टनल में भूस्खलनः विशेषज्ञों ने शुरू किया सर्वेक्षण, सीएम धामी ने ली बैठक, जानिए अभी तक की अपडेट खबर
उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के बाद फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही वह अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। वहीं, भूस्खलन के बाद अब शासन और प्रशासन को घटनास्थल और आसपास की जमीन की हकीकत जानने के लिए सर्वे की याद आ गई है। शासन की ओर से सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जांच समिति में ये हैं शामिल
जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में अधिकारियों से निरंतर जानकारी ले रहे हैं। राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें। राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जे.सी. काण्डपाल उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड सहित इन राज्यों के फंसे हैं श्रमिक
जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 40 व्यक्ति फँस गए। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल की ओर सेउपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखंड, एक हिमाचल, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, आठ उत्तर प्रदेश, पांच उड़ीसा, 15 झारखंड, और दो असम के श्रमिक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भेजी जा रही है ऑक्सीजन
सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुये व्यक्तियों तक पहुँचाये जा रहे हैं। फँसे हुये व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बाहर निकलने को सुरक्षित रास्ता किया जा रहा है तैयार
सरकारी प्रेस नोट में कहा गया है कि सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एनएचएआई, आरबीएनएल, एनएचसीएल, एल एण्ड टी, टीएचडीसी, बीआरओ एवं एनएचआईडीसीएल के स्तर से उपलब्ध करवाये गये तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अन्दर आये मलबे को युद्ध स्तर पर हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है। साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फँसे हुये मजदूरों तक पहुँचने के लिये मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहुँच रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तैनात हैं मशीनें
घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है। जहाँ पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैं। साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉर्टक्रीटिंग मशीन 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये टीमें हैं तैनात
खोज-बचाव कार्यों के लिए पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किये गये हैं। त्वरित कार्यवाही के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 किमी की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया है। चिन्यालीसौड़ हैलीपेड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
सुरंग में फँसे हुये व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी है। ये नंबर हैं- ( 01374-222722, 222126, 7500337269 जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र व 7455991223, 7818066867- सिल्क्यारा में स्थापित स्थलीय परिचालन केन्द्र) । (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दवा और उपकरणों की व्यवस्था
सुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गयी है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई एलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये अधिकारी हैं मौजूद
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, डुण्डा / बडकोट. एन.एच.आई.डी.सी.एल. के मुख्य प्रबन्धक एवं राजस्व टीम मौके पर मौजूद है।
हटाया जा रहा है मलबा
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में एक टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार 12 नवंबर की सुबह लगभग पांच बजे एक निर्माणाधीण टनल का आंशिक हिस्सा टूट गया। इसके बाद से टनल के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके तहत रेस्क्यू टीम ने 200 मीटर के क्षेत्र में गिरी चट्टानों को काटकर हटाने का काम शुरू कर दिया है। रेस्क्यू टीम फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने और उन्हें बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है। यह दूरी लगभग 40 मीटर है। अधिकारियों ने कहा कि टनल को ब्लॉक करने वाले लगभग 21 मीटर स्लैब को हटा दिया गया है और 19 मीटर मार्ग को साफ किया जाना बाकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगाई गई आगर मशीन
बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगा ली गई है। इससे बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा। इस पर काम शुरू हो चुका है। सिलक्यारा सुरंग के भूधंसाव से अवरुद्ध हिस्से में 900 एमएम व्यास के एमएस पाइप ऑगर ड्रिलिंग मशीन से डाले जाएंगे। ये पाइप करीब 40 मीटर हिस्से में डाले जाने हैं। भूस्खलन के दायरे के अनुसार इनकी लंबाई भी बढ़ सकती है। इस पाइप के जरिये सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।