दिमाग की हो जाएगी चक्करघिन्नी, उत्तराखंड के शासन के इस आदेश को समझिए, पहले पढ़ें फिर कमेंट कीजिए
सरकार और शासन की भाषा, गजब और कमाल की होती है। ऐसे शब्द जो शायद ही कोई जानता हो। या किसी ने किसी जमात में पढ़ा तक नहीं हो। मोटा सरकारी वेतन ले रहे अधिकारी भी यदि कोई आदेश जारी करते हैं, तो कम से कम ये तो ध्यान रखना चाहिए कि वे क्या बताना चाह रहे हैं। या फिर ये बात हर किसी को आसानी से समझ आ जाएगी। वैसे भी आजकल उल्टा लिखने का जमाना है। सीएम फलां फलां, पीएम नरेंद्र मोदी को लोग सही लिखते हैं, लेकिन निचले पदों को लेकर उल्टा लिखते हैं। जैसे पहले नाम फिर पद, फिर विभाग। सही तरीका तो ये है कि पहले विभाग, फिर पदनाम और अंत में नाम लिखा होना चाहिए। अब अगर हम द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भारत लिखें या फिर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लिखें। सही तरीका भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू है, लेकिन उल्टा लिखने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज उत्तराखंड शासन की ओर से एक आदेश जारी हुआ। इसकी भाषा शायद ही किसी को समझ आए। ये बात उन्हें ही समझ आ सकती है, जो उक्त आदेश से संबंधित हैं। आदेश सचिव उत्तराखंड दिलीप जावलकर की ओर से है। इसमें जो लिखा है, उसे मैं हूबहू ही पेश कर रहा हूं। अब जिसे समझ आया तो वो इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया खबर के कमेंट बाक्स में लिख सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आदेश राज्य के शासकीय विभागों को लेकर है। इसम विषय में लिखा गया है कि-राज्य के शासकीय विभागों एवं उनके अधीनस्थ संस्थाओं में निक्सी के माध्यम से मानव संसाधन आबद्ध किए जाने के संबंध में। (अब पहले आबद्ध शब्द का अर्थ गूगल में ढूंढते रहिए) (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब पढ़िए आदेश
महोदय,
उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड राज्य में नियोक्ता (Principal Employer) विभाग की आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं को देखते हुए उपनल एवं पीआरडी द्वारा आउटसोर्स एजेन्सी के रूप में कार्य करते हुए अकुशल, अर्द्ध कुशल, कुशल एवं उच्च कुशल आदि मानव श्रम / संसाधन उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में विभागों में डिजिटाईजेशन के कार्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी, जीआईएस आदि के अन्तर्गत नवीनतम तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है, जिसके लिए इन एजेन्सियों के पास सम्बन्धित विशेषज्ञता का अभाव है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2- अतः इस संबंध में सम्यक विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ कि राज्य के सरकारी विभागों / स्वायत्तशासी संस्थाओं / उपक्रमों / निगमों आदि के अन्तर्गत यथावश्यक सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मानव संसाधन को निक्सी के माध्यम से सेवाओं की दरों की युक्तियुक्तता (rate reasonability ) को ध्यान में रखते हुए कार्मिक विभाग के शासनादेश संख्या – 111 / XXX (2) / 2018-30 (12) / 2018 दिनांक 27.04.2018 (समय समय पर यथाशोधित) एवं सुसंगत शासनादेशों का सम्यक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए आबद्ध किया जा सकता है। अब इसे पढ़ लो और समझ लो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें आदेश
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।