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November 7, 2024

सिर्फ लाल ही नहीं है मंगल ग्रह, नासा ने खूबसूरत नीले और हरे मंगल की जारी की तस्वीर, गायब हेलीकॉप्टर 63 दिन बाद तलाशा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) मंगल ग्रह में जीवन की संभावनाओं को लेकर अध्ययन कर रही है। इसके लिए मंगल ग्रह में अंतरिक्ष यान भेजे गए हैं। नासा के हेलीकॉप्टर और दूरबीन वहां की जानकारी दे रहे हैं। मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहा जाता है। वहीं, नासा ने अबकी बार इस ग्रह की ऐसी रंगीन तस्वीर शेयर की है जो चौंकाने वाली है। इस तस्वीर में यह ग्रह नीले और हरे रंग की छटा लिये बेहद खूबसूरत दिख रहा है। यह तस्वीरें नासा के MAVEN स्पेसक्राफ्ट ने ली हैं। वहीं, एक खबर ये भी है कि मंगल ग्रह में गायब हुए हेलीकॉप्टर को नासा ने 63 दिन बाद खोज निकाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अलग अलग रंगों में उभरकर आती है इमेज
अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मंगल पर मार्स एटमॉसफियर एंड वोलेटाइल इवॉल्यूशन (MAVEN) मिशन चल रहा है। स्पेसक्राफ्ट ने मंगल की कुछ अद्भुत तस्वीरें ली हैं। ये तस्वीरें अलग अलग बिंदुओं पर ली गई हैं। चूंकि मंगल लगातार सूरज का चक्कर लगा रहा है। इसलिए जब यह अलग-अलग बिंदुओं पर पहुंचता है तो इसकी अल्ट्रावॉयलेट इमेज भी अलग अलग रंगों में उभरकर आती है। इन्हीं को MAVEN स्पेसक्राफ्ट ने अपने कैमरे में कैद किया है। नासा ने ये तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के माध्यम से शेयर की हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नासा ने रिलीज में दी जानकारी
इन अल्ट्रावॉयलेट तस्वीरों का अपना अलग महत्व वैज्ञानिकों ने बताया है। उनका कहना है कि लाल ग्रह मंगल के बारे में इन तस्वीरों के माध्यम से और अधिक गहराई तक जाना जा सकता है। क्योंकि अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ में मंगल के वायुमंडल को देखना इसके बारे में काफी कुछ नई जानकारी दे सकता है। नासा ने एक रिलीज के माध्यम से बताया है कि MAVEN में लगे इमेजिंग अल्ट्रावायलेट स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण ने ये तस्वीरें कैद की हैं। ये तस्वीर बेहद खास हैं, क्योंकि दोनों में एक साल का अंतर भी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूरज के चारों तरफ घूम रहा है मंगल
मंगल चूंकि सूरज के चारों तरफ घूम रहा है इसलिए पहली तस्वीर 2022 में ली गई, जबकि दूसरी तस्वीर तब ली गई, जब यह घूमता हुआ कक्षा में दूसरे छोर पर आ पहुंचा था। MAVEN में लगे इमेजिंग अल्ट्रावायलेट स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण के बारे में कहा है कि यह 110 और 340 नैनोमीटर के बीच की वेवलेंथ को माप सकता है। और इन्हें इंसानी आंखों से देखा जा सके इसलिए इनको अलग-अलग ब्राइटनेस लेवल पर तीन अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ रेंज में रेंडर किया जाता है जिसमें रेड, ग्रीन और ब्लू शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

 

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सूर्य के निकट और दूरी की हैं तस्वीरें
बताए गए तीन रंगों में से इसकी ओजोन परत पर्पल कलर में दिखती है, इसके बादल व्हाइट या फिर ब्लू कलर में दिखते हैं जबकि इसकी सतह थोड़ी सांवली या हरी दिखती है। पहली फोटो 2022 में दक्षिणी गोलार्ध की गर्मियों की है। यह सीजन मंगल के सूरज के करीब आने के कारण आता है। दूसरी तस्वीर उत्तरी गोलार्ध की है जो जनवरी 2023 में ली गई है। यह तब ली गई थी जब मंगल अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य से अधिकतम दूरी पर पहुंच गया था। वैज्ञानिक इन फोटो के बारे में कह रहे हैं कि ये उनको मंगल के वातावरण, यहां के मौसम और तरल पानी का इतिहास जानने में मदद कर सकती हैं। MAVEN को नवंबर 2013 में लॉन्च किया गया था। यह मंगल की कक्षा में सितंबर 2014 में पहुंच गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दो माह बाद मार्स हेलीकॉप्टर से हुआ संपर्क
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अपने इनजेन्युटी मार्स हेलीकॉप्टर से पूरे दो महीने बाद फिर से संपर्क साधने में सफल हो गया है। नासा ने इसकी जानकारी शुक्रवार को दी है। बता दें कि स्पेस एजेंसी ने फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर एक मिशन की शुरुआत की थी। इसी मिशन के तहत एक मिनी हेलीकॉप्टर इनजेन्युटी और प्रीजर्वेंस रोवर मंगल ग्रह पर भेजा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सतह पर उतरते ही खो दिया था संपर्क
न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार इस मिशन की कंट्रोलर कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री (JPL) का 26 अप्रैल को अपने करीब 1.8 किलो वजनी इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर से संपर्क टूट गया। इंजेन्युटी की 52वीं उड़ान 26 अप्रैल को शुरू हुई, लेकिन कैलिफोर्निया में नासा की JPL में मिशन नियंत्रकों ने दो मिनट, 1,191-फुट (363-मीटर) की उड़ान के बाद इसके सतह पर उतरते ही संपर्क खो दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संपर्क टूटने का यह सबसे लंबा समय
मालूम हो कि मंगल का यह क्षेत्र काफी पथरीला है, जिसकी वजह से यहां कोई भी मिशन करना काफी मुश्किलों भरा होता है। यही कारण है कि यहां कम्युनिकेशन टूटने का भी खतरा रहता है। नासा को भी इसी खतरे की आशंका थी। बहरहाल JPL में इंजेन्युटी टीम के प्रमुख जोश एंडरसन ने बताया कि मिशन में अब तक इनजेन्युटी से सुने बिना यह सबसे लंबा समय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई अहम जानकारियां हो सकती हैं प्राप्त
बता दें कि इस मिशन के तहत इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते हुए मंगल ग्रह की फोटो नासा के पास भेजनी हैं और रोवर को मंगल की जमीन से सैंपल इकट्ठा करने हैं. एंडरसन ने आगे कहा इनजेन्युटी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि जब इस तरह का संचार अंतराल होता है तो यह खुद की देखभाल करता है, लेकिन अंत में संपर्क फिर से स्थापित होने के बाद हम सभी को राहत की अनुभूति हुई। नासा को उम्मीद है कि इस मिशन से मंगल को लेकर कई अहम जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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