जानिए कौन है लालकिले में झंडा फहराने का सूत्रधार एक्टर दीप सिद्धू, करियर से लेकर राजनीति तक का सफर
गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने मंगलवार को अचानक झड़प का रूप ले लिया था। इसमें 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। दो महीने से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के अचानक यूं बेकाबू होने की वजह खोजी गई तो कुछ किसान नेताओं ने दीप सिद्धू का नाम लिया। किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया। अभिनेत्री गुल पनाग ने भी ट्वीट करके दीप सिद्धू पर आरोप लगाए। सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी और अभिनेता से नेता बने सनी देओल के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं। यहां बताते हैं कि आखिर ये दीप सिद्धू कौन हैं।
झंडा फहराने का बाद आया दीप सिद्धू का नाम
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल किले पर हुए प्रदर्शन के बाद किसानों ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है। दिल्ली में लालकिले पर निशान साहिब फहराने के बाद सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। इसमें उसने कहा-हमने सिर्फ लालकिले पर निशान साहिब फहराया है जो कि हमारा लोकतांत्रिक हक है। वहां पर तिरंगा नहीं हटाया गया था। किसान संगठनों का कहना है कि सिद्धू के कहने पर ही प्रदर्शनकारी उग्र होकर लाल किले में दाखिल हुए थे।
भाजपा नेता और फिल्म अभिनेता सनी देओल के चुनाव प्रभारी थे दीप
फिल्म अभिनेता और गुरदासपुर के सांसद सनी देओल ने दीप सिद्धू से अपने रिश्ते ना होने के दावे किए हैं। वहीं, सच्चाई ये भी है कि दीप सिद्धू 2019 के चुनाव में उनके चुनाव प्रभारी थे। किसान संगठनों का दावा है कि सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू के लिए गुरदासपुर में जमकर प्रचार किया था। पिछले साल दिसंबर में देओल ने सिद्धू से दूरी बना ली थी।
किसान आंदोलन से ऐसे जुड़े दीप सिद्धू
जैसे ही किसान आंदोलन शुरू हुआ दीप सिद्धू सक्रिय हो गए। रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू ने भी अहम भूमिका निभाई। कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे। कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया। इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है। किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहने के साथ ही डिजिटल का भी पूरा सहयोग लेते हैं। वह अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए भी किसानों को संबोधित करते हैं।
किसानों को भड़काने का आरोप
किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड निकालने वाले थे। आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना कुछ किसानों से मिले। उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला। दो महीने हो गए हैं। ये सरकार की बात मान लेते हैं। बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे।
लालकिले की घटना को लेकर लगे हैं ये आरोप
जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे। लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में ‘निशान साहिब’ का झंडा लगाया गया। तब सिद्धू उसी समूह में शामिल थे। पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया। उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है।
किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को ठहराया जिम्मेदार
किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है। उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन को धार्मिक आंदोलन बना दिया है। बता दें कि किसानों के ट्रैक्ट्रर ट्रॉली के दौरान 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने 22 केस दर्ज किए हैं।
पुलिस के रोकने के बाद तोड़े बैरीकेड
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमने पहले ही ऐलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था। बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा। हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड तोड़े। हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आउटर रिंग रोड जाएंगे। उन्होंने भी लाल किले के मामले से पल्ला झाड़ा और कहा कि- लाल किले पर जाने के हम जिम्मेदार नहीं। लाल किले पर दीप सिद्धू गया। लाल किले पर जो हुआ उसका जिम्मेदार दीप सिद्धू है।
सरकार का आदमी है दीप सिद्धू
सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि लाल किले पर दीप सिद्धू को पुलिस ने क्यों नहीं रोका। दीप सिद्धू सरकार का आदमी है। हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे। पुलिस का जांच में हम सहयोग करेंगे।मैं संयुक्त किसान मोर्चे से बात भी करूंगा। लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं।
जीवन परिचय
दीप सिद्धू का जन्म 1984 में मुक्तसर, पंजाब में एक पंजाबी परिवार में हुआ। दीप सिद्धू एक भारतीय अभिनेता और कार्यकर्ता हैं। जो हिंदी और पंजाबी भाषा की फिल्मों में काम करते हैं। दीप ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एक पंजाबी फिल्म रमता जोगी से की है।
किंगफिशर मॉडल हंट
दीप सिद्धू किंगफिशर मॉडल हंट के विजेता बने और फिर उन्होंने ग्रासिम मिस्टर इंडिया में भाग लिया और ग्रेसिम मिस्टर पर्सनेलिटी और ग्रेसिम मिस्टर टैलेंटेड बने।
रहे कानूनी सलाहकार
सिद्धू ने हेमंत त्रिवेदी, रोहित गांधी और अन्य जैसे डिजाइनरों के लिए मुंबई में रैंप वॉक किया। किसी तरह वह मॉडलिंग की दुनिया से नहीं जुड़ सके। इसलिए उन्होंने कानून की पढ़ाई करने के बाद से एक वकील के रूप में अभ्यास करना शुरू कर दिया। उनका पहला प्लेसमेंट सहारा इंडिया परिवर के साथ कानूनी सलाहकार के रूप में था। फिर उन्होंने ब्रिटिश लॉ फर्म के साथ काम किया, जिसे हैमंड्स कहा जाता है। उन्होंने डिज्नी, सोनी पिक्चर्स और अन्य हॉलीवुड स्टूडियो का प्रबंधन किया। फिर वह साढ़े तीन साल तक बालाजी टेलीफिल्म्स के कानूनी प्रमुख बने रहे। यहीं पर एकता कपूर ने उन्हें अभिनय करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने शुरुआत नहीं की।
राजनीति में प्रवेश
सिद्धू ने 2019 के भारतीय आम चुनाव के दौरान राजनीति में प्रवेश किया और गुरदासपुर के भाजपा सांसद सनी देओल के लिए प्रचार किया। उन्हें देओल का करीबी कहा जाता है और किसानों के विरोध के दौरान, किसान यूनियनों ने विरोध प्रदर्शनों में भाजपा और आरएसएस की कड़ी दिखाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सनी देओल के साथ सिद्धू की तस्वीरों का इस्तेमाल किया। इस दावे को उन्होंने खुद ही बाद में नकार दिया।
अंग्रेजी में पुलिस अधिकारी से की बात
कुछ वक्त पहले सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में सिद्धू सिंघु बॉर्डर पर किसानों संग खड़े थे। वीडियो में वह एक पुलिस अधिकारी से अंग्रेजी में बात करते हुए भी दिखे थे। इस वीडियो के बाद पंजाब के किसानों की पढ़ाई और उनके स्टेटस को लेकर तमाम चर्चाएं भी शुरू हुई थीं।
एनआईए ने भेजा था समन
पिछले हफ्ते एनआईए ने सिद्धू को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले की जांच के सिलसिले में पेश होने के लिए समन भेजा था, जो पिछले साल 15 दिसंबर को दर्ज किया गया था। लाल किले की घटना के बाद किसान संगठन अब उससे पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां तक कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी सिद्धू से दूरी बना ली है और उस पर किसानों को लालकिले की ओर ले जाने का आरोप लगाया। एसकेएम ने कहा कि सिद्धू सोमवार रात को एक मंच पर दिखा और भड़काऊ भाषण देकर तोड़फोड़ किया।