ये कैसी आल बेदर रोड, बार बार बंद हो रहा यमुनोत्री मार्ग, आज तीन घंटे तक रहा अवरुद्ध
आल वेदर रोड। हर मौसम में सड़क पर मोटर दौड़ेंगे। गर्मी, सर्दी और बरसात का कोई असर नहीं होगा। यानी यातायात सुचारु। ये सपना है या फिर हकीकत। सपना है तो बहुत शानदार है। हकीकत है तो और भी शानदार। पर क्या जहां हल्की सी बारिश, बारिश थमने के बाद जब धूप निकलती है और पहाड़ चटखने लगते हैं, वहां हम आल वेदर रोड की कल्पना कर सकते है। अब सवाल उठता है कि आल वेदर रोड क्या है। यानी ऐसी सड़क जो भूस्खलन के दौरान भी बाधित न हो। यानी कि भूस्खलन वाले क्षेत्र का ऐसा ट्रीटमेंट हो कि भूस्खलन होने ही ना पाए। अब आल वेदर रोड के नाम पर जो हो रहा है, वो सिर्फ सड़कों का चौड़ीकरण है। बारिश में मलबा गिर रहा है और बारिश के बाद भी सड़क अवरुद्ध हो रही है।

यमुनोत्री राजमार्ग को ही ले लिया जाए। यहां सोमवार की सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक पहाड़ी से आए मलबे के कारण तीन घंटे तक सड़क अवरुद्ध रही। आज मलबा पालीगाड नामक स्थान पर आया। गनीमत रही कि मलबे की चपेट में कोई वाहन नहीं आया। मलबा क्या, ये तो भारी भारी बोल्डर थे, जो पहाड़ी से दरककर सड़क तक जा पहुचे। यहां एनएच की ओर से सड़क का निर्माण (चौड़ीकरण) किया जा रहा है। सड़क चौड़ा करने के लिए पहाड़ियों को काटा जा रहा है। कच्ची पहाड़ियां दरककर गिर रही हैं।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग इस माह में चार बार अवरुद्ध हो चुका है। बार बार भूस्खलन से अवरुद्ध होने के कारण ग्रामीणों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऑल वेदर रोड के लिए पहाड़ों की कटिंग के कारण यहां परेशानी हो रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऑलवेदर सड़क की कटिंग कर रही कंपनी इस पहाड़ी को बेतरतीब ढंग से काट रही है। इससे पहाड़ी जर्जर हो रही है और लगतार भूस्खलन हो रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारी दवेंद्र पटवाल ने बताया कि सड़क कटिंग के दौरान पहाड़ी का कुछ हिस्सा कमजोर पड़ जाने के कारण भूस्खलन हो रहा है। यह मार्ग इस माह में चार बार बंद हो चुका है।
उत्तरकाशी से हरदेव पंवार की रिपोर्ट।