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January 22, 2025

एम्स में पैकेजिंग लेबलिंग को लेकर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला, चिकित्सकों ने उठाई एफओपीएल को लागू करने की मांग

स्वस्थ भोजन की अनिवार्यता को देखते हुए फ्रंट ऑफ पैकेजिंग लेबलिंग (एफओपीएल) को लागू करने की मांग को लेकर एम्स ऋषिकेश में कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्तर की इस कार्यशाला में देशभर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एफओपीएल को अनिवार्यरूप से लागू करने की मांग उठाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संस्थान के सीएफएम विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में कहा गया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की बढ़ती खपत के साथ, वास्तविक पोषण संबंधी जानकारी को सरल व प्रभावी तरीके से पहुंचाना और उपभोक्ताओं को स्वस्थ विकल्पों के प्रति मार्गदर्शन करना सरकार की प्रमुख नीतिगत प्राथमिकता है। वक्ताओं ने फ्रंट ऑफ पैक लेबलिंग (एफओपीएल) को सबसे प्रभावी नीति समाधान बताया और कहा कि इसके लागू हो जाने से उपभोक्ताओं को फूड पैकेट्स में चीनी, सोडियम और संतृप्त वसा के उच्च स्तर के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (एफओपीएएल) को एकीकृत करने से गैर-संचारी रोगों के खतरे से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकांश ग्राहक, पैकेजिंग फूड के खाद्य पदार्थों में मौजूद विभिन्न तत्वों और उसमें मिलाई गई अन्य सामग्रियों से अनजान हैं। कहा कि एफओपीएल को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक स्तर पर योजना बनाने की आवश्यकता है, ताकि साक्ष्य-आधारित डेटा के आधार पर मांग को प्रभावी ढंग से उठाया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएफएम विभाग के अपर आचार्य डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फूड पैकेजों में प्रभावी चेतावनी लेबल का कार्यान्वयन दुनियाभर में प्रभावी साबित हुआ है, लिहाजा इसे भारत में भी लागू किया जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन उत्तराखंड मुख्यालय के उपायुक्त गणेश चन्द्र कंडवाल ने एफओपीएल प्रणाली के उपभोक्ता परिप्रेक्ष्य, उद्योग परिप्रेक्ष्य और नियामक ढांचे जैसे तीन प्रमुख पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने बताया कि कि एफएसएसएआई ने 2019 में खाद्य सुरक्षा मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम का मसौदा अधिसूचना जारी की थी और 15 फरवरी 2022 को एफएसएसएआई ने फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (एफओपीएल) के लिए अपने मसौदा नियमों में स्वास्थ्य-स्टार रेटिंग प्रणाली को अपनाने का फैसला किया। ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर (जीएचएआई) के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. ओम प्रकाश बेरा ने कहा कि सभी के लिए स्वस्थ भोजन की पहल ने लोकप्रियता हासिल की है और एफओपीएल नीति का समर्थन करने वाले एक राजनीतिक आंदोलन के विकास में योगदान दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाला को एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर (डॉ.) उमेश कपिलय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (एनआईएचएफडब्ल्यू), नई दिल्ली की प्रोफेसर (डॉ.) सुनीला गर्ग, एम्स ऋषिकेश की डीन एकेडेमिक प्रो. (डॉ.) जया चतुर्वेदी, प्रो. (डॉ.) शैलेन्द्र हांडू, प्रो. (डॉ.) वर्तिका सक्सैना, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. योगेश बहुरुपी, डॉ. राकेश शर्मा आदि ने भी संबोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एम्स दिल्ली के प्रो. (डॉ.) संजय राय, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के प्रो. (डॉ.) जे एस ठाकुर, डॉ. पूनम खन्ना, खाद्य एवं पोषण विभाग गवर्नमेंट होम साइंस कॉलेज चंडीगढ़ की डॉ. रितु प्रधान, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जौलीग्रांन्ट के प्रो. (डॉ) ए.के. श्रीवास्तव और डॉ नेहा शर्मा, हिंदू राव अस्पताल नई दिल्ली की डॉ. आरती कपिल आदि ने गैर-संचारी रोग (एनसीडी) और फ्रंट ऑफ पैकेजिंग लेबल (एफओपीएल), बचपन में मोटापा और डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ और उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह के रोगियों द्वारा उच्च वसा, चीनी और नमक की अधिक खपत करने जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ईएफआई के डॉ. उमेश कपिल ने भारत में एफओपीएल को शुरू करने के महत्व के साथ-साथ सभी पेशेवर एसोसिएशन निकायों को उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने और नीति निर्माताओं पर दबाव डालने के लिए समय समय पर बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग रखी कि भारत में एफओपीएल के लिए विनियमन को तुरंत लागू किया जाय। इस दौरान सी.एफ.एम विभाग के विभिन्न फेकल्टी सदस्य, एसआर, जेआर और अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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