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September 27, 2024

मेघायलय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को कहा घमंडी, खोले राज, बताया किसानों की मौत पर क्या बोले

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किसान आंदोलन के दौरान किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार की आलोचना करने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर से चर्चा में आ गए। उन्होंने आंदोलन के दौरान पीएम मोदी से हुई मुलाकातों के कई राज खोले।

किसान आंदोलन के दौरान किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार की आलोचना करने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर से चर्चा में आ गए। उन्होंने आंदोलन के दौरान पीएम मोदी से हुई मुलाकातों के कई राज खोले। उन्होंने पीएम मोदी को घमंडी बताया। साथ ही ये भी बताया कि उनका पीएम से झगड़ा भी हुआ और पीएम ने किसानों की मौत के संबंध में क्या कहा।
किसानों के मुद्दे पर मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जब वो कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे तो उनसे उनकी गरमागरम बहस हो गई और पांच मिनट के अंदर ही दोनों नेताओं के बीच झगड़ा हो गया। मलिक ने रविवार को हरियाणा के दादरी में एक सामाजिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिला तो मेरी पांच मिनट में ही उनसे लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे।
उन्होंने कहा कि जब मैंने उनसे कहा, हमारे 500 लोग मर गए। तो उन्होंने कहा, मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, क्योंकि आप राजा जो बने हुए हो, इसको लेकर मेरा उनसे झगड़ा हो गया। मलिक ने आगे कहा कि तब पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा अब आप अमित शाह से मिल लो। इसके बाद मैं अमित शाह से मिला। उन्होंने कहा कि जब एक कुत्ता भी मरता है तो प्रधानमंत्री शोक संदेश भेजते हैं, लेकिन किसानों की मौत पर वो चुप रहे।
सत्यपाल मलिक ने कई बार दोहराया है कि उन्हें अपने पद से हटने के लिए कहे जाने से डर नहीं लगता है। मेघालय में तैनात होने से पहले उन्हें जम्मू-कश्मीर और गोवा में राज्यपाल नियुक्त किया गया था। मलिक की यह टिप्पणी नवंबर 2021 में केंद्र सरकार द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद आई है। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा सबसे लंबे समय तक चलने वाला विरोध 26 नवंबर, 2020 को शुरू हुआ था। एक साल बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया। मलिक ने रविवार को कहा कि केंद्र को अब कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी ढांचा देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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