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April 24, 2025

कुल्हाड़ी से पत्नी और खुखरी से बेटी की हत्या करने वाली सौतेली मां को उम्र कैद की सजा

देहरादून में हत्या के दो अलग अलग मामलों में अदालत ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

देहरादून में हत्या के दो अलग अलग मामलों में अदालत ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें सहसपुर क्षेत्र में पति को पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई। वहीं, दूसरे मामले में बेटी की ईंट व खुखरी से हत्या करने के मामले में सौतेली मां को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

सहसपुर क्षेत्र में अपर जिला जल विकासनगर ने हत्या के मामले में राजकुमार को आजीवन कारावास की सजा के साथ 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। मामला दिसंबर 2017 का है। दो दिसंबर को शंकरपुर हुकूमतपुर निवासी जयपाल सिंह ने राजकुमार पुत्र भारत सिंह निवासी फीना थाना शिवाला कला जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश के खिलाफ पत्नी कुसुमलता की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राजकुमार भी शंकरपुर हुकूमतपुर में जयपाल के मकान में किराए पर रहता था। हत्या करने का कारण पत्नी पर किसी से अवैध संबंध का शक होना बताया गया।
उधर देहरादून में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश गुरबख्श सिंह की अदालत ने बेटी की हत्या करने वाली सौतेली मां को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। संपत्ति की खातिर महिला ने बेटी की ईंट से हत्या कर खुखरी से शव के दो टुकड़े कर दिए और टुकड़ों को स्टोर में डाल दिया था।
कोतवाली के खुड़बुड़ा मोहल्ले के अंसारी मार्ग की रहने वाली प्राप्ति सिंह शहर के एक इंस्टीट्यूट से एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी। सात फरवरी 2018 को सुबह प्राप्ति का मोबाइल स्विच ऑफ था। उसके रिश्तेदारों और दोस्तों ने जब उसकी सौतेली मां मीनू कौर से मोबाइल बंद होने का कारण पूछा तो उसने बताया कि प्राप्ति सुबह ही एक इंटरव्यू के लिए दिल्ली चली गई है। वह भी उससे बात करने के लिए परेशान है।
रिश्तेदारों ने अधिक दबाव डाला तो मीनू कौर आठ फरवरी 2020 की सुबह आइएसबीटी पुलिस चौकी पहुंची और प्राप्ति की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस को बताया कि प्राप्ति को खुद उसने दिल्ली जाने वाली बस में बैठाया है। इसके बाद उससे दो बार बात भी हुई। पटेलनगर कोतवाली के उस समय के प्रभारी रहे रितेश शाह व एसएसआइ विपिन बहुगुणा ने जब मीनू और प्राप्ति के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो झूठ से पर्दा उठ गया।
दोनों के मोबाइल की लोकेशन सात फरवरी की शाम से आठ फरवरी तक अंसारी मार्ग पर ही थी। पुलिस ने जब मीनू से इस बारे मे सवाल किए तो यहां भी उसने गुमराह करने की कोशिश की। नौ फरवरी को मीनू से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह पुलिस के सवालों के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाई। उसने बताया कि प्राप्ति का उसने कत्ल कर दिया है और शव घर में ही है।
आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची तो प्राप्ति के कमरे से तेज दुर्गंध उठ रही थी। मीनू से चाबी लेकर कमरा खोला गया तो बाथरूम से सटे स्टोर रूम में प्राप्ति का शव दो टुकड़ों में पड़ा हुआ था। पुलिस ने मौके से हत्या में इस्तेमाल ईंट और खुखरी भी बरामद की। जांच में यह सामने आया कि प्राप्ति के पिता का कुछ समय पहले निधन हो गया था। वह अपनी संपत्ति की इकलौती वारिस थी। मीनू मकान को बेचने का दबाव बना रही थी, जिस पर प्राप्ति राजी नहीं हो रही थी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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