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December 12, 2024

आदिपुरुष को आशीर्वाद देकर फंसे बीजेपी के कई सीएम, नेपाल में डायलॉग म्यूट, पढ़ें- धार्मिक मुद्दों पर बीजेपी के पेटेंट का सच

जब फिल्मों को लेकर सत्ताधारी नेता राजनीति करेंगे तो कभी ऐसी राजनीति गले भी पड़ेगी। ऐसा अब साउथ स्टार प्रभास की फिल्म आदिपुरुष को लेकर हुआ है। जब कश्मीर फाइल्स रिलीज हुई तो पीएम मोदी ने इस फिल्म को समर्थन दिया और कहा कि देश का सच जानना है तो इस फिल्म को देखो। बस क्या था, बीजेपी शासित प्रदेशों में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया। नेता और कार्यकर्ता मिलकर फिल्म देखने लगे। इसके बावजूद दर्शकों को फिल्म सिनेमाघरों तक खींचने में कामयाब नहीं हुई। इसके बाद से तो राजनीतिक लिहाज से फायदा पहुंचाने वाली फिल्म को लेकर समर्थन की राजनीति शुरू हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धर्म का पेटेंट बीजेपी के पास
आदि पुरुष रामायण पर आधारित फिल्म है। अब धर्म और धार्मिक बातों का पेटेंट तो बीजेपी के नाम है। यदि हिंदू धर्म या धर्म पर आधारित फिल्म की बात होती है तो उसे बीजेपी से जोड़कर देखा जाता है। किसी मंदिर में उत्सव होता है तो उसे भी बीजेपी से ही जोड़कर देखते हैं। यदि दूसरे दल यदि धर्म की बात करें तो उसे राजनीतिक या फिर दिखावा करार दिया जाता है। साथ ही उसकी खिल्ली उड़ाई जाती है। यहां ये भी बताना जरूरी है कि बीजेपी से पहले राम और इस तरह के धार्मिक नामों का सहारा कांग्रेस भी लेती आई है। पहले हम इसे लेकर ही बात कर लेते हैं। ताकि पाठकों को जो बताया जा रहा है, उसमें कितनी सच्चाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

महात्मा गांधी का राम नाम से नाता
यदि कांग्रेस की बात करें तो राम नाम की बात महात्मा गांधी से शुरू होती है। उनका और भगवान राम का गहरा नाता था। उन्होंने अक्सर कहा कि मुझे ताकत भगवान राम के नाम से मिलती है। यह मुझे संकट के क्षणों से उबारती है। नई ऊर्जा देती है। महात्मा गांधी ने पूरे जीवन में राम नाम का जाप किया, बल्कि अपने जीवन में भी सरलता, सादगी और आत्म-समर्पण को अपनाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व पीएम राजीव गांधी पर भी देखा गया राम नाम का असर
भगवान श्रीराम का ऐसा ही प्रभाव पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी था। उन्हें देश पर रामायण का असर पता था। उनके ही कहने पर 1985 में दूरदर्शन ने रामानंद सागर के रामायण का प्रसारण किया। 1986 में उन्होंने उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह को मनाया और राम जन्मभूमि मंदिर के ताले खुलवाए। तभी तो हिंदुओं को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिला।

1989 में चुनावी भाषणों में राजीव गांधी अक्सर देश में रामराज्य लाने का वादा करते हुए शुरुआत करते। इतना ही नहीं, राजीव गांधी के काम भी भगवान राम और जन्मभूमि के प्रति उनका प्रेम दिखाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नवंबर 1989 में राजीव गांधी ने विश्व हिंदू परिषद को राम मंदिर के शिलान्यास की अनुमति दी। तब तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह को भी शिलान्यास में भाग लेने के लिए भेजा था। चेन्नई में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राजीव गांधी से राम मंदिर पर प्रश्न पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि इस पर आम राय बनाने की कोशिशें जारी हैं। अयोध्या में ही राम जन्मभूमि मंदिर बनेगा। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी ये दावा कर चुके हैं कि यदि 1989 में राजीव गांधी की सरकार बनती तो शायद राम मंदिर के लिए प्रयास भी तेज हो गए होते। हालांकि, राजीव गांधी के बाद कांग्रेस ने राम का सहारा लेना बंद कर दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब फिल्म की बात, रिलीज होते ही विरोध शुरू
साउथ स्टार प्रभास की आदिपुरुष फिल्म का रिलीज होते ही विरोध शुरू हो गया है। फिल्म के संवाद को लेकर सबसे अधिक विरोध हो रहा है। इसी बीच अब मामला सियासी भी हो चली है। कांग्रेस और आप जहां एक तरफ बीजेपी को घेर रही हैं, तो वहीं फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने अपनी सफाई में कहा कि रामायण पर बेस्ड फिल्म के लिए ये डायलॉग को जानबूझकर ऐसा रखा गया है। इस फ़िल्म में सीता को ‘भारत की बेटी’ बताया गया है. नेपाल की राजधानी काठमांडु के मेयर ने इसी डायलॉग पर आपत्ति जताई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फूहड़ हैं डॉयलॉग
फिल्म देखने वालों के मुताबिक, फिल्म के डायलॉग भी आपत्तिजनक हैं। इसमें हनुमान के डायलॉग में भी शुद्धता व पावन भाव तक नहीं है। ना ही पूजनीय पात्रों के भाषा श्रद्धा लायक है। कहीं कहीं भाषा टपोरी लगती है। भारत सहित यदि विदेश की बात करें तो नेपाल में भी इस फिल्म का विरोध हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धार्मिक फिल्म के डायलॉग में लगा बॉलीवुड का तड़का
एक दर्शक ने कहा कि धार्मिक फिल्म को भी बंबइया फिल्म बना दिया है। ऐसा लग रहा है कि सलमान खान की फिल्मों के डायलॉग चल रहे हैं। एक सीन में भगवान हनुमान का डायलॉग है- कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरे बाप की। दूसरे सीन में अशोक वाटिका के रखवाले हनुमान से कहते हैं- तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया। फिल्म में ‘जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उकी लंगा देंगे। आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं और मेरे एक सपोले ने तु्म्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया, अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है। ऐसे डायलॉग से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नेपाल में स्क्रीनिंग पर लगी रोक
इस बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू में फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी गई थी। काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह ने भारतीय फिल्म “आदिपुरुष” के निर्माताओं से सीता के जन्मस्थान को लेकर हुई गलती सुधारने के लिये कहा है, जिसके बाद शहर के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नेपाल में म्यूट किया सीता का डायलॉग
बालेंद्र शाह ‘बालेन’ ने फिल्म निर्माताओं से कहा है कि वे अपनी फ़िल्म में से इस डायलॉग को हटा दें। इसके लिए उन्होंने फिल्म निर्माताओं को तीन दिन का वक़्त दिया है. इसके साथ ही उन्होंने दूसरी हिंदी फ़िल्मों के लिए भी चेतावनी जारी की है। वहीं, बीबीसी की खबर है कि फ़िल्म निर्माताओं से जुड़े सूत्रों ने बीबीसी हिंदी को बताया है कि नेपाल के सेंसर बोर्ड ने फिल्म में से आपत्तिजनक सामग्री को म्यूट कर दिया है। राम कथा पर आधारित इस फ़िल्म को रावण से लेकर सीता समेत दूसरे किरदारों के फिल्मांकन पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीता के जन्मस्थान को लेकर विवाद
लेकिन नेपाल में इस फ़िल्म को एक अलग तरह के विवाद का सामना करना पड़ रहा है। इस फ़िल्म में सीता को भारत को बेटी बताया गया है। वहीं, नेपाल दावा करता आया है कि पौराणिक किरदार सीता का जन्म नेपाल के जनकपुर में हुआ था। इसी वजह से नेपाल में फिल्म के इस डायलॉग पर विवाद खड़ा हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी के ये नेता दे चुके हैं समर्थन
फूहड़ डायलॉग के बाद भी इस फिल्म के प्रदर्शन में स्क्रीन पर बीजेपी के कई नेताओं के नाम दर्शाए गए हैं।  जिनका आशीर्वाद फिल्म को दिया जाना दर्शाया गया है। इनमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीश,. हरियाणा के सीएम मनोहरलाल, असम के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी व मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ऐसा इसलिए है कि फिल्म के लेखक रिलीज के पहले कई बीजेपी के सीएम की परिक्रमा लगा चुके थे। साथ ही उनकी पीएम मोदी के साथ ही सोशल मीडिया में फोटो हैं। पीएम से मुलाकात की खुद मनोज ट्विट करते हैं कि- एक युगपुरुष के साथ गुज़रे 45 मिनट, वो भी बिना किसी अपॉइंटमेंट के, जीवन भर याद रहेंगे। आपकी सहजता अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय है माननीय माननीय @narendramodi जी ।  ऐसे में जब फिल्म का विरोध हो रहा है तो अब देखना है कि बीजेपी क्या रुख अपनाती है। एक सवाल और है कि मणिपुर जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। पीएम मोदी को वहां के लिए दो शब्द कहने का वक्त नहीं है और ना ही वहां जाने का समय है। वहीं, बगैर अप्वाइंटमेंट के ही वे 45 मिनट दे देते हैं।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम धामी भी दे चुके हैं शुभकामनाएं
12 जून को उत्तराखंड के सीए पुष्कर सिंह धामी खुद ट्विट कर इस फिल्म को शुभकमानाएं दे चुके हैं। उन्होंने ट्विट किया था कि- आज सचिवालय में प्रसिद्ध गीतकार श्री @manojmuntashir
जी ने भेंट कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित आगामी फ़िल्म “आदिपुरुष” के विषय में चर्चा की। फ़िल्म के निर्माता- निर्देशक समेत पूरी टीम को आदिपुरुष की सफलता हेतु अनंत शुभकामनाएं। अब सवाल उठता है कि पहले ही फिल्म को समर्थन दे चुके सारे बीजेपी के दिग्गज नेता क्या अब फिल्म से समर्थन वापस लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एमपी के मंत्री के बेटे में भी किया विरोध
ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आदिपुरुष’ फिल्म को देखने के बाद लोगो में इसके कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताई है। मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के बेटे आकाश राजपूत ने समर्थकों के साथ फिल्म देखी। फिल्म देखने के बाद इसके कुछ दृश्यों को हिंदू संस्कृति के खिलाफ बताते हुए नारेबाजी की और फिल्म पर रोक लगाने की मांग की। आकाश खुद एक फिल्म एक्टर हैं.वे कुछ फिल्मों और वेवसीरीज में काम कर चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रामायण और भगवान राम का अपमान करने का आरोप
फिल्म के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रामायण और भगवान राम का अपमान करने का आरोप लगया गया। हिन्दू सेना की तरफ से यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। हिन्दू सेना के विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म में जिस तरह से भगवान राम, मां सीता, हनुमानजी और रावण को दिखाया गया है, वह रामायण और रामचरित मानस में दर्शाए गए उनके चरित्र से मेल नहीं खाता। याचिका में कहा गया कि रावण के रूप में सैफ अली खान का किरदार, उसका लुक हिंदू भावनाओं को आहत करने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फिल्म में अभिनेता प्रभास ने राघव (राम), कृति सैनन ने जानकी (सीता), सनी सिंह ने शेष (लक्ष्मण) और सैफ अली खान ने लंकेश (रावण) की भूमिका निभाई है। फिल्म का निर्देशन ओम राउत और निर्माण टी-सीरीज ने किया है। आदिपुरुष का निर्माण में खर्च करीब 500 करोड़ रुपये बताए जा रहे हैं। वहीं, दो दिन में इस फिल्म की भारत कमाई 151 करोड़ के करीब हो गई है। इसमें पहले दिन का कलेक्शन करीब 85 से 90 करोड़ के बीच था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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