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November 21, 2024

यूसीसी की नहीं जरूरत, उत्तराखंड को राजनीतिक प्रयोगशाला ना बनाए सरकारः त्रिवेंद्र पंवार

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के प्रावधानों के खिलाफ 48 घंटे के धरने पर बैठे उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने जूस पी कर उपवास समाप्त कर दिया। उपवास देहरादून में गांधी रोड स्थित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में किया गया। इस मौके पर एसडीएम देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। त्रिवेंद्र पंवार ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी जैसे कानून की कोई जरूरत नहीं है। उत्तराखंड सरकार को इस राज्य को राजनीति की प्रयोगशाला नहीं बनाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि यहां के मूल निवासी जिन मांगों को लेकर जन आंदोलन कर रहे हैं, सरकार उस तरफ से जनता का ध्यान हटाने के लिए बार बार यूसीसी लागू करने की बात रहती है। उत्तराखंड राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। हिमालय राज्य होने के कारण राज्य में अनुच्छेद 371 की विशेष व्यवस्था के अंतर्गत सशक्त भू- कानून तथा मूल निवास 1950 लागू करना आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूकेडी के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि यहां के मूल निवासियों की ओर से संरक्षित जल, जंगल, जमीन पर बाहरी लोगों की ओर से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। सभी नदियों, पर्वतों को खुर्दबुर्द कर दिया गया है। इसमें सरकार भी पूर्ण भागीदारी निभा रही है। सरकार की मंशा राज्य स्थापना दिवस के दिन राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की थी, लेकिन उत्तराखंड क्रांति दल का स्पष्ट मानना है कि देवभूमि उत्तराखंड में UCC जैसे बिल की कोई आवश्यकता नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट पढ़ने के पश्चात ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में इस प्रकार के औचित्यहीन बिल लाने के लिए सरकार द्वारा बुद्धिजीवियों के साथ विचार विमर्श नहीं किया गया। ड्राफ्ट में राज्य में लिव इन रिलेशनशिप को मान्य करने के लिए नियम लाया गया है, जो कि हिंदू समाज के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इससे समाज में अनैतिकता को बढ़ावा मिलेगा तथा एक साल तक राज्य में निवास करने पर यहां की स्थाई निवास प्रमाण पत्र मिलने से लोग स्थाई निवासी बन जाएंगे। ये भी उत्तराखंड राज्य में सुरक्षात्मक दृष्टि से ठीक नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल यूसीसी का पुरजोर विरोध करता है। साथ ही सरकार से मांग करता है कि इसे लागू ना किया जाए। राज्य के हित में हिमालय प्रदेश की तर्ज पर धारा 371 लागू कर मूल निवास 1950 तथा सशक्त भू कानून लागू करें। यदि सरकार अपनी मनमानी नहीं छोड़ती है तो उत्तराखंड क्रांति दल संपूर्ण राज्य में आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर सनी भट्ट तथा मुस्लिम गो सेवा संगठन के अध्यक्ष इमरान अहमद ने भी 48 घंटे तक उपवास पर बैठे थे। धरना प्रदर्शन में यूकेडी के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद प्रकाश जुयाल, केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय, उत्तरापंत बहुगुणा, केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सजवान, दिनेश नेगी, केंद्रीय युवा अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट, मोहन सिंह असवाल, केंद्रीय प्रवक्ता दीपक रावत, टीकम सिंह राठौड़, मीनाक्षी घड़ियाल, नैना लखेड़ा, उषा रमोला, मंजू कलूड़ा, शशि, प्रवीण चंद्र रमोला, भोला चमोली, मनोज कंडवाल, अशोक नेगी, उत्तम रावत, रामपाल, नितेश उनियाल आदि कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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