Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 10, 2024

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उत्तराखंड से भेजे गए तीन बच्चों के नाम, जानिए उनकी वीरता की कहानी

इस बार राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से लिए उत्तराखंड से तीन बच्चों के नाम भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को भेजे गए हैं। राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से भेजे गए नामों में रुद्रप्रयाग जिले के नितिन, पौड़ी गढ़वाल के आयुष ध्यानी एवं अमन सुंद्रियाल शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर वर्ष 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में ये पुरस्कार शुरु किये थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है। 26 जनवरी के दिन ये बहादुर बच्चे हाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

साहस का परिचय देकर नितिन ने गुलदार से बचाई भाई की जान
बता दें, रुद्रप्रयाग के तमिण्ड गांव निवासी नितिन का सामना चंडिका मंदिर जाते हुए रास्ते में गुलदार से हो गया था। अदम्य साहस का परिचय देते हुए नितिन ने गुलदार से अपनी और अपने भाई की भी जान बचा ली। घटनाक्रम के अनुसार 18 वर्षीय नितिन 12 जुलाई 2021 की सुबह अपने बड़े भाई सुमित के साथ नारी देवी चंडिका मंदिर महायज्ञ में जा रहा था। रास्ते में डाडू तोक के पास पानी के स्रोत से वह पानी पीने लगा। इस बीच उसका बड़ा भाई कुछ आगे निकल गया, तभी पहले से घात लगाए बैठा गुलदार नितिन पर झपट गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

फोटोः नितिन

नितिन को तीन मीटर नीचे की ओर धकेलकर फिर उस पर झपटा। नितिन ने गुलदार से संघर्ष में उसके दोनो पंजों को पकड़ लिया, जो लहूलुहान होने के बावजूद अपने जीवन के लिए संघर्ष करता रहा। कुछ देर बाद नितिन का बड़ा भाई मौके पर पहुंच गया और उसने गुलदार पर पत्थर फेंके। इस बीच गुलदार नितिन को छोड़कर उसके भाई की और दौड़ पड़ा। इसी बीच नितिन के हाथ एक छड़ी लगी और उसने गुलदार पर तेजी से घुमाया और शोर मचाना शुरू कर दिया। बच्चे की आवाज सुनकर ग्रामीण पहुंचे तो गुलदार भाग गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

फोटोः आयुष

आयुष और अमन ने जंगल की आग बुझाकर स्कूल को बचाया
पौड़ी जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरी नैनीडांडा के 9वीं कक्षा के छात्र आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका के साथ जंगल में लगी आग बुझाकर स्कूल को सुरक्षित बचा लिया। स्कूल की छुट्टी के बाद अपनी प्रधानाध्यापिका मीना को जंगल की आग बुझाते देख आयुष और अमन अपनी जान की परवाह किए बगैर आग बुझाने में जुट गए। स्कूल जंगल के पास होने से आग का खतरा बना था। पुरस्कार के लिए अंतिम चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली की ओर से किया जाएगा।

फोटोः अमन
+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page