वकीलों ने कांग्रेस मैनिफेस्टो के लिए दिए सुझाव, शामिल किए जाएंगे वकीलों के मुद्देः दीपिका पांडेय सिंह

इस मौके पर बार काउंसिल के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह पुंडीर ने कहा कि आज तक एनडी तिवारी की सरकार के सिवाय किसी सरकार नेअधिवक्ता समाज के लिए कुछ खास नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजधानी में स्मार्ट सिटी के नाम पर कचहरी परिसर में व नए कोइट कम्पाउंड में जजी के लिए बिल्डिंगों का प्रवाधान है, किंतु वकील कहाँ बैठेंगे इसका कोई जिक्र तक नहीं है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि राज्य में प्रैक्टिसिंग वकीलों के लिए कोई भी नीति किसी सरकार ने नहीं बनाई। चाहे वो वकीलों का बीमा हो या नए वकीलों के लिए सरकारी स्टैफण्ड हो।
उन्होंने कहा कि कोविड काल में वकीलों की वकालत जब ठप्प पड़ी तो न तो जनप्रतिनिधियों ने न सरकार ने उनकी कोई सुध ली। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन में जो भूमिका वकीलों ने निभाई, उसका कोई प्रतिफल उनको नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो सबसे पहले उनको राज्यभर में सन 2000 से पूर्व पंजीकृत हरअधिवक्ता को राज्य आंदोलनकारी घोषित करना चाहिए। बार एसोसिएशन के सचिव अनिल चीनी ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए राज्य के बजट में इस प्रकार का प्रावधान किया जाना चाहिए, जिससे उनके कल्याण की कोई भी योजना ठीक से चल पाए।
कांग्रेस की प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह ने इस अवसर पर अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह मानना है कि देश व प्रदेश में अधिवक्ता समाज का राष्ट्रीय आंदोलन के समय से ही बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा स्वयं महात्मा गांधी और पंडित नेहरू बैरिस्टर थे और उन्होंने देश हित में व देश की आजादी के लिए राष्ट्रीय आंदोलन में कूदने का फैसला किया। दीपिका ने कहा कि कांग्रेस अपने चुनाव घोषणापत्र में अधिवक्ताओं के मुद्दों को शामिल ही नहीं करेगी, बल्कि सत्ता में आने पर निश्चित रूप से वकीलों के मुद्दों पर सकारात्मक काम करेगी।
मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अधिवक्ता वर्ग ने हमेशा समाज को दिशा दी व मार्गदर्शन किया। आज जब उत्तराखंड राज्य में बेरोजगारी, अवरुद्ध विकास, महंगाई जैसे ज्वलंत सवाल मुहं बाए खड़े हैं, अधिवक्ता समाज से कांग्रेस व समाज को बहुत अपेक्षाएं हैं। इसलिए 2022 में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए अधिवक्ता सहयोग करें। संवाद में इंडियन प्रोफेशनल कोंग्रेस के सीओओ आलिम, राजस्थान प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी, उत्तराखंड प्रोफेशनल कांग्रेस उपाध्यक्ष सुजाता पॉल मालिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।