विधायक ने सिर मुंडवाकर सरकार के कुकर्मों के लिए किया पश्चाताप, मंदिर में किया शुद्धिकरण यज्ञ, फिर छोड़ दी बीजेपी
एक बीजेपी विधायक ने पहले अपना सिर मुडवाया। फिर इसके बाद मंदिर में जाकर शुद्धिकरण यज्ञ किया। भाजपा सरकार के कुकर्मों के लिए पश्चाताप किया। साथ ही बीजेपी को छोड़ दिया।

विधायक आशीष दास ने त्रिपुरा की सत्ताधारी बीजेपी पर राज्य में राजनीतिक अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि राज्यवासी राज्य सरकार के कामकाज और प्रदर्शन से नाखुश हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। आशीष दास पिछले दो साल से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के घोर आलोचक रहे हैं। उन्होंने पहले भी ममता बनर्जी की तारीफ की थी और कहा था कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा योग्य हैं। ऐसी अटकलें हैं कि दास जल्द ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे, जिसकी नजर त्रिपुरा चुनाव पर है। 2023 की शुरुआत में त्रिपुरा में विधान सभा चुनाव होने हैं।
आशीष दास ने कहा कि आज मैंने भाजपा सरकार के कुशासन के पश्चाताप के रूप में अपना सिर मुंडवा लिया है। मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है और मेरा अगला कदम समय तय करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले शासन में त्रिपुरा में जिस तरह की अराजकता और कुशासन देखा गया है, उसने मुझे ऐसा करने को मजबूर किया है। इसलिए पिछले दो वर्षों से मैं इन सभी गलत कामों का आलोचक रहा हूं। मैं पार्टी और राजनीति से परे लोगों के लिए काम कर रहा हूं।
कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए उत्तरी त्रिपुरा की सूरमा विधानसभा सीट से विधायक दास ने अधिकांश सरकारी संपत्तियों को निजी पार्टियों को बेचने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि एक बार मोदी के संदेशों ने देश भर के सभी वर्गों के लोगों के मन में हलचल मचा दी थी और लोगों के मन को छू लिया था। मोदी ने कभी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ कहा था, लेकिन अब, यह देश में एक लोकप्रिय जुमला बन गया है।
इससे पहले, दास ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतने के लिए ममता बनर्जी की बहुत प्रशंसा की थी और कहा था कि बहुत से लोग और संगठन बनर्जी को प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। साथ ही कहा था कि इस पद पर उनका प्रमोशन बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि वह एक बंगाली हैं। इस बीच, त्रिपुरा भाजपा के सूत्रों ने संकेत दिया है कि पार्टी दास के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।