बिहार में नीतीश कुमार ने बदला पाला, सीएम पद से दिया इस्तीफा, अब आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के साथ बनेगी सरकार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पाला बदला और बीजेपी का साथ छोड़ने के साथ ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार सुबह जेडीयू विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके फिर से सरकार बनाने के कयास पुख्ता हो गए थे। नीतीश मंगलवार दोपहर करीब 3.45 बजे राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए निकले। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया। नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रही थी। जेडीयू की विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बीजेपी पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया। साथ ही उनकी पार्टी तोड़ने की तोहमत भी मढ़ी। नीतीश कुमार बाद में तेजस्वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)बता दें, वर्ष 2017 तक आरजेडी के तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव, नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे। जेडीयू, लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के सहयोग से यह सरकार बनी थी। नीतीश यादव ने बीजेपी के साथ संबंध खत्म करते हुए यह गठजोड़ बनाया था। बाद में उन्होंने तेजस्वी और उनके भाई तेजप्रताप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गठबंधन खत्म कर लिया था और बीजेपी के पास वापस लौट गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिहार में सत्ता में सहयोगी रहे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया था। नीतीश कुमार का मानना था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जेडीयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। जेडीयू की ओर से भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी ने पिछले सप्ताह के अंत में जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2017 में आरसीपी ने नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल ज्वॉइन किया था। बाद में नीतीश ने उनका राज्यसभा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जिसके कारण आरसीपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नई सरकार के लिए ये हैं समीकरण
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 243 सीटों में से नीतीश की पार्टी JDU ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि BJP ने 77 सीटों पर विजय हासिल की थी। JDU के कम सीटें जीतने के बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था और प्रदेश की कामान उनको सौंपी थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 79 सीटें और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, हम को 4 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने पहले ही जदयू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। अगर जेडीयू बीजेपी गठबंधन से बाहर निकलती है तो कांग्रेस समर्थन देगी और उसके पास 19 विधायक हैं। वहीं सीपीआईएमएल के पास 12 और हम के पास 4 विधायक हैं। उन्होंने भी बिना शर्त समर्थन की बात कह दी है। बहुमत का आंकड़ा 122 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कब-कब बदल चुके हैं नीतीश पाला
साल 1994 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़कर,जॉर्ज फर्नान्डिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था।
1996 में बिहार में भाजपा से हाथ मिलाया और 2013 तक साथ चले। इस बीच वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने और दोनों दलों ने मिलकर सरकार चलाई।
साल 2013 में , जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया तो उन्होंने 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया।
2015 में पुराने सहयोगी लालू यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया।
2017 में फिर महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



