किसान महापंचायत में उमड़ा जन सैलाब, मिशन उत्तराखंड और यूपी की घोषणा, 27 सितंबर को भारत बंद का एलान
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत रविवार को शुरू होने के पहले ही सुबह 10 बजे ही जीआईसी मैदान पूरी तरह भर गया है। पंजाब, हरियाणा से लेकर दक्षिण भारत के किसान संगठनों के प्रतिनिधि यहां अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच इस महापंचायत पर सबकी नजरें हैं। इसे किसानों के मिशन यूपी और उत्तराखंड के आगाज करने का संकेत भी माना जा रहा है। इस मौके पर योगेंद्र यादव केंद्र और यूपी की सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि ये सरकार जातिवाद और धर्म के आधार पर राजनीति करती है। उन्होंने लागों से नारे लगाए कि तुम तोड़ोगे और हम जोड़ेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न सिर्फ खेती-किसानी, बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया। टिकैत ने कहा कि अड़ियल सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है। टिकैत ने कहा कि देश बचेगा, तभी संविधान बचेगा। सरकार ने रेल, तेल और हवाई अड्डे बेच दिए हैं। किसने सरकार को ये हक दिया। ये बिजली बेचेंगे और प्राइवेट करेंगे। सड़क बेचेंगे और सड़क पर चलने पर हमलोगों से टैक्स भी वसूलेंगे।
टिकैत ने कहा किभारत बिकाऊ है, यानी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है. एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं। इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं. एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं। समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं, मछुआरे इससे परेशान हैं। ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है।
किसान नेता ने कहा कि ये पानी बेच रहे हैं, नदियां निजी कंपनियों को बेची जा रही हैं। देश का संविधान भी खतरे में है, उसको भी बचाना है। खेती-किसानी जब बिकने की कगार पर आया तो किसान जागा। आपका बैंक कर्ज चुका दो तो और दोगुना कर्जा दे देगा। 9 महीने से हम आंदोलन कर रहे हैं और पूरा संयुक्त किसान मोर्चा डटा रहेगा। जब देश के किसान, नौजवान की जीत होगी, तभी हम अपने घर और गांव जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक किसानों का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक मैं मुजफ्फरनगर की धरती पर पैर नहीं रखूँगा। मैं सीधे यहीं आया और वापस गाजीपुर बार्डर चला जाऊंगा। उन्होंने कहा कि 12000 करोड़ से ज्यादा हमारा गन्ने का भुगतान बाकी है। हम जिस जमीन से आए हैं, ये गन्ने का बेल्ट है। जब किसानों के लिए काम करने वाली सरकार आएगी तो 450 रुपये प्रति क्विटल गन्ने का भाव देगी।
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना से रेलवे के 4.5 लाख कर्मचारी बेरोजगार होंगे। सरकार ने रेलवे को प्राइवेट कर दिया है। कई ट्रेनें और स्टेशन बेच दिए हैं। राकेश टिकैत ने फिर दोहराया कि हम MSP की कानूनी गारंटी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को वोट की चोट देनी पड़ेगी। ये बीजेपी के लोग यूपी दंगा कराने वाले लोग हैं, लेकिन हम उत्तर प्रदेश में ये नहीं होने देंगे।
टिकैत ने कहा कि हम गाजीपुर बॉर्डर पर मोर्चा नहीं छोड़ेंगे, चाहे मर क्यों न जाएं। टिकैत ने महापंचायत में अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा कि बाबा (महेंद्र सिंह टिकैत) की रैलियों में ये नारे लगते थे। हमें हिंदू मुसलमान के बीच बंटना नहीं है।
उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने बीजेपी पर 2013 में धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिमी यूपी में हिंदू मुसलमान दंगे बीजेपी ने कराए थे पर हम अब एक हैं। पूरे देश में प्रचार करेंगे। ये मुजफ्फरनगर मोहब्बत का शहर है। सब हिंदू मुसलमान एक हैं और हम अब नहीं बंटेंगे। उन्होंने कहा कि यहां मुजफ्फरनगर में एक इशारा काफी है, जिसको चाहें जिता दें, जिसको चाहें हरा दें।
मेधा पाटेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह नोटबंदी कर किसानों और मजदूरों पर चोट की थी, उसी तरह किसान अब बीजेपी के खिलाफ वोटबंदी करेगा। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद होगा। मजदूर, किसान, महिलाएं और हर वर्ग इसमें बढ़चढ़ कर शिरकत करेगा। पाटेकर ने कहा, सिर्फ कुछ पूंजीपतियों के लिए सारे फैसले लिए जा रहे हैं, लेकिन कृषि कानूनों का फैसला जन संसद में होगा, जनता तय करेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।