मासिक धर्म की झिझक तोड़ने को घर के पुरुषों को भी करना होगा सहयोग: डॉ. रूचिरा नौटियाल
देहरादून में डोईवाला स्थित हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की वरिष्ठ महिला एवं प्रसूति रोग चिकित्सक डॉ. रूचिरा नौटियाल ने कहा कि आधुनिकता के तमाम दावों के बावजूद आज भी हमारे समाज में लोग मासिक धर्म के बारे में खुलकर बोलने से परहेज करते हैं। अब वक्त आ गया है कि इन बातों को लेकर घर के पुरुषों को भी अपनी चुप्पी तोड़ने होगी। वह भी अपनी बेटी, बहन से इस संबंध में चर्चा करें। ताकि सामाजिक तौर पर इससे जुड़े सामाजिक भेदभाव को दूर किया जा सके।
हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्स्ट (एचआईएचटी) के आरडीआई की ओर से आयोजित आयोजित गोष्ठी में डॉ.रूचिरा नौटियाल ने बताया कि मासिक धर्म शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। मासिक धर्म के समय पर इस्तेमाल सैनेटरी पैड्स को सही तरीके से फेंकना भी बहुत जरूरी है।
इससे पहले गोष्ठी की शुरुआत में डॉ. राजीव बिजल्वाण ने कहा कि इस दिवस के उद्देश्य की सार्थकता को लेकर जानकारी दी। समन्यवक नीलम पाण्डेय ने बताया कि महिलाएं 01 रुपये प्रति पैड की दर से जन औषधि केंद्र से भी सैनिटरी पैड खरीद सकती हैं। गोष्ठी के संचालन में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वीडी सेमवाल ने सहयोग दिया। इस मौके पर लीला उनियाल, पवनदीप कौर, विवेक आनन्द, गरिमा कपूर, रविन्द्र वर्मा, डीपी उनियाल, सतेंद्र चौहन, ऋचा बिजल्वाण, राजकुमार वर्मा, दिग्विजय ने सहयोग दिया। गोष्ठी में प्रतिभागियों में कई किशोर किशोरी, आरडीआई स्कॉलर्स, विभिन्न स्कूल के शिक्षक व क्षिक्षिकाओं ने भी प्रतिभाग किया। शिक्षिकाओं ने भी प्रतिभाग किया।
70 फीसदी किशोरियों में अज्ञानता
हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की डॉ. रूचिरा नौटियाल ने बताया कि 70 फीसदी किशोरियों को मासिक धर्म की सही जानकारी नहीं होती। 50 फीसदी किशोरियां जानकारी के अभाव में मासिक धर्म के दौरान असुरक्षित साधनों का इस्तेमाल करती हैं। इस कारण उन्हें मासिक धर्म के दौरान इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।