देश के सामने आ गई है और वह है कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेशन। ऐसा माना जा रहा है कि भारत में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वाले वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। इसे डेल्टा प्लस वैरिएंट कहा गया है।
ट्रिपल म्यूटेशन यानी कोरोना के तीन अलग-अलग स्ट्रेन का मिलकर एक नया वेरिएंट बनना। देश के कुछ हिस्सों में कोरोना का यह ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट मिलने की खबर है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह ट्रिपल म्यूटेंट वायरस मिला है।
कोविड टीकाकरण की रणनीति से जुड़े सरकार के विशेषज्ञ इसे लेकर कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं। ताकि जिनको सबसे अधिक खतरा है, उनको कम अंतराल पर टीका दिया जा सके। हाल ही में सबूत मिले हैं कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने और संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ रहा है। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल घटाने से इस वैरिएंट की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सकता है।
13 मई को बढ़ाया था दो डोज के बीच अंतराल
इससे पहले 13 मई को ही केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था। इसको लेकर ब्रिटेन के डेटा का हवाला दिया गया था। इसके तीन दिन बाद ही ब्रिटेन ने खुद अंतराल घटाकर 12 से 8 हफ्ते कर दिया। डेल्टा वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए यह अंतराल 50 या उससे ज्यादा आयु के लोगों के लिए घटाया गया। ब्रिटेन में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट फिर से फैलने लगा है।
ब्रिटेन ने 40+ वालों के लिए घटाया दो डोज के बीच का अंतराल
ब्रिटेन के सोमवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों ने ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका के टीके की दोनों खुराकें ले ली हैं, उन्हें अस्पतालों में भर्ती नहीं होना पड़ा। जिन लोगों ने सिर्फ एक खुराक ली है, उन लोगों में अस्तापताल में भर्ती होने की आशंका ज्यादा रही। सोमवार को ही ब्रिटेन में टीके के बीच का अंतराल 40 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए भी घटा दिया गया।
12 से घटाकर 8 हफ्ते करने पर हो रहा विचार
अब भारत में भी विशेषज्ञ सरकार से कोविशील्ड की दो खुराकों के अंतराल को घटाने के लिए कह रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट को ही यहां भी सबसे खतरनाक स्ट्रेन माना जा रहा है। पहचान उजागर न करने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 8 हफ्ते के अंतराल पर विचार चल रहा है। एक बार फैसला होने पर यह मामला नेशनल ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 के पास जाएगा।
तमाम अध्ययन पर है निगाह
वैक्सीन को लेकर कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा कहते हैं, ”हम अंतराल की समीक्षा करने को तैयार हैं। यह एकदम गलतफहमी है कि हम अंधे होकर पश्चिम का अनुसरण कर रहे हैं। सच यह है कि हम वैक्सीन से जुड़े फैसले लेने के लिए तमाम देशों में हो रहे अध्ययनों पर ध्यान दे रहे हैं। हम भारत में 4 हफ्ते के अंतराल पर टीका दे रहे थे, जब ब्रिटेन में यह अंतराल 12 हफ्ते था। इसलिए लोगों को लगा कि हमने ब्रिटेन के पीछे-पीछे चलकर अंतराल बढ़ाया, लेकिन हमारे फैसले उन आंकड़ों पर होते हैं, जो हमारे लोगों के लिए सबसे बेहतर हों।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।