हरिद्वार कुंभ में नहीं कोरोना का खौफ, शारीरिक दूरी और मास्क के टूटे नियम, शाही स्नान जारी

हरिद्वार कुंभ में सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों में उमड़ी हुई है। वहीं, हरिद्वार के बाजारों और सड़कों पर भी भीड़ है। हालांकि ये भी अन्य कुंभ की अपेक्षा इस बार कोरोनाकाल के चलते कम है। फिर भी लोगों में काफी उत्साह है। रविवार से ही हरिद्वार में लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। सोमवार की सुबह तक नौ लाख से अधिक लोग स्नान कर चुके थे। वहीं, अखाड़ों का शाही स्नान का क्रम जारी है।
बता दें कि शाही स्नान से एक दिन पहले पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए कोविड-19 नियमों के बावजूद नदी के तट पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। हालांकि कई श्रद्धालुओं का दावा है कि कोरोना अब बड़ी चिंता का विषय नहीं है। क्योंकि राज्य सरकार ने हरिद्वार आने वालों के लिए कोरोना निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है।
सोमवार को शाही स्नान के दौरान श्रद्धालुओं के साथ-साथ 13 अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले साधु-संत भी गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। बता दें कि कोरोनावायरस के चलते इस बार कुंभ मेले की अवधि पहली बार घटा दी गई है। इस साल कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक किया गया है। कोरोना महामारी के चलते कुंभ मेले में प्रवेश को लेकर भी काफी सावधानियां बरती जा रही हैं। इससे पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की रिपोर्ट, जिसमें उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि हो या टीकाकरण रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया था।
कुंभ मेले का पहला शाही स्नान शुरू हो गया है। हरिद्वार में हरकी पैड़ी स्थित ब्रहमकुंड पर मध्य रात्रि के बाद से आम श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या का स्नान शुरू कर दिया था। सुबह चार बजे ब्रह्मकुंड को अखाडों के साधु संतों के स्नान के लिए आरक्षित कर दिया। सुबह साढ़े आठ बजे शाही स्नान शुरू हुआ। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संतों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। इसके बाद जूना अखाड़े ने, अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े के साथ गंगा में स्नान किया।
कोरोना संक्रमित होने के कारण अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि स्नान और जुलूस में शामिल नहीं हो सके। बाकी अखाड़े अब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। अखाडे के संतों का स्नान शाम पांच बजे तक चलेगा। आम श्रद्धालु गंगा के अन्य घाटों पर स्नान कर रहे हैं। इस बीच, कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर नहीं आने वाले बडी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार की सीमा से लौट गए। इस बार शाही स्नान में पिछले कुंभ पर्वों की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या कम नजर आ रही है।
नियम हुए हवा
हरिद्वार में स्नान पर्व के दिन कोरोना के नियम हवा हो गए। सोशल डिस्टेंसिंग को लागू कराना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। पुलिस को भय है कि यदि ज्यादा सख्ती की गई तो भगदड़ मच सकती है। लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं। वहीं, घाटों में भीड़ ऐसे जुट रही है, जैसे कोरोना का कोई खौफ नहीं है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।