Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 26, 2024

इन नवरात्र में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, नहीं हैं शुभ संकेत

इस साल शारदीय नवरात्र आज 17 अक्टूबर से शुरू हो गए हैं। इस नवरात्रि कई अच्छे संयोग बन रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिन में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया कि इस बार नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि माता के वाहन के रूप से भविष्य के कई संकेत मिलते हैं। इसे अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। 17 अक्टूबर प्रतिपदा को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना उत्तम रहेगी।
बन रहे विशेष संयोग
इस नवरात्रि ग्रहों की स्थिति ऐसी है कि नवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहे हैं। इस साल नवरात्रि पर राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग जैसे संयोगों का निर्माण हो रहा है। नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं। इस नवरात्रि दो शनिवार भी पड़ रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा का पाठ करना बहुत ही उत्तम रहता है।
दुर्गा की पूजा के दूर होंगे कष्ट
नवरात्रि में मां दुर्गा का विशेष पूजन किया जाता है। इस दौरान विधि-विधान से मां की पूजा-अर्चना से सभी प्रकार के कष्‍ट दूर होते हैं। मां के पूजन के दौरान उनके 108 नामों के जप की भी विशेष महिमा बताई गई है। मां दुर्गा का स्मरण मात्र करने से ही मां कष्टों का निवारण कर देती हैं। वैसे तो सच्ची श्रद्धा से मां का ध्यान लगाने से ही मां अपने भक्तों की पुकार को सुन लेती हैं। फिर भी शास्त्रों में मां दुर्गा के 108 नाम बताये गये हैं, जिनके स्मरण से शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
मां के 108 नामों का करें उच्चारण
नवरात्र के दिनों में तो मां के इन नामों के जाप का माहात्मय और भी बढ़ जाता है। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इन 108 नामों का उच्चारण यदि प्रतिदिन किया जाये तो सभी बिगड़े हुए काम संवरने लगते हैं। नवरात्र के दिनों में हर रोज प्रात:काल स्नानादि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुद्ध आसन पर बैठकर इन सभी नामों का उच्चारण, स्मरण करना चाहिए। इसके बाद मां दुर्गा की आरती उतार कर प्रसाद भी वितरित करना चाहिए।
साल में चार बार आते हैं नवरात्र
नवरात्र भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाया जाने प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं, लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। चैत्र और आश्विन नवरात्र में आश्विन नवरात्र को महानवरात्र कहा जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि ये नवरात्र दशहरे से ठीक पहले पड़ते हैं दशहरे के दिन ही नवरात्र को खोला जाता है।
मां के नौ रूपों की पूजा
नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है।
आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।
घटस्थापना का मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 1 बजे से प्रारंभ है। वहीं, प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, यानी 17 अक्टूबर को घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक का है। अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।


आचार्य का परिचय
नाम डॉ. आचार्य सुशांत राज
इंद्रेश्वर शिव मंदिर व नवग्रह शिव मंदिर
डांडी गढ़ी कैंट, निकट पोस्ट आफिस, देहरादून, उत्तराखंड

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page