Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 17, 2025

मणिपुर की घटना को लेकर सीटू का देशव्यापी प्रदर्शन, दून में फूंका पीएम का पुतला

मणिपुर में तीन मई से जारी जातीय हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के विरोध में आज सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू के आह्वान पर देशव्यापी प्रदर्शन किए गए। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी गांधी पार्क के निकट प्रदर्शन के साथ ही पीएम मोदी का पुतला दहन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने मणिपुर की घटना को शर्मशार करने वाली घटना बताया। साथ ही इस मामले में केंद्र और मणिपुर की बीजेपी सरकार को ही दोषी बताया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

घोषित कार्यक्रम के तहत सीटू से जुड़े कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित सीटू जिला कार्यालय में एकत्रित हुए। वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जलूस के रूप में गांधी पार्क होते हुए क़्वालिटी चोक पहुंचे। जहां पर पुतले को आग के हवाले कर दिया। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा शुरू हो गई थी। चार मई को तीन महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया। इसकी रिपोर्ट 18 मई को की गई। 21 मई को थाने में मुकदमा दर्ज होता है। इसके बावूजद किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि जब दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 मई को वायरल होता है और सुप्रीम कोर्ट मामले को संज्ञान लेता है। केंद्र और राज्य सरकार के कार्रवाई के बारे में पूछता है, तब जाकर मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी चुप्पी तोड़ते हैं। इस दौरान भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। घटना की निंदा तो करते हैं, लेकिन लोगों से शांति की अपील तक नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। इसके बावूजद पुलिस की आंख के सामने महिलाओं से दुष्कर्म होता है और आरोपियों को पकड़ने का सिलसिला तब शुरू होता है, जब सुप्रीम कोर्ट घटना का संज्ञान लेता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ना तो केंद्र की ओर से हिंसा रोकने के प्रयास हुए और ना ही मणिपुर की सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। घटनाओं को छिपाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं में एक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। एक के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी गई। इसी तरह दो अन्य युवतियों से रेप करने के बाद उनकी हत्या की जानकारी सामने आ रही है। पीएम मोदी मौन साधे रहे और जब बोले तो उल्टे विपक्षी दलो की दूसरी राज्य सरकारों को निशाना बनाने से नहीं चूके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड हो, या कोई और घटना। सभी में हत्यारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कठुआ में बच्ची से बलात्कार करने के बाद हत्या करने वालो के समर्थन में तिरंगा लेकर भाजपा के तत्कालीन मंत्री भी प्रदर्शन में शामिल थे। बिलकिस बनो बलात्कारियों की सजा माफ करने वाली यही सरकार है। भाजपा और आरएसएस के लोग जेल से छूटने पर ऐसे बलात्कारियों का फूलमालाओं से स्वागत करते हैं। ऐसी घटनाओं से भाजपा का महिला विरोधी चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सरकार में रहने का नैतिक आधार खो दिया है। इन्हे तुरन्त गद्दी छोड़ देनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद महिलाओं पर बेतहाशा हमले बढ़े है। सरकार के लोग ऐसे मामलों को जायज ठहराने की कौशिश करते हैं। पहवानों के यौन शोषण की घटना ताजा उदाहरण है। आरोपी सांसद को भी जेल नहीं भेजा गया और ना ही पार्टी से हटाया गया। यह सरकार महिलाओ के सवालों पर मौन धारण कर लेती है। संसद में इस सवाल पर बहस से भी सरकार बच रही है। जनवादी महिला सभा की नेत्री इंदु नौढियाल ने मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री द्वारा मात्र 40 सेकेंड में अपनी बात को रखना और उस घटना का राजनैतिकरण करने को घोर निंदनीय बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों में सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, किसान सभा के प्रांतीय महामन्त्री गंगाधर नोटियाल, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान, ज्योतिका पांडे, रजनी गुलेरिया, भोजन माता यूनियन की महामन्त्री मोनिका, आशा यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, अनंत आकाश, राजेन्द्र पुरोहित, मनमोहन रौतेला, उमा नोटियाल, राम सिंह भंडारी, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के महामन्त्री विजय भट्ट, दिनेश नोटियाल, इंद्रेश नोटियाल, मामचंद, राजतिलक कनोजिया, रमेश कनोजिया आदि शामिल थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page