महाकुंभः कोरोना को हल्के में ना लें सरकार, बढ़ रहे केस, पीएम मोदी ने भी बुलाई बैठक, त्रिवेंद्र की सलाह पर भी गौर करना जरूरी
उत्तराखंड में जिस तरह से अब राजनीतिक, धार्मिक आयोजन हो रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि कोरोना का अंत हो गया है। वहीं, देशभर में कोरोना के मामले भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सोमवार को तो देश में कोरोना का आंकड़ा तीन माह पहले के आंकड़े से ऊपर चला गया था। हालांकि आज मंगलवार 16 मार्च को मामलों में कुछ कमी आई है। ऐसे में कोरोनाकाल में महाकुंभ की व्यवस्थाों को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की राय अलग-अलग हैं। अब सरकार को देखना है कि इसे लेकर क्या कदम उठाती है। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना को लेकर फिर चिंता जताने लगे हैं। बढ़ते मामलों के बीच उन्होंने 17 मार्च को सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक बुलाई है।
महाकुंभ और हरिद्वार में कोरोना
महाकुंभ में कोरोना की बात करें तो हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले कम हुए हैं, लेकिन यदि पूरे प्रदेश की बात करें तो हरिद्वार का नंबर हर दिन दूसरे या तीसरे नंबर पर रहता है। हालांकि संक्रमितों की संख्या कम रहती है। सोमवार और रविवार को हरिद्वार जिला नए कोरोना संक्रमितों के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा। वहीं, शनिवार को यहां सर्वाधकि 17 नए कोरोना संक्रमित मिले। इस कम संख्या के आधार पर ही शायद प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अब कुंभ मेले में आने वालों के लिए कोरोना टैस्ट रिपोर्ट जरूरी नहीं समझ रहे हैं। इसमें गौर करने वाली बात ये है कि वैक्सीन लगाने के बाद भी कोरोना का डर खत्म नहीं होता। क्योंकि वैक्सीन का असर भी तीन माह बाद नजर आता है। क्योंकि एंटी बाडी बनने में तीन माह का समय लगता है। वहीं, लोगों (खासकर नेताओं) ने मास्क लगाने लगभग बंद कर दिए हैं। ऐसे में सरकार को कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
पीएम ने 17 मार्च को बुलाई बैठक
देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 7 राज्यों में कोरोना फिर से बाउंस बैक कर रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और कोरोना टीकाकरण अभियान पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 मार्च को मीटिंग करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस महामारी और टीकाकरण पर बात करेंगे। ये मीटिंग 17 मार्च यानी बुधवार को सुबह 11 बजे होगी।
मंगलवार को देश की स्थिति
भारत में कोरोनावायरस के नए मामलों में मंगलवार को कमी देखने को मिली है। कोरोना के नए मामलों में आज 6.8 प्रतिशत की कमी (सोमवार की तुलना में) आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 24,492 नए कोरोना मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामले 1.14 करोड़ हो गए हैं। इस दौरान यानी बीते 24 घंटे में 131 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 1,58,856 लोगों की जान वायरस की वजह से जा चुकी है।
सोमवार को टूटा था तीन माह पहले का रिकॉर्ड
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 26,291 नए दर्ज किए गए थे। इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1.13 करोड़ हो गई थी। 24 घंटे यानी एक दिन में 118 लोगों की संक्रमण के चलते जान गई थी। कुल 1,58,725 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। पिछले करीब तीन महीनों में सोमवार को सबसे ज्यादा कोरोना के नए केस दर्ज किए गए। इससे पहले, 20 दिसंबर को 26,624 नए मामले रिपोर्ट हुए थे।
पूर्व और वर्तमान सीएम की राय अलग
हरिद्वार कुंभ के आकार और श्रद्धालुओं की भारी संख्या को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मतभिन्नता सोमवार को सार्वजनिक हो गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में कहा कि वह कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर किसी तरह की रोकटोक नहीं चाहते। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में कहा कि देश में कोविड को लेकर जिस तरह की स्थिति बन रही है, उसमें कुंभ के दौरान कोविड के नियमों में ढील देना उचित नहीं। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के कुंभ को लेकर अलग-अलग स्टैंड से नौकरशाही से लेकर आम जनता तक भ्रम गहराने लगा है।
कुछ समय पहले केंद्र और फिर राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में साफ किया गया कि कुंभ में उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा, जिनकी आने से 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव होगी। साथ ही कुंभ मेला के पोर्टल पर पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया। संभवत: यही वजह रही कि पिछली सरकार कुंभ के मसले को लटकाती रही।
अब सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कमान संभाली तो उन्होंने साफ किया कि कुंभ में आने को कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी नहीं है। अलबत्ता, श्रद्धालुओं को कोविड के नियमों का अनुपालन करना होगा। माना जा रहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में हरिद्वार समेत सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है। इस बीच हरिद्वार में हाल में हुए गंगा स्नानों में भी भारी भीड़ उमड़ी। फिर भी वहां स्थिति नियंत्रण में है। संभवतया इससे मौजूदा सरकार उत्साहित है और उसने कुंभ में श्रद्धालुओं की आवाजाही बेरोकटोक करने का निश्चय किया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।