ललित मोहन गहतोड़ी का गीत-बस कर

स्वरचित गीत
बस कर…
छोटी छोटी बातों की,
खोटी बात बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
बड़े बड़े लोग पकड़ते,
छोटी छोटी बातें हैं-2
बोली समझ ले,
समय जाया बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
दिन भी होते छोटे छोटे,
रातें होती छोटी हैं-2
मौसम बदलने का,
इंतजार बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
तुझसे कैसे विरले आये,
आवत जावत जारी है-2
चलती को चलने दे,
दीवार बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
कभी धूप तो कभी छांव हैं,
ये जीवन एक सपना है -2
सपनों को होने दे,
साकार बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
छोटी छोटी बातों को,
छोटी मुलाकातों को-2
छोटा समझ मत,
छोटी बात बस कर-2
हंकार बस कर,
अहंकार बस कर-2
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा : हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।