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March 11, 2025

एनडीटीवी के बिकने व रवीश कुमार के इस्तीफे की खबर, कंपनी के शेयर में उछाल, एनडीटीवी और रवीश ने दिया ये जवाब

समाचार चैनल एनडीटीवी के बिकने की खबर फिजाओं में तैरने लगी। इसका किसे लाभ मिला या किसे नुकसान हुआ ये तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि चैनल के शेयर में दो दिन के भीतर बीस फीसद का उछाल जरूर आया। साथ ही खबर ये भी फैलाई गई कि रवीश कुमार ने भी चैनल के बिकने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है।

समाचार चैनल एनडीटीवी के बिकने की खबर फिजाओं में तैरने लगी। इसका किसे लाभ मिला या किसे नुकसान हुआ ये तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि चैनल के शेयर में दो दिन के भीतर बीस फीसद का उछाल जरूर आया। साथ ही खबर ये भी फैलाई गई कि रवीश कुमार ने भी चैनल के बिकने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। इन खबरों का एनडीटीवी ने खंडन किया तो रवीश कुमार ने भी ऐसी अफवाहों को फैलाने वालों को जोरदार जवाब दिया है। ठीक इसी तरह की खबर वर्ष 2017 में भी उड़ाई गई थी। तब भी एनडीटीवी की ओर से खंडन किया गया था।
इस बार भी बाजार में चल रही खबरों और अटकलों का खंडन किया गया है। कंपनी ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि नयी दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के संस्थापक-प्रवर्तक और पत्रकार राधिका तथा प्रणय रॉय ने एनडीटीवी के स्वामित्व में बदलाव या हिस्सेदारी बेचे जाने के संदर्भ में किसी भी संस्था के साथ बातचीत न तो अभी कर रहे हैं और न की है। सोमवार को अफवाह उड़ी थी कि कंपनी में कंट्रोलिंग स्टेक अडाणी ग्रुप ले सकता है।
अडाणी ग्रुप द्वारा खरीदे जाने की अफवाह के चलते एनडीटीवी के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी दर्ज की गई। बीएसई पर कंपनी का शेयर 9.98 फीसदी बढ़कर 87.60 रुपए के भाव पर पहुंच गया। सोमवार को भी कंपनी के शेयर में 10 फीसदी की तेजी आई थी। कंपनी में संस्थापक-प्रवर्तक, राधिका और प्रणय रॉय की हिस्सेदारी 61.45 फीसदी है।
बीएसई ने नयी दिल्ली टेलीविजन लि. (एनडीटीवी) से अडाणी समूह द्वारा हिस्सेदारी खरीदने जाने की खबर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. इसकी वजह यह अफवाह थी कि कंपनी में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी अडाणी ग्रुप ले सकता है। हालांकि, एनडीटीवी ने इसे अफवाह बताया और इस प्रकार की किसी भी बातचीत से इनकार किया। एनडीटीवी ने सूचना में कहा कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि शेयर में अचानक से उछाल क्यों आया। उसने कहा, एनडीटीवी आधारहीन अफवाह पर लगाम नहीं लगा सकती और न ही इस प्रकार की आधाहीन अटकलों में शामिल होती है।
निवेशकों को हुआ 98 करोड़ का फायदा
दो दिनों में एनडीटीवी के शेयरों में 20 फीसदी का उछाल आया है। शेयर से तेजी से कंपनी के निवेशकों को बड़ा फायदा हुआ है और उनकी दौलत करीब 100 करोड़ रुपये बढ़ गई है। दो दिन में निवेशकों को 98 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 564.77 करोड़ रुपये हो गया।
रवीश कुमार के इस्तीफे की भी उड़ाई जा रही है खबर
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के NDTV से इस्तीफा देने की खबर भी उड़ाी जा रही है। ऐसी खबरों में कहा जा रहा है कि कई वर्षों से NDTV के लिए काम कर रहे रविश कुमार ने आखिर उस न्यूज़ चैनल को अलविदा कह दिया है। रविश कुमार NDTV पर अपने प्रोग्राम प्राइम टाइम को लेकर काफी चर्चित हैं। वहीं मीडिया में यह खबर भी चल रही है कि, अडानी ग्रुप, NDTV न्यूज़ चैनल को खरीदने जा रहा है। दरअसल, NDTV, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे उद्योगपतियों पर हमेशा से हमलावर रहा है। वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा कि- अडानी समूह एक पुराना टीवी चैनल खरीदने जा रहा है, जो हमेशा उन पर हमला करता था, इस डील पर हस्ताक्षर लंदन में होंगे। कुछ लोग कहते हैं कि ये डील 1600 करोड़ रुपये की है, लेकिन वर्तमान में जो व्यक्ति शीर्ष पर है उसे केवल 100 करोड़ रुपये मिलेंगे और प्रमुख शेयरधारक 750 करोड़ रुपये लेंगे।
रवीश कुमार ने कुछ इस तरह दिया जवाब
सोशल मीडिया में उड़ाई जा रही इस्तीफे की खबरों को लेकर रविश कुमार ने अपने की अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने ऐसी खबरों को उड़ाने वालों पर कड़ा तंज कसा। फेसबुक में रविश कुमार की पोस्ट कुछ इस तरह है-
रवीश कुमार के इस्तीफ़े की अफ़वाह का सच
मैं भी पता कर रहा हूँ कि मेरा इस्तीफ़ा किसने दिया ? मैंने ही दिया या इसकी कहानी लिखकर हिट्स उड़ाने वालों ने दिलवा दिया। जो लोग इस तरह की अफ़वाह उड़ा रहे हैं लगता है उनके पास उड़ाने के लिए पैसे नहीं हैं।
कृपया इस बारे में मुझसे सही जानकारी न माँगे। पहले ग़लत फैला दो और फिर मुझी से पूछो कि ग़लत है या यही।
मैं सिर्फ़ यही जानना चाहता हूँ कि जनसत्ता ने ये अफ़वाह छापी है या नहीं। मेरे बारे में कुछ भी छाप कर हिट्स कमाने वाला जनसत्ता क्या कर रहा है।


बाक़ी रिलैक्स करें। दोस्तों, नौकरी की हालत देश में बहुत बुरी है। सभी के लिए। आपके प्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी ने इस प्यारे देश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। इसमें अब पहले जैसी न तो नौकरी है और न सैलरी। इसका मतलब यह नहीं कि आप दुखी हो जाएँ। बिल्कुल नहीं। जब लगे कि भविष्य में कुछ नहीं ठीक होगा तो अतीत का ठीक करने में लग जाएँ। महापुरुषों की मूर्ति या स्मारक बनाने के नाम पर अतीत के गौरव की बहाली में जुट जाएँ। अच्छा टाइम कटेगा। और तब मन दुखी हो तो मुसलमानों को क्या करना चाहिए उस पर विचार करें, उसमें तो इतनी ख़ुशी मिलेगी कि आप कंट्रोल नहीं कर पाएँगे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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