नितिन गडकरी को बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटाने पर एनसीपी की टिप्पणी-नेतृत्व को चुनौती बनने वालों के पर कतर देती है बीजेपी

गौरतलब है कि बीजेपी संसदीय बोर्ड का नए सिरे से गठन किया गया है। यह पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था है। इस बार बीजेपी संसदीय बोर्ड में बड़े बदलाव करते हुए पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया गया है। वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इसमें एंट्री नहीं दी गई है। वहीं, आश्चर्यजनक तरीके से कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा इसमें शामिल किए गए हैं। बड़े नाम इसमें शामिल ना करने के पीछे कई तरह की चर्चाएं हैं। क्योंकि नरेंद्र मोदी के बाद पीएम के प्रबल दावेदारों में अमित शाह के साथ ही नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान के नामों की चर्चा होती रहती है। ऐसे में फिलहाल इन नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फिलहाल बीजेपी में सिर्फ तीन नेता ही मजबूत नजर आ रहे हैं। ये नेता पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा हैं। पार्टी के हर निर्णय इन तीन नेताओं की ओर से ही लिए जाते हैं, ऐसा माना जाता है। नितिन गडकरी को हटाने के पीछे माना जा रहा है कि उन्हें मोदी के बाद दूसरे दमदार नेता के रूप में देखा जा रहा था। वहीं, योगी आदित्यनाथ को भी इसमें शामिल नहीं किया गया। शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से हटाने के पीछे कहा जा रहा है कि योगी की बोर्ड में एंट्री को रोकना है। ताकि कहा जाए कि किसी भी मुख्यमंत्री को इसमें जगह नहीं दी गई है। इसके साथ ही गडकरी और योगी को केंद्रीय चुनाव समिति में भी स्थान नहीं दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्यों में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा उनके कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह भी शामिल हैं। नितिन गडकरी का इस महत्वपूर्ण समिति से बाहर होना आश्चर्यजनक है। गडकरी, नरेंद्र मोदी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री हैं, वे बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। आमतौर पर पार्टी अपने पूर्व अध्यक्ष को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्विटर पर कहा कि नितिन गडकरी को भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल नहीं किया जाना दर्शाता है कि एक कुशल राजनेता के तौर पर उनका कद कई गुना बढ़ गया है। भाजपा के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से दोनों नेताओं को बाहर रखना उनके घटते राजनीतिक कद के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गडकरी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया गया था। पिछले महीने गडकरी ने कहा था कि उनका मन कभी-कभी राजनीति छोड़ने का करता है, क्योंकि जीवन में करने को और भी बहुत कुछ है। उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि राजनीति, आजकल, सामाजिक परिवर्तन के लिए साधन के बजाय सत्ता में बने रहने पर ज्यादा केंद्रित है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Nitin Gadkari is one of my favourite Politician.
I really love his dedication and work. He is man who is follower of Vivekanand