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December 17, 2024

महाशिवरात्रिः हरिद्वार में स्नान को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, शाही स्नान को हरकी पैड़ी ब्रह्म्कुंड संतों के लिए आरक्षित

महाशिवरात्रि को मंदिरों के साथ ही हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। वहीं, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, देवप्रयाग आदि स्थान पर भी गंगा स्नान को श्रद्धालु उमड़े।

महाशिवरात्रि को मंदिरों के साथ ही हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। वहीं, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, देवप्रयाग आदि स्थान पर भी गंगा स्नान को श्रद्धालु उमड़े। साथ ही अन्य नदियों पर भी स्नान कर श्रद्धालु पुण्य कमा रहे हैं। मंदिरों को सजाया गया। शिवालयों में सुबह से ही घंटे घड़ियाल बज रहे हैं। भगवान के दर्शन को मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग रही हैं। आज देव गुरु का वार बृहस्पति है। उस दिन संयोगवश शिवयोग है। साथ ही बृहस्पति की उपस्थिति मकर राशि में और चंद्रमा की उपस्थिति भी धनिष्ठा नक्षत्र एवं मकर राशि में है। इससे एक गज केसरी योग का निर्माण हो रहा है। जो अद्भुत माना जाता है मंत्र और यंत्र की सिद्धि के लिए बहुत बड़ा संयोग बन रहा है।
हरिद्वार में बुधवार शाम से ही गंगा स्नान को श्रद्धालु उमड़ने लगे। महाकुंभ के मौके पर इस बार श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। आज शाही स्नान भी है। इसलिए अखाड़ों के स्नान को देखते हुए हरकी पैड़ी में ब्रह्मकुंड को साधु सन्यासियों के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं को जाने दिया जा रहा है। रात से ही हरिद्वार में लाखों को आ चुके थे। अभी भी आने का क्रम जारी है। स्नान का क्रम रात 12 बजे के बाद से शुरू हो गया था, जो गुरुवार को भी जारी रहा। सात बजे के बाद हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आम श्रद्धालुओं के स्नान पर रोक लग गई।
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और गंगा पूजन के साथ ही महाशिवरात्रि व्रत भी रखा और दान धर्म करके पुण्य कमाया। इस वर्ष यह पर्व धनिष्ठा नक्षत्र में हो रहा है। जिस का महत्व अपने आप में बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। इस दिन बृहस्पतिवार के साथ-साथ शिव योग भी बन रहा है। इस कारण इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत पूजन करने से भगवान शिव की आराधना में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी और अश्वमेध यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होगा।
धार्मिक महत्व
सनातन संस्कृति और परंपरा अनुसार श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर काले तिलों के साथ स्नान किया। उसके बाद व्रत का पालन करते हुए भगवान शिव की विधिवत पूजा की। पूजन के समय शिव कथा और शिव सहस्रनाम स्तोत्र और शिव स्तोत्र आदि का पाठ किया। इस दौरान हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाट हर हर महादेव के जयकारों और शिव स्तोत्र के पाठ से गुंजायमान रहे।
कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था
जिला प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की हुई है। पुलिसकर्मी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं को अधिक देर रुकने नहीं दे रहे हैं। स्‍नान को आने वाले श्रद्धालुओं की आरटी पीसीआर जांच के साथ ही थर्मल स्‍कैनिंग की जा रही है। साथ ही औचक जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग में एंटीजन जांच केंद्र बनाए हुए हैं।
सुबह से ही तांता
सुबह-सुबह भगवान शिव के मंदिरों पर भक्तों, जवान और बूढ़ों का ताँता लगा हुआ है। सभी पारंपरिक शिवलिंग पूजा कर रहे हैं। भक्त सूर्योदय के समय पवित्र स्थानों पर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं। भक्त शिवलिंग स्नान करने के लिए मंदिर में पानी का बर्तन भी ले जा रहे हैं। महिलाओं और पुरुषों के साथ ही बच्चे सूर्य, विष्णु और शिव की प्रार्थना कर रहे साथ ही मंदिरों में घंटी और “शंकर जी की जय” ध्वनि से शिवालय गूंजायमान हैं। भक्त शिवलिंग की तीन या सात बार परिक्रमा करने से साथ ही शिवलिंग पर पानी या दूध भी डालकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही बेलपत्र भी चढ़ाए जा रहे हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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