कुंभ के लिए केंद्र से मिली चिकित्सा सामग्री गोदामों में डंप, पर्वतीय जनपदों में हो इसका वितरण

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री ने कुंभ के लिए केंद्र से दी गई चिकित्सा सामग्री को तत्काल जरूरत के हिसाब से जिलों के अस्पतालों में वितरण की मांग की। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि ऐसी चिकित्सा सामग्री गोदामों में धूल फांक रही है। इसका सदुपयोग किया जाना चाहिए।
मोहन खत्री ने कहा कि इस समय देश कोविड-19 महामारी के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है। इसका कहर हमारे राज्य उत्तराखंड में भी देखा जा रहा है। जिन्दगी और मौत से जूझ रहे संक्रमितों को बचाने के लिये अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं। मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशानों की क्षमता भी जबाब दे रही है। इस संकट की घड़ी में अपने सभी राज्यवासियों का जीवन बचाने के लिए ठोस उपाय होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए केन्द्र सरकार से मिली चिकित्सा सामग्री गोदामों में धूल फांक रही है। इन सामग्री को तत्काल गोदामों से बाहर निकाल कर उसका वितरण पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाए। ताकि हजारों लोगों को मौत के मुंह से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अब कुंभ समाप्त हो चुका है। केन्द्र से कुंभ के लिए काफी संख्या में हास्पीटल बेड, चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट एवं जीवन रक्षक दवाइयां आदि भेजी थी।
उन्होंने कहा कि अभी भी ये चिकित्सा सामग्री मेला अधिकारी के नियंत्रण में गोदामों में बंद हैं। संकट की इस घड़ी में इस सामग्री की राज्य में सख्त आवश्यकता है। इस सामग्री का राज्य में घोर अभाव है, जिस कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं। परिवार के परिवार नष्ट हो रहे हैं। इस सम्बंघ में तत्काल कदम उठाये जाने की अवश्यकता है।
दिए ये सुझाव
उन्होंने कहा कि कुंभ के कारण कोरोना संक्रमण का जो फैलाव होना था, वह हो चुका है। अब शादी समारोह इस संक्रमण का सबसे बड़ा कारण बन रहे हैं। इन समारोहों को तत्काल रोका जाय। फिलहाल ऐसे किसी भी आयोजन की अनुमति न दी जाय। यही नहीं किसी भी तरह के समारोहों पर रोक लगे। हजारों घरों में मातम मनाया जा रहा है और कुछ असंवेदनशील लोग हजारों मौतों के बाद भी जश्न मना रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि विधायक निधि को तत्काल समाप्त कर उसे मुख्यमंत्री राहत कोश में स्थानांतरित कर दिया जाय। यह राशि कोरोना मरीजों के निशुल्क इलाज पर खर्च की जाय। आन्ध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्यों की तरह प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमितों के लिये खोला जाय। उन अस्पतालों का भुगतान इसी विधायक निधि से किया जाय।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।