3700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक से आज गिरा दिया जाएगा नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर्स, जानिए इससे जुड़ी अहम बातें
ये है मामला
दरअसल यह मामला पर्यावरण से जुड़ा है। एमराल्ड सोसायटी में जिस जगह पर इस टावर का निर्माण किया गया है, वह पहले ग्रीन जोन था। उस सोसायटी में घर खरीदने वालों को भी यही बताया गया कि यह ग्रीन जोन है। इस सोसायटी में 660 परिवार रहते हैं। इन्हें धोखा देकर टावर का निर्माण काम शुरू किया गया। पहली बात कि इसका निर्माण धोखे से किया गया। दूसरी बात तमाम नियमों को ताख पर रख दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया गया था
टावर निर्माण के कारण सोसायटी में रहने वाले अन्य परिवारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 2009 में सोसायटी के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर बिल्डर के खिलाफ लड़ाई करने की ठानी और 2010 में रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी की मदद से इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया गया। 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टावर को गिराने का आदेश दिया। बाद में सुपरटेक ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। यहां भी आमलोगों की जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने भी टावर को गिराने का निर्देश जारी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जरूरी सामान लेकर आसपास के लोग छोड़ चुके हैं घर
ध्वस्तीकरण के लिए ट्विन टावरों को आपस में जोड़ने का और संरचनाओं से एक्सप्लोडर तक 100 मीटर लंबी केबल लगाने का काम सुबह आरंभ हो चुका है। एक्सप्लोडर वह स्थान है जहां से रविवार को ध्वस्तीकरण का कार्य किया जाएगा। मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद दो टावरों को ध्वस्त करने का काम सौंपा गया है। अदालत ने टावर्स के निर्माण में उचित मापदंडों का उल्लंघन पाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आस-पास की सोसायटी में लोग अपना सामान लेकर कल ही निकल चुके हैं। कई लोग तो ट्रकों में जरूरी सामान लेकर कहीं अन्य निकलें हैं। आसपास के लोगों को भय है कि कहीं उनके घर का सामान भी बर्बाद ना हो जाए। एमराल्ड कोर्ट और उससे सटे एटीएस विलेज सोसाइटियों के करीब 5,000 निवासियों को रविवार सुबह 7 बजे तक एक दिन के लिए घर से बाहर निकलने को कहा गया था। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ट्रैफिक में किया परिवर्तन
रविवार को नोएडा सेक्टर 93ए में ट्विन टावरों की ओर जाने वाली सड़कों पर ट्रैफिक में परिवर्तन किए गए हैं।
नोएडा पुलिस ने 400 से अधिक कर्मियों को ट्विन टावर के क्षेत्र में रविवार को तैनात किया है। NDRF और उत्तर प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए मौके पर मौजूद रहेंगी। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि ध्वस्तीकरण के बाद क्षेत्र से धूल हटाने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के अलावा, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर भी साइट पर लगाए जाएंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।