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December 24, 2024

क्रांति दिवस के दिन नीतीश कुमार की क्रांति, बीजेपी से किनारा, देंगे इस्तीफा, राज्यपाल से मांगा समय, महागठबंधन की बनेगी सरकार

क्रांति दिवस यानि आज नौ अगस्त के दिन बिहार में सियासी क्रांति होने जा रही है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ क्रांति करते हुए गठबंधन से किनारा करने वाले हैं। बीजेपी से अलग होने की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। वह आज 12.30 बजे राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौंप सकते हैं। उधर, कांग्रेस और राजद ने संकेत दिया है कि अगर वह भाजपा को छोड़ देते हैं तो वे महागठबंधन के लिए तैयार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने कहा कि अब विस्फोटक खबर सामने आने वाली है। राजद विधायक और नेता भी सुबह 11 बजे लालू प्रसाद यादव के पटना आवास पर बैठक कर रहे हैं। बैठक कक्ष के बाहर सभी विधायकों के मोबाइल फोन रखे जा रहे हैं। लेफ्ट पार्टी के विधायक भी बड़ी बैठक के लिए लालू यादव के घर पहुंचे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नीतीश कुमार की पार्टी की अहम बैठक से पूर्व तीन पार्टियों कांग्रेस, सीपीआई एमएल और जीतन राम माँझी की हम ने उनको बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की है। सूत्र बताते हैं कि सोमवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की। बावजूद इसके जेडीयू के तेवर पहले की तरह बरकरार हैं। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फ़ैसले का इंतज़ार है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के नेताओं को बिहार के घटनाक्रम को लेकर बयानबाज़ी न करने को कहा है। बिहार बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार से चर्चा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संभावना है कि बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना लेंगे। दिलचस्प बात ये है कि आरजेडी और कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को पटना में रहने को कहा है। बिहार में राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को कहा था कि वह नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड , जद(यू) को गले लगाने” को तैयार है, बशर्ते वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़ दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है। इससे पहले सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने राज्य में विकसित हो रहे राजनीतिक परिदृश्य पर विचार करने के लिए बिहार में अपने विधायक दल की बैठक भी बुलाई थी। वहीं जदयू नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है। कुशवाहा ने कहा कि हां बिल्कुल… एनडीए गठबंधन में सबकुछ ठीक है। आज हम कोई दावा नहीं कर रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यताएं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नई सरकार के लिए ये हैं समीकरण
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 243 सीटों में से नीतीश की पार्टी JDU ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि BJP ने 77 सीटों पर विजय हासिल की थी। JDU के कम सीटें जीतने के बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था और प्रदेश की कामान उनको सौंपी थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 79 सीटें और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, हम को 4 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने पहले ही जदयू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। अगर जेडीयू बीजेपी गठबंधन से बाहर निकलती है तो कांग्रेस समर्थन देगी और उसके पास 19 विधायक हैं। वहीं सीपीआईएमएल के पास 12 और हम के पास 4 विधायक हैं। उन्होंने भी बिना शर्त समर्थन की बात कह दी है। बहुमत का आंकड़ा 122 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कब-कब बदल चुके हैं नीतीश पाला
साल 1994 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़कर,जॉर्ज फर्नान्डिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था।
1996 में बिहार में भाजपा से हाथ मिलाया और 2013 तक साथ चले। इस बीच वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने और दोनों दलों ने मिलकर सरकार चलाई।
साल 2013 में , जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया तो उन्होंने 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया।
2015 में पुराने सहयोगी लालू यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया।
2017 में फिर महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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