चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांगों को लेकर शासन के साथ हुई बैठक में लिए गए हैं ये निर्णय, कार्यवृत्त जारी
उत्तराखंड के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बनी सहमति का कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है।
सचिवालय स्थित डॉ. अब्दुल कलाम सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता सचिव कार्मिक, सतर्कता अरविंद सिंह ह्यांकी ने की। इसमे उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के संरक्षक बनवारी सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष नाजिम सिद्धिकी, प्रदेश महामंत्री हरिकेश सिंह भारती, मुख्य सलाहकार एवं प्रदेश प्रवक्ता गोविंद सिंह नेगी, सलाहकार ईश्वरी दत्त पांडे, जिलाध्यक्ष देहरादून सुंदरलाल आर्य शामिल हुए।
मांगों पर ये बनी सहमति
1.चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्टाकिंग पैटर्न का लाभ देते हुए अधिकतम ग्रेड वेतन 4200 रुपये दिया जाये। वापस लिए गये स्टाफिंग पैटर्न को पुनः लागू किया जाय। इस मांग मांग के सम्बंध में वित्त विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि यह विषय नीतिगत है तथा वेतन विसंगति समिति को संदर्भित किया गया है। (कार्यवाही-वित्त विभाग)
2. पुरानी पेंशन बहाल की जाय। उक्त मांग के सम्बंध में वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि इस विषय पर भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। (कार्यवाही-वित्त विभाग)
3. चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की भर्ती पर लगी रोक हटाई जाय एवं समस्त पदों को पुनः जीवित करते हुए भर्तियां की जाए। उक्त मांग के सम्बंध में वित्त विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि चतुर्थ श्रेणी संवर्ग मृत संवर्ग हो गया है। (कार्यवाही- वित्त विभाग)
4. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नगदीकरण की छुट्टियों को 300 से बढ़ाकर 500 की जाय। उक्त मांग के सम्बंध में वित्त विभाग की ओर से असहमति प्रदान की गयी। (कार्यवाही-विता विभाग)
5. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति कोटा बढ़ाया जाने के लिए शासनादेश संख्या- 892/xxx(2)2013-15 (42) 2004 दिनांक 19 अगस्त, 2013 की समय सीमा बढ़ाई जाय। तथा टंकण परीक्षा में 4000 की डिप्रेशन को समाप्त करते हुए परीक्षा में शिथिलता प्रदान की जाए। इस मांग के संदर्भ में संघ प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई है कि संघ के द्वारा विभागों के आंगड़े उलब्ध कराए जाएंगे। इसके पश्चात शासनादेश 13.08.2013 एवं टंकण परीक्षा में शिथिलता प्रदान किए जाने के लिए अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी। (कार्यवाही-चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ व कार्मिक विभाग)
6. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्थानांतरण एक्ट से मुक्त रखा जाए। क्योंकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद को मृतक घोषित कर दिया गया है। इस मांग के संबंध में संघ प्रतिनिधियों की ओर से अवगत कराया गया है कि पूर्व में कतिपय विभागों की ओर से स्थानांतरण अधिनियम के नाम पर पदविहीन कार्यालयों में भी पद सहित स्थानांतरण किया गया था। इस पर सचिव ने इस विषय पर विवरण उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की। ताकी संबंधित विभागों से समन्वय किया जा सके। (कार्यवाही चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ)
7. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एसीपी के लाभ दिये जाने के लिए उच्च प्रविष्टि की गणना के आधार पर दिये जाने का आदेश किया गया है। पूर्व की भांति सन्तोषजनक प्रविष्टि की गणना के आधार पर ही एसीपी का लाभ दिया जाय।
उक्त मांग के सम्बंध में वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि इस विषय कार्यवाही गतिमान है। (कार्यवाही- वित्त विभाग)
8.एसीपी 10, 20 एवं 30 के स्थान पर पूर्व की भांति 10, 16 एवं 26 वर्ष की व्यवस्था लागू किया जाय। उक्त मांग के सम्बंध में वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि यह विषय वेतन विसंगति समिति को संदर्भित किया गया है।
(कार्यवाही-वित्त विभाग)
9. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति कोटे के अनुसार पदोन्नति कोटा सभी विभागों में पूर्ण कर लिया जाय तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत पदोन्नति आरक्षित कोटे को अन्य कोटे एवं मृतक आश्रित से न भरा जाय। उक्त मांग के सम्बंध में संघ के प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि कतिपय विभागों में चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों के लिए निर्धारित पदोन्नति कोटे पर मृतक आश्रित/आरक्षित कोटे से नियुक्ति की गयी। इस सम्बंध में सघिय महोदय द्वारा विभागवार विवरण उपलब कराये जाने की अपेक्षा की गयी। ताकि इस सम्बंध में पुनः दिशा निर्देश निर्गत किया जा सके। (कार्यवाही-चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ/कार्मिक विभाग )
10. बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राजकीयकरण से पूर्व बेसिक शिक्षा
परिषद में की गयी सेवाओं को जोड़ते हुए समस्त लाभ अनुमन्य कराये जाये। उक्त मांग के सम्बंध में शिक्षा विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि इस सम्बंध में वित्त विभाग द्वारा असहमति प्रदान की गयी है तथा विभाग द्वारा इसमें एस.एल.पी. योजित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। सचिव ने अपेक्षा की है कि विभाग में महासंघ के कथनानुसार यदि अध्यापकों एवं अन्य कार्मिकों को उक्त सुविधा प्रदान की गई है तो उसका परीक्षण कर लिया जाए। शिक्षा विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि तीन दिन के भीतर विवरण उपलब्ध करा दिया जाएगा। (कार्यवाही-विद्यालयी शिक्षा विभाग)
11.चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दी जाने वाली वर्दी बाजार भाव से दिए जाने के लिए सिलाई, धुलाई एवं वर्दी के बजट में बढ़ोत्तरी की जाए। इस मांग के संबंध में वित्त विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि ये प्रकरण वित्त विभाग में विचाराधीन है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।