छावला मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर महिला कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च
दिल्ली छावला प्रकरण में तीन दोषियों के बरी होने पर उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस ने देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय से लेकर घंटाघर तक कैंडल मार्च निकाला। इस मौके पर पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए कोई विकल्प तलाशने की सरकार से मांग की गई। कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)गौरतलब है कि साल 2012 के छावला रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की मौत की सजा का फैसला पलट दिया है। साथ ही इनकी रिहाई का आदेश दिया है। इस केस को दूसरा निर्भया केस कहा जाता है। दिल्ली की द्वारका अदालत ने इस मामले में तीन आरोपियों को दोष सिद्ध करते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि रेप को दुष्कर्म की शिकार उत्तराखंड की बेटी की आत्मा हम सबसे प्रश्न पूछ रही है? पूरी मानवता व पूरे जागृत जनमत से पूछ रही है। आखिर कोई तो है मेरा गुनाहगार? उन्होंने कहा कि हम राज्य के तौर पर तो कानूनी लड़ाई नहीं लड़ पाए हैं। जिस समय यह वीभत्स कांड हुआ था, उस समय शिकार हुई पीड़िता के भाई-बहन छोटे थे। आज उस परिवार को जो भावनात्मक रूप से पूरी तरीके से टूट चुका है, सहारे की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बेटी अंकिता भंडारी के परिवार को 25 लाख और उसके भाई को नौकरी देने की जो मुख्यमंत्री ने बात कही है, वह सराहनीय है। वही सहायता छावला मामले में पीड़ित परिवार को भी मिलनी चाहिए। उन्होंने न्यायिक विकल्प ढूंढने के लिए मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे वकीलों के नाम सुझाते हुए कहा कि कि संवैधानिक न्याय के विशेषज्ञों की सहायता ली जाए। उन्होंने कहा कि बलात्कार जघन्यतम अपराध है। उसके दोषी को हम पाताल से भी ढूंढकर सजा देंगे। यह छोटे राज्य का दृढ़ संकल्प होना चाहिए। बेटी, बेटी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च का आयोजन महिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि हम न्यायलय का बहुत सम्मान करते हैं। फिर भी लगता है की पुलिस ने कही न कही सबूतों को न्यायलय में नही रखा। इस उत्तराखंड सरकार को स्वयं पहल कर पुनरीक्षण की कारवाई करनी चाहिए। अथवा कोई अन्य विकल्प तलाशना चाहिए। अपराधी को दंड दिलाने में न्यायिक विकल्पों के आधार पर विधिक कारवाई अमल में लानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदीयाल ने भी राज्य सरकार से न्यायिक विकल्पों को तलाशने की मांग करते हुए कहा कि पहले अंकिता अब छावला मामले में हुए अन्याय से हम बहुत उद्वेलित हैं। हमारी बेटियों के साथ हुए इन विभत्स अपराध के दोषियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च में महानगर देहरादून कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डाक्टर जसमिंदर सिंह गोगी, महेंद्र नेगी गुरु, शीश पाल बिस्ट, नजमा खान, निशान परवीन, आशा टमटा, राजेंद्र धवन, अनिल बसनेत, प्रदीप डोभाल, शुभम, गरिमा दसोनी, सुनील जायसवाल, अमित रावत, रॉबिन त्यागी, राजकुमार जायसवाल, ओम प्रकाश सत्ती, बबन, मनोज नौटियाल, गुलजार अहमद, शरीफ बेग आदि शामिल थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




