Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

October 26, 2025

हिमालयन अस्पताल में लेजर तकनीक से दर्द रहित बवासीर का इलाज

देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में स्थित हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के शल्य चिकित्सा विभाग में आज बवासीर (हैमरॉइड्स) के न्यूनतम इनवेसिव उपचार के लिए अत्याधुनिक लेजर सर्जरी यूनिट का शुभारंभ किया गया। इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने किया। इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ संकाय सदस्य, सर्जन, रेजिडेंट्स एवं स्टाफ मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि लेजर हैमरॉइडोप्लास्टी (एलएचपी) तकनीक पारंपरिक शल्य चिकित्सा की तुलना में मरीजों को दर्द रहित और रक्त रहित विकल्प प्रदान करती है। इसके माध्यम से मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर जल्द ही अपने कार्य पर लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक लेजर सिस्टम की स्थापना से अस्पताल में रोगियों को विश्व स्तर पर स्वीकार्य आधुनिक और उन्नत उपचार उपलब्ध हो सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के इस दौरान निदेशक (अस्पताल सेवाएं) डॉ.हेमचंद्र पांडेय, प्रिसिंपल डॉ. रेनू धस्माना, वरिष्ठ संकाय सदस्य, सर्जन, रेजिडेंट्स एवं स्टाफ मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुरक्षित, सहज और गुणवत्तापूर्ण चिकित्साः डा. विजय धस्माना
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना के मुताबिक, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट सदैव मरीज-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। लेजर उपचार जैसी नवीनतम सुविधाएं हमारे अस्पताल को क्षेत्र का अग्रणी स्वास्थ्य केंद्र बनाती हैं और मरीजों के लिए सुरक्षित, सहज व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुनिश्चित करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शुभारंभ के साथ पहली सर्जरी सफलतापूर्वक
डॉ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि अस्पताल में शुभारंभ के साथ इस लेजर तकनीक की मदद से पहली सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। सर्जरी के दौरान मरीज को न्यूनतम दर्द हुआ और रक्तस्राव भी नहीं हुआ। सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही सामान्य जीवन तथा कामकाज में लौटने में सक्षम है। यह सफलता इस तकनीक की सुरक्षा और प्रभावशीलता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लेजर हैमरॉइडोप्लास्टी (एलएचपी) के बारे में
-यह बवासीर (हैमरॉइड्स) का एक आधुनिक, मिनिमली इनवेसिव (कम चीरा लगाने वाला) उपचार है।
-इसमें लेजर तकनीक से बवासीर की सूजी हुई नसों को सिकोड़कर सामान्य किया जाता है।
-यह प्रक्रिया रक्त रहित, दर्द रहित और टांकों से मुक्त होती है।
-मरीज को सामान्य जीवन में लौटने में बहुत कम समय लगता है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *