शिंदे के साथ विधायकों का जुड़ना जारी, क्या हार गए उद्धव ठाकरे, या एक रणनीति के साथ असम भेजे जा रहे हैं विधायक
महाराष्ट्र में बागी एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों का जुड़ना लगातार जारी है। अब ऐसे विधायक भी असम पहुंच रहे हैं, जो एक दिन पहले सीएम उद्धव ठाके के बेटे आदित्य ठाकरे के साथ कार में देखे गए थे।
क्या हार गए उद्धव ठाकरे
क्या महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर जाएगी? सवाल इसलिए उठ रहा क्योंकि ‘टीम शिंदे’ में शिवसेना के 39 विधायक हो गए हैं। दलबदल विरोधी कानूनों के तहत अयोग्यता का सामना किए बिना पार्टी तोड़ने के लिए शिंदे को 37 शिवसेना विधायकों की जरूरत थी। बुधवार की रात तीन निर्दलीय और एक शिवसेना विधायक नितिन देशमुख महाराष्ट्र वापस आ गए थे। ऐसे में उनसे पास 31 विधायक ही बचे थे। वहीं, सूत्रों की मानें तो रात को चार शिवसेना विधायक और जुड़ गए, जिससे संख्या 35 हो गई। वहीं, गुरुवार की सुबह दीपक केसरकर, मंगेश कुडालकर आशीष जायसवाल और सदा सरवणकर टीम शिंदे में जुड़ गए, जिससे संख्या 39 हो गई। अब एमवीएस सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों को ही असम भेजा हो। ताकि वे शिंदे कैंप में शामिल होकर पूरी गतिविधियों का पता लगा सकें और वक्त की नजाकत को भांपते रहें।
शिवसैनिकों के लिए उद्धव ने की भावुक अपील
बंगला छोड़ने से पहले सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। बता दें कि बुधवार को ठाकरे के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने 18 मिनट लंबे वेबकास्ट में विद्रोही नेताओं व आम शिवसैनिकों से भावुक अपील की। उन्होंने अनुभवहीन होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले साल के अंत में रीढ़ की सर्जरी के कारण वह लोगों से ज्यादा नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर शिवसैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिवसेना के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
मेरे सामने आकर कहें, दे दूंगा इस्तीफा
ठाकरे ने कहा कि-सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।
नितिन देशमुख ने लगाए आरोप
इधर, सियासी उथल-पुथल के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ सूरत गए पार्टी विधायक नितिन देशमुख लौट आए। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि कुछ लोगों ने उन्हें जबरदस्ती वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया था और उन्हें इंजेक्शन लगाया गया, जबकि उन्हें दिल का दौरा नहीं पड़ा था।
उस्मानाबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी के एक अन्य विधायक कैलास पाटिल ने कहा कि वह विधायकों को सूरत ले जाने वाली एक कार से भाग गए। कई किलोमीटर पैद चले, दोपहिया और ट्रक पर सवार हुए और अंतत: उन्हें मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘वर्षा’ लाने के लिए मंगलवार तड़के एक वाहन भेजा गया।
किले में तब्दील है रेडिसन होटल
महाराष्ट्र से आए शिवसेना के बागी विधायकों के एक समूह को गुवाहाटी के जिस लग्जरी होटल में रखा गया है, उसके बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। खास बात ये है कि असम की बीजेपी सरकार ने इन बागियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा हुआ है। इससे रेडिसन ब्लू होटल एक किले में तब्दील हो गया है। इस होटल में आम लोगों के प्रवेश करने पर तकरीबन अब रोक लगा दी गई है। गुवाहाटी पुलिस ने होटल के निजी सुरक्षा प्रहरियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है।
अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकलना जरूरी
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) एक अप्राकृतिक गठबंधन है और उनकी पार्टी के लिए आवश्यक है कि वह अपने और पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में राकांपा और कांग्रेस के साथ इस गठबंधन से बाहर निकल आए। गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उन्हें अपनी पार्टी के 33 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने बुधवार शाम को एक प्रस्ताव पारित कर खुद को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल कर दिया। इससे एक दिन पहले शिवसेना नेतृत्व ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था।
शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही खेमे द्वारा पारित प्रस्ताव में शिवसेना विधायक भरत गोगावाले को पार्टी का नया मुख्य सचेतक नामित किया गया है। साथ ही मौजूदा सुनील प्रभु को पद से हटा दिया गया है। दोपहर के समय शिंदे द्वारा जारी किए गए पत्र पर शिवसेना के 34 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इससे पहले दिन में, प्रभु ने एक पत्र जारी कर शिंदे के साथ आए बागियों समेत शिवसेना के सभी विधायकों को शाम पांच बजे मुंबई में विधायक दल की बैठक में शामिल होने या दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का सामना करने को कहा था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।