नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा, प्रभावितों से की बात, सरकार पर लगाए आरोप

राजधानी का ये हाल तो दूरस्थ इलाकों की स्थिति की कल्पाना मुश्किल
इस दौरान यशपाल आर्य ने कहा कि देहरादून राजधानी से पांच किलोमीटर दूर आपदा के बाद आपदा प्रबंधन के ये हाल हैं, तो राज्य के दूरस्थ इलाकों की कल्पना करना मुश्किल है। देहरादून शहर से लगे रायपुर विकासखंड और टिहरी सकलाना पट्टी के आपदाग्रस्त गांवों का भ्रमण करने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजधानी के आसपास के इलाकों में लोग आपदा से मर रहे थे, या बेघर हो रहे थे, तब सरकार का आपदा प्रबन्धन तंत्र क्या कर रहा था। उन्होंने कहा कि सरखेत ग्राम सभा के इन गांवों में पांच लोग और और टिहरी के ग्वाड़ गांव में 12 लोग पावता हैं। ग्वाड़ में 2 लोगों के मृत शरीर मिल गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हर संभव मदद का दिया आश्वासन
उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित इस इलाके में सैकड़ों बीघा जमीने और सैकड़ों घर, पशु मलबे से समाप्त हो गए हैं। देहरादून से लगा ये इलाका नऐ टूरिस्ट डेस्टिनेसन के रुप में विकसित हुआ है। आपदा से इसको भी धक्का लगा है तथा भारी क्षति हुई है। आर्य ने आपदाग्रस्त पूरे क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों के दुख.दर्द को साझा किया और उन्हें हर संभव मदद दिलवाने का आश्वासन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकारियों से की अपेक्षा
यशपाल आर्य ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से अपेक्षा की कि अतिशीघ्र इस क्षेत्र की सड़कों का आवागमन खोल कर पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य परसों शुक्रवार रात्रि आयी आपदा में बेघर लोगों से मुलाकात करने माल देवता स्थित स्कूल में गए। नेता प्रतिपक्ष से आपदा में बेघर लोगों ने मांग रखी कि सरकार हमें राशन और आपदा अहेतुक राशि देने के बजाय हमारा सुरक्षित स्थानों में पुनर्वास करे। यशपाल आर्य ने आश्वासन दिया कि वे बेघर पीड़ितों के दर्द को सरकार तक पंहुचाएंगे। जरुरत पड़ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाऐंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोगों का सब कुछ बर्बाद
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि इस क्षेत्र में जनहानि तो हुई ही है। साथ ही लोगों की करोड़ों रुपऐ की खेती, मवेशी, घर सब कुछ समाप्त हो गया है। लोग डरे हुए है भयभीत है। चारों ओर बरबादी और तबाही दिखाई दे रही है। सरकार को चाहिए कि आपदा के मानकों से हटकर लोगों को हुए वास्तविक नुकसान को मुआवजे के रुप में दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लचर प्रबंधन पर खड़े किए सवाल
उन्होनें आपदा प्रबन्धन की लचर व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि सरकार ने 2013 की आपदा से भी सीख नही लिया है। राजधानी के पास के इलाके में भी विभागों का रिस्पांस पीरियड नही है। अभी भी सरखेत गांव में बड़ी मशीनें नहीं पंहुची हैं। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि मुख्यमंत्री को तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर इस आपदा ही नहीं, बल्कि किसी भी संभावित घटना के लिए तैयारी करनी चाहिए। कांग्रेस इन कठिन क्षणों में सरकार को हर संभव मदद करने को तैयार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये भी थे साथ
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रभु लाल बहुगुणा, कांग्रेस के निवर्तमान मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ पैनलिस्ट राजीव महर्षि, सूरत सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य अश्वनी बहुगुणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनीत डोभाल, प्रधान सरखेत नीलम कोटवाल, पूर्व प्रधान सरखेत विजेंद्र पंवार, संजय कोटवाल, पार्षद अनिल छेत्री, महेंद्र सिंह पंवार, सुरेश नेगी, रायपुर ट्रक यूनियन वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारीगण और अन्य राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।