आज से शुरू हो गया है मलमास, इस दौरान नहीं रखे जाएंगे सावन के सोमवार के व्रत, जानिए ध्यान रखने वाली बातें

पंचांग के अनुसार, इस साल मलमास आज 18 जुलाई से शुरू हो गए हैं। मलमास को अधिकमास भी कहा जाता है और इसे पुरषोत्तम मास भी कहते हैं। अधिकमास के चलते ही इस साल सावन एक महीना का ना होकर 2 महीनों तक मनाया जा रहा है। आमतौर पर सावन एक माह का होता है, परंतु इस साल सावन 59 दिनों का है। मलमास भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस अवधि में श्रीहरि की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। अपितु इस माह किसी तरह के विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिमास के चलते इस वर्ष सावन 59 दिनों का है। ऐसा 19 साल बाद हो रहा है। ऐसे में शिवजी की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना दो माह का होगा। 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हुआ और ये 31 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो चरण में सावन के व्रत
इस बार व्रत के लिहाज से सावन पहले 13 दिन तक चला। यानि कि चार जुलाई से 17 जुलाई तक। उसके बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास है। इसका समापन अमावस्या को होगा। इसके बाद 17 अगस्त को फिर से सावन रहेगा, जो 31 अगस्त तक चलेगा। ऐसे में इस बार सावन का व्रत दो हिस्सों में रखे जाएंगे। पहला 14 दिन दूसरा 15 दिन। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकमास में ध्यान रखने वाली बातें
-मान्यतानुसार अधिकमास या मलमास धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम समय होता है। इस माह विष्णु सहसहस्त्रनाम का पाठ, विष्णु, पूजा, राम कथा या फिर गीता का पाठ कराना बेहद फलदायी माना जाता है।
-मलमास में नृसिंह भगवान और श्री कृष्ण (Shri Krishna) की कथा भी करवाई जा सकती है।
-इस माह शास्त्रों के अनुसार दीपदान का विशेष महत्व होता है। मंदिर जाना और अधिकमास के दौरान वृक्ष लगाना भी अच्छा माना जाता है।
-मलमास के दौरान जौ, चावल, जीरा, सेंधा नमक, ककड़ी, बथुआ, मटर, दही, दूध और तिल आदि का सेवन करने की सलाह दी जाती है. जरूरतमंदों को भोजन करवाना भी इस महीने शुभ होता है।
-इस माह कुछ शुभ काम ना करने की सलाह भी दी जाती है। माना जाता है कि तिलक, मुंडन (Mundan), कान छेदना, गृह प्रवेश और श्राद्ध आदि इस महीने नहीं कराने चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-मलमास के दौरान तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, उड़द, प्याज और लहसुन आदि खाना वर्जित माना जाता है। इन भोजन सामग्री को खाने से परहेज के लिए कहा जाता है।
-इस महीने मकान, दुकान और वाहन आदि की खरीदारी ना करने के लिए कहा जाता है। मान्यतानुसार गलत व्यवहार और भाषा पर खासतौर से ध्यान दिया जाना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।