अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर महानगर कांग्रेस का प्रदर्शन, सरकार का पुतला दहन
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में लगातार हो रहे नए खुलासों के बाद अब वीआईपी के नाम को उजागरण करने की मांग को लेकर देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला दहन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. गोगी ने कहा अंकिता भंडारी हत्याकांड केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में सच को दबाने का उदाहरण है। भाजपा सरकार ने साक्ष्य मिटाने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष जारी रखेगी। भाजपा विधायक सुरेश राठौर की पत्नी उर्मिला सनावर की ओर से हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम दुष्यन्त गौतम उर्फ गट्टू के रूप में उजागर करने के मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भाजपा की पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड की ओर से वनन्तरा रिसॉर्ट पर स्थानीय विधायक रेणु बिष्ट के इशारे पर बुलडोजर चलाकर साक्ष्य मिटाने के आरोप यह साबित करते हैं कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा का राज्य और शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह संलिप्त हैं। डॉ. गोगी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी का नाम सामने आने के बाद इस हत्याकांड में सैकड़ों सवाल खड़े हो गए हैं, जिनका उत्तर आज भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पुलिस महानिदेशक देने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और पुलिस को भाजपा के प्रवक्ता या अपराधियों के संरक्षक के रूप में नहीं, बल्कि जनता के सेवक के रूप में जवाब देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस प्रकार भाजपा नेताओं के नाम इस जघन्य अपराध से जुड़ते जा रहे हैं, उससे सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई है। यदि सरकार में नैतिकता शेष है तो उच्च स्तरीय, निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस वीआईपी के नाम का खुलासा करने में पूरी तरह विफल रही। पुलिस द्वारा मामले को उलझाने के लिए “वीआईपी रूम” की बात कही जाती रही, जबकि अब भाजपा नेताओं और उनके परिजनों के बयानों से स्पष्ट हो गया है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, सुनीता प्रकाश, जगदीश धीमन, प्रतिमा सिंह, उर्मिला ढौंढियाल, अर्जुन पासी, अभिषेक तिवारी, वीरेंद्र बिस्ट, सावित्री थापा, सुनील जैसवाल, राजकुमार जैसवाल, दिनेश कौशल, पूनम कंडारी, अनूप कपूर, वीरेंद्र पंवार, फारूक अहमद, शकील मंसूरी, दिग्विजय चौहान, राजेश पुंडीर, मनीष गर्ग, सूरज क्षेत्री, अमन, गुरनैन सिंह, संजय भारती, अंजू भारती, अशोक कुमार, विजेंद्र चौहान, नितेश राजोरिया, रामबाबू, हेमंत, सौरभ शर्मा, शिवांशु जायसवाल, प्रवीण भारद्वाज, दलबीर भरड़वाल, मंजू चौहान आदि मौजूद थे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर 2022 की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया था। इस मामले में चर्चा ये भी रही कि किसी वीआईपी को खुश करने के लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में राजनैतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने और ढ़ंग से जाँच नहीं होने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार मिला। अंकिता की माँ के दावों से मामले को अधिक तूल मिला। पुलिस के आरोप में प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने के दावे को शामिल नहीं किया। आज तक वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हुआ। इस मामले के प्रमुख अभियुक्त पुलकित आर्य (रिज़ॉर्ट के मालिक)[3], अंकित गुप्ता (रिज़ॉर्ट के सहायक प्रबंधक) और सौरभ भास्कर (रिज़ॉर्ट के प्रबन्धक) हत्या की बात कबूल कर ली। कोटद्वार कोर्ट में हुई सुनवाई में तीनों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



