Recent Posts

Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Recent Posts

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 13, 2025

नए श्रम कानून से बदलेंगे कई नियम, कांट्रेक्ट कर्मी सालभर में हो जाएंगे ग्रेच्यूटी के हकदार

देश में जल्द लागू होने वाले नए श्रम कानून में कर्मचारियों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जो उनके लिए काफी फायदेमंद भी साबित होंगे। नए श्रम कानून के लागू होने से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए टेक-होम सैलरी, प्रोविडेंट फंड में योगदान और काम के घंटों में अहम बदलाव होंगे। नए लेबर कोड में प्रस्तावित बदलाव से कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड और ग्रेच्युटी की रकम में भी इजाफा होगा। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार, 10 से अधिक कर्मचारियों वाली एक निजी कंपनी में एक कर्मचारी पांच साल की सर्विस के बाद ग्रेच्युटी लाभ का दावा करने के लिए पात्र है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रेच्युटी पात्रता सीमा में बदलाव
जल्द ही लागू होने वाले श्रम संहिताओं के तहत, केंद्र की योजना फिक्स्ड टर्म या कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी पात्रता सीमा को एक साल करने की है। यानी कानून लागू होने पर एक साल काम करने पर ही कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार होंगे। हालांकि किसी कंपनी के नियमित पेरोल पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी के नियम पहले जैसे ही रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दरअसल, नए सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक संबंध संहिता के तहत, सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान के लिए पांच साल के सेवा नियम को आसान बनाने का प्रावधान रखा है बता दें कि निश्चित अवधि या फिर कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड कर्मचारी वो होते हैं जिनका रोजगार कॉन्ट्रैक्ट पीरियड खत्म होने के साथ खत्म हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सामाजिक सुरक्षा देने पर जोर
सरकार का लक्ष्य कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देकर निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा को व्यापक बनाना है, जिसमें ज्यादातर मजदूर, फैक्ट्री संचालक, हेल्पर और ड्राइवर जैसे निम्न-श्रेणी के कर्मचारी शामिल होंगे। नया लेबर कोड यह भी अनिवार्य करता है कि ग्रेच्युटी की गणना नए दिशानिर्देशों में बताए गए वेतन के आधार पर की जाए। हालांकि, नियमित कर्मचारी किसी कंपनी में पांच साल की निरंतर सेवा के बाद ग्रेच्युटी के लिए पात्र होंगे। मौजूदा कानून के अनुसार, ग्रेच्युटी की गणना बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के आधार पर की जाती है। ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक महीने को 26 दिन माना जाता है। ग्रेच्युटी राशि की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सैलरी नियम में अहम बदलाव
नए श्रम संहिता में यह भी अनिवार्य है कि ग्रॉस सैलेरी का 50 प्रतिशत बेसिक सैलेरी के रूप में दिया जाना चाहिए। इससे कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की राशि बढ़ जाएगी। अगर कर्मचारी की बेसिक सैलरी ग्रॉस पे के 50 प्रतिशत से कम है तो एम्प्लॉयर को दोबारा ऐसे कर्मचारी की सैलेरी तय करने की जरूरत है।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *