मिश्र में चीखती ममी का खुला रहस्य, 3500 साल पहले मौत के समय खुला रह गया था मुंह, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
पुरातत्वविदों ने मिस्र के लक्सर के पास मिली एक ममी से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण खोज की है। 1935 में प्राचीन मिस्र की महिला के ममीकृत अवशेष मिले थे। इसमें उसका मुंह खुला हुआ है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि वह चीख रही है। पहले माना जा रहा था कि महिला का मुंह ममी के दौरान हुई लापरवाही की वजह से खुला रह गया होगा, लेकिन नई स्टडी इस सोच के बिल्कुल उलट है। इस रहस्यमय महिला ने लगभग एक शताब्दी से शोधकर्ताओं को अपनी ओर खींचा है। हाल ही में वैज्ञानिकों और उनकी एक टीम ने गहराई से जानने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे उसके जिंदगी और मौत के बारे में दिलचस्प जानकारी सामने आई है। उन्नत सीटी स्कैन, इन्फ्रारेड इमेजिंग और अन्य तकनीकों के इस्तेमाल से ममी की आकृति विज्ञान, स्वास्थ्य स्थितियों और संरक्षण को लेकर जानकारी मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दर्दनाक थी महिला की मौत
नई स्टडी के मुताबिक, इस ममी को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे महिला की मौत बहुत ही दर्दनाक थी, जिसकी वजह से उसकी मांसपेशियां अपनी जगह पर अकड़ गईं। महिला की इस ममी को देखकर रिसर्चर्स भी हैरान हैं। वैज्ञानिकों की टीम ने आधुनिक तकनीक के जरिये महिला की जिंदगी और मौत के बारे में जानने की कोशिश की, जिससे चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौत के वक्त 48 साल थी महिला की उम्र
शोधकर्ताओं का निष्कर्ष फ्रंटियर्स इन मेडिसिन जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित हुआ। इसके मुताबिक मौत के समय महिला की उम्र 48 वर्ष थी। वहीं इसकी मौत 3500 साल पहले हुई थी। अभी भी असाधारण रूप से उसका शरीर सुरक्षित है। उसके पेल्विस जॉइंट के जरिए उम्र के निर्धारण में मदद मिली। काहिरा विश्वविद्यालय के कासर अल ऐनी अस्पताल में रेडियोलॉजी के प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक सहर सलीम ने कहा कि लोबान और जुनिपर राल जैसे महंगे पदार्थों के जरिए इसके शरीर को लेपित किया गया था। संभवतः यह चीजें काफी दूर से लाई गई होंगी, जो दिखाता है कि महिला काफी रुतबे वाली थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नहीं निकाले गए शरीर से आंतरिक अंग
सलीम को जांच के दौरान शरीर पर किसी भी तरह का चीरा नहीं मिला। महिला के आंतरिक अंगों को नहीं हटाया गया जो कि समकालीन ममीकर पद्धति से अलग था। ममीकरण के लिए आमतौर पर हृदय को छोड़कर सभी आंतरिक अंगों को निकाल लिया जाता था। लेकिन इस ममी के शरीर में मस्तिष्क, डायाफ्राम, हृदय, फेफड़े, यकृत, प्लीहा, गुर्दे और आंतें अभी भी मौजूद हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह महिला रीढ़ की हड्डी के हल्के गठिया से पीड़ित थी। स्टडी में ये भी पता चला है कि ममी में लिपटी महिला 5 फीट से ज्यादा लंबी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जबड़े के कई दांत गायब
महिला के जबड़े से कई दांत भी गायब से, जो संभवतः मौत से पहले टूटे थे। हालांकि स्टडी उसके मौत की असली वजह नहीं बता पाई। सलीम ने एक बयान में कहा कि यहां हम दिखाते हैं कि उसके शरीर पर महंगे इंपोर्टेड लेप लगे थे। ममी अच्छी तरह संरक्षित थी और पारंपरिक धारणा का खंडन करती है।’ स्टडी में कहा गया है कि केवल कुछ प्राचीन मिस्र की ममियां ही खुले मुंह के साथ पाई गई हैं। आम तौर पर ममी का मुंह बंद करने के लिए जबड़े और खोपड़ी को लपेटा जाता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
3500 साल पुरानी ममी का खुला हुआ है मुंह
पहले ऐसा माना जाता रहा है कि शव को सुरक्षित रखने के दौरान हुई लापरवाही की वजह से महिला का मुंह खुला रह गया, लेकिन स्टडी इसके बिल्कुल उलट है। फ्रंटियर्स इन मेडिसिन जर्नल में शुक्रवार को रिसर्चर्स का निष्कर्ष प्रकाशित किया गया। इसमें कई बड़े खुलासे किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये खुलासे इस प्रकार हैं-
मौत के समय महिला की उम्र 48 साल थी।
महिला की मौत 3500 साल पहले हुई थी।
ममी के जरिए उसकी बॉडी को अब तक सुरक्षित रखा गया।
उसकी उम्र का पता उसके पेल्विस जॉइंट के जरिये लगाया गया।
महिला गठिया की बीमारी से पीड़ित थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महंगी सामग्री का हुआ इस्तेमाल
लकड़ी के सोने-चांदी के रिंग वाले महंगे ताबूत में उसके शरीर को लेपकर रखा गया था। साथ ही खुलासा हुआ कि लेप के लिए महंगी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। इससे ये पता चलता है कि महिला कितने रुतबे वाली थी। क्योंकि, इसमें इस्तेमाल सामग्री काफी दूर से लाई गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कई परीक्षण से सामने आई जानकारी
महिला की गंभीर अभिव्यक्ति के लिए खराब ममी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन नई स्टडी कुछ और ही बताती है। उसकी मौत के बारे में दिलचस्प जानकारी उन्नत सीटी स्कैन, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, फूरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी और एक्स-रे समेत तमाम तकनीकों उपयोग से सामने आई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ममी के लिए लगाया गया इंपोर्टेड लेप
स्टडी से ये भी पता चला है कि उसके शरीर पर लेप अफ्रीका और अरब से लाए गए जुनिपर और लोबान से किया गया था। उसके नेचुरल बालों पर जुनिपर और मेंहदी लगाई गई। उसके विग को क्वार्ट्ज, मैग्नेटाइट और एल्बाइट क्रिस्टल से लेपा गया। ताकि रेशों को सख्त किया जा सके और उन्हें काला रंग दिया जा सके। इन सभी से पता चलता है कि चीखती हुई महिला का मुंह ममी लेप के दौरान हुई लापरवाही से नहीं खुला था। शोधकर्ताओं का निष्कर्ष है कि उसके मृत शरीर में ऐंठन का अनुभव हुआ। यह एक दुर्लभ स्थिति है। दरअसल ज्यादा दर्द की वजह से मृत्यु के दौरान मांसपेशियां अपनी जगह पर अकड़ जाती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिला के चीखने का कारण
शोधकर्ताओं ने मेडिसिन जर्नल में लिखा कि इस स्टडी में ममी के चीखते चेहरे के हाव-भाव को शव की ऐंठन के रूप में पढ़ा जा सकता है, जिसका मतलब है कि महिला की मौत दर्द से चिल्लाते हुए हुई थी। हालांकि, उसकी मौत का बिल्कुल सही कारण नहीं पता है। यह स्टडी प्राचीन रीति-रिवाजों और महिला की मौत के आसपास की संभावित परिस्थितियों की एक झलक को दिखाती है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।