व्यापारियों के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी की बाजार खोलने की पैरवी, सीएम से मिले

उत्तराखंड में लगातार बढ़ाए जा रहे कोरोना कर्फ्यू के चलते व्यापार पूरी तरह से चौपट होता जा रहा है। इसे लेकर व्यापारियों में असंतोष व्याप्त है। अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी बाजार खोलने की पैरवी की है। कारण ये है कि राशन, परचून तक की दुकानों को भी पहले सप्ताह में एक दिन चार घंटे के लिए खोला जा रहा था। अब इसमें कुछ राहत देकर दो दिन किया गया है। साथ ही चार की जगह पांच घंटे किया गया है।
आवश्यक वस्तुओं में सब्जी, फल, दूध, पनीर, अंडा, मांस मछली की दुकानें सुबह आठ से 11 बजे तक खुल रही हैं। गर्मियों के दिनों में बिजली के सामान की मांग बढ़ जाती हैं। लोग कूलर व पंखे खरीदते हैं। साथ ही बिजली उपकरण खराब होते हैं तो उसे ठीक करने के लिए सामान खरीदने तक के लोगों को लाले पड़ गए हैं। कूलर की खस तक लोगों को उपलब्ध नहीं हो रही है। इसी तरह कपड़ों की दुकान से लेकर अन्य किसी तरह की दुकानें खुलने की अनुमति नहीं है। ऐसे में व्यापारियों का बड़ा तबका बर्बाद होता जा रहा है।
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन अस्थायी समाधान है। जब तक सारे लोगों को टीके नहीं लगते तब तक ऐसा ही होता रहेगा कि लॉकडाउन में मामले घटेंगे और सरकार कहेगी कि हमने कोरोना को हरा दिया। जैसे ही सब खुलने लगेगा तो कोरोना की नई लहर सामने होगी। टीकारण की स्थिति ये है कि पहले जहां 70 से 80 हजार लोगों को टीके लगाए जाते रहे, वहीं अब 12 से 15 हजार लोगों को एक दिन में टीके लग रहे हैं। देहरादून में निजी अस्पतालों में सरकार जरूर मेहरबान है। एक अस्पताल में तो एक दिन में एक हजार टीके लगाए जा रहे हैं। ये टीका भी नौ सौ रुपये में लगाया जा रहा है।
व्यापारियों ने दिया विधायक के घर के समक्ष धरना
रुद्रपुर में तो भाजपा विधायक विधायक राजकुमार ठुकराल के आवास के समक्ष मंगलवार को व्यापारियों ने धरना भी दिया। व्यापारी कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने से असंतुष्ट थे। उनका कहना था कि लगातार लॉकडाउन से उनका व्यापार चौपट हो गया है। इस पर विधायक ने सीएम ने वार्ता करने का आश्वासन दिया।
बाजार खोलने की मांग को लेकर सीएम से मिले कौशिक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री से भेंट कर प्रदेश में कोरोना के मामलो में आ रही कमी और व्यापारियों की मांग को देखते हुए बाजार खोलने की मांग की। कौशिक ने कहा कि सरकार के अथक प्रयास और व्यापारियों सहित अन्य वर्गों के प्रयास से ही कोरोना की रफ्तार पर अंकुश के साथ केस भी कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि बाजार बन्द होने के कारण व्यापारियों के सामने भी आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना के केस बढ़ रहे थे तो व्यापारियों ने खुद ही आगे आकर बाजार बन्द करने की पहल की। अब व्यापारी मार्केट खोलने की लगातार मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए बाजार खोल दिये जाए। नियमित बाजार खुलने से अनावश्यक भीड़ भी नहीं होगी और लोगो व व्यापारियों को भी सहूलियत मिलेगी तो कोरोना संक्रमण पर भी अंकुश लगेगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।