नोएडा के डीएम सुहास ने टोक्यो पैरालंपिक में जीता रजत पदक, उत्तराखंड के मनोज सरकार को बधाइयों का तांता
नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज टोक्यो पैरालंपिक्स में बैडमिंटन की मेंस फाइनल प्रतियोगिता में हार गए हैं। हालांकि उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज टोक्यो पैरालंपिक्स में बैडमिंटन की मेंस फाइनल प्रतियोगिता में हार गए हैं। हालांकि उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। सुहास रविवार को फाइनल के कड़े मुकाबले में फ्रांस के अपने प्रतिद्वंद्वी लुकास माजुर से हार गए। माजुर ने उन्हें SL4 class मुकाबले में 15-21, 21-17 21-15 से हराया। सुहास से सबको गोल्ड मेडल जीतने की बड़ी उम्मीदें थीं। इस प्रतियोगिता में इंडिनेशिया के फ्रेडी सेतियावान ने कांस्य पदक जीता और उन्होने भारत के तरुण ढिल्लन को हराया। इस पैरालंपिक में भारत को अब तक चार गोल्ड मेडल मिले हैं। वहीं, पदक तालिका में भारत के मेडल की संख्या 18 हो गई है। इसके साथ ही बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले उत्तराखंड के मनोज सरकार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर उत्तराखंड के लोग खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। वहीं, सुहास को पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी ने ट्विट कर बधाई दी।38 साल के सुहास नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट हैं। उनके एक टखने में परेशानी है। करीब 62 मिनट चले फाइनल मुकाबले में उन्होंने विश्व चैंपियन माजुर के सामने जबरदस्त चुनौती पेश की। सुहास क्वालीफाइंग ग्रुप में भी माजुर से हार गए थे। माजुर ने यूरोपीय चैंपियनशिप में भी तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। हालांकि सुहास ने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी को चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के जिला मजिस्ट्रेट सुहास पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी बन गए हैं। सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 21-9, 21-15 से हराया था। सुहास एक कंप्यूटर इंजीनियर से आईएएस अधिकारी बने हैं. 2020 से नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं। यह ऐसी भूमिका थी, जिसमें उन्हें कोविड-19 महामारी से लड़ाई में सबसे आगे देखा गया।
फाइनल मुकाबले से एक दिन पहले उनकी पत्नी रितु सुहास ने कहा था कि मैच जीतकर वह काफी खुश थे। आज सुबह उन्होंने मीडिया से कहा कि पूरा परिवार रात भर नहीं सो पाया था। वह खुद मैच देखने से वंचित रह गई। क्योंकि उस समय पर पूजा पाठ कर रही थी। परिवार के अन्य लोगों ने फाइनल मुकाबला देखा। उन्होंने कहा कि पति का सपना पैरालंपिक में भारत के लिए खेलना था। उन्होंने अपने जीवन के करीब छह साल इसके लिए समर्पित किए। मैंने उन्हें परिणाम की चिंता के बिना अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलने के लिए कहा था।
मनोज सरकार की उपलब्धि पर उत्तराखंड को नाज
उत्तराखंड के रुद्रपुर निवासी मनोज सरकार ने पुरुष एकल के एसएल-3 वर्ग में जापान के फ्यूजिहेरा दाईस्युक को हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया था। उनकी इस सफलता के बाद से ही उन्हें शुभकामनाएं दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, बैडमिंटन में प्रतिष्ठित कांस्य पदक स्वदेश लाने के लिए मनोज सरकार को बधाई। आने वाले समय के लिए भी उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद उधमसिंह नगर निवासी मनोज सरकार द्वारा टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने मनोज सरकार को फोन पर बधाई देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर आमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अपनी खेल प्रतिभा से प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है। मुख्यमंत्री ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी मनोज सरकार को कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी है।





