अब ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय छात्रों की बढ़ाई मुसीबत, बताई जा रही ये वजह, कनाडा भी कर चुका है ऐसा
अब ऑस्ट्रेलिया ने भी भारतीयों छात्रों की परेशानी को बढ़ा दिया है। सरकार ने अब यहां बढ़ती छात्रों की संख्या पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को कहा कि वह 2025 तक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के नामांकन की संख्या को 270000 तक ही सीमित रखेगा। इसकी वजह बताई गई कि रिकॉर्ड माइग्रेशन होने की वजह से वहां प्रॉपर्टी (किराये के घर) के दाम बढ़ गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कनाडा ने भी किए थे बदलाव
इससे पहले कनाडा ने भी भारतीय छात्रों को बड़ा झटका दिया था। वहां की ट्रूडो सरकार ने वीजा नियमों में कुछ बदलाव किए, जो 21 जून से लागू भी हो गए। 21 जून 2024 के बाद से विदेशी नागरिक पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। यह प्रक्रिया बंद कर दी गई है। तब कनाडा सरकार ने कहा था कि विदेशी नागरिक अब बॉर्डर पर पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इससे सैकड़ों भारतीय छात्रों पर काफी असर पड़ने लगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री ने दिया ये तर्क
आस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना से पहले की तुलना में आज हमारे विश्वविद्यालयों में लगभग 10% अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं। प्राइवेट वोकेशनल और ट्रेनिंग प्रोवाइडर में लगभग 50% अधिक हैं। इसलिए इस पर सख्ती बरतने का प्लान बनाया गया है। इससे पहले ही सरकार ने प्रवास में वृद्धि को रोकने के लिए पिछले महीने ही विदेशी छात्रों के लिए वीजा शुल्क को दोगुने से भी अधिक कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोविड के दौरान दी थी राहत
ऑस्ट्रेलिया ने 2022 में कोविड के दौरान अपने वार्षिक प्रवासन की संख्या को बढ़ा दिया था, ताकि कंपनियों को कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती करने में मदद मिल सके। क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण 2 वर्षों तक विदेशी छात्रों और श्रमिकों को बाहर रखा गया था। भारत, चीन और फिलीपींस के छात्रों के कारण रिकॉर्ड प्रवासन ने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई और वेतन दबाव को भी नियंत्रित किया है, लेकिन अब प्रॉपर्टी बाजार की डिमांड बढ़ने के कारण यह कठिन हो गया है। 30 सितंबर 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष में आव्रजन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो 60% बढ़कर रिकॉर्ड 548,800 हो गया, जो जून 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष में 518,000 लोगों की तुलना में अधिक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नये नियम के तहत घट जाएगी नए छात्रों की संख्या
शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने मंगलवार को कहा कि इस लिमिट का अर्थ होगा कि 2025 में सार्वजनिक रूप से विश्वविद्यालयों में लगभग 145,000 नए छात्रों की सीमा तथा व्यावसायिक संस्थानों में लगभग 95,000 नए लोगों की सीमा होगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसके तहत शुरुआती संख्या कोरोना के पूर्व स्तर से लगभग 7,000 कम और पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 53,000 कम होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक बयान में शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने विश्वविद्यालय में नामांकन संख्या को घटाकर 145,000 या 2023 के स्तर के आसपास कर दिया जाएगा। 2025 में 30,000 नए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को नामांकित कर सकेंगे, जबकि व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदाताओं की संख्या केवल 95,000 तक सीमित रहेगी। जुलाई में भी वीजा शुल्क को दोगुना से अधिक कर दिया, ताकि आव्रजन को 2022-2023 में 528,000 से घटाकर 2024-25 तक 260,000 किया जा सके।
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