Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 13, 2025

जानिए अंडरगार्मेंट धोने का सही तरीका, ब्रा धोने में रखें ये ध्यान, जानिए ब्रा का इतिहास

आप हर दिन अंडरगार्मेट्स पहनते हैं। इसके साथ ही सवाल उठता है कि क्या आप उसे सही तरीके से साफ करते हो। अंडरगार्मेंट्स (undergarments) को आप सही तरीके से साफ नहीं करोगे, तो आपको प्राइवेट पार्ट्स के आसपास इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ सकता है। आपके घर का जो तापमान है, उस तापमान वाले पानी से अंडरवियर धोने से बैक्टीरिया और इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका अंडरगार्मेंट्स भी साफ रहे और आप किसी भी तरह के इंफेक्शन से बची रहें, तो 60 डिग्री से नीचे के तापमान वाले पानी में अंडरवेयर, पैंट्स आदि धोने से कुछ नहीं होगा। इससे उनमें मौजूद बैक्टीरिया नष्ट नहीं होते हैं। इससे आपके प्राइवेट पार्ट्स को भी नुकसान हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूं साफ करें अंडरगार्मेंट्स
-हर दिन अपने अंडरगार्मेंट्स को साफ करें। एक दिन पहनने के बाद दोबारा एक ही अंडरगार्मेंट खासकर पैंटी ना पहनें। त्वचा से सीधा संपर्क में होते हैं, इसलिए इनका साफ-सुथरा और हाइजीनिक होना जरूरी होता है।
-कई बार गंदे कपड़ों के साथ इन्हें भी वॉशिंग मशीन में धोने के लिए डाल देते हैं। दो-तीन दिन ये ऐसे ही गंदे कपड़े में पड़े रहते हैं, जो सही नहीं हैं। इन्हें बाकी कपड़ों से अलग साफ करना चाहिए। इनसे कई तरह के इंफेक्शन दूसरे कपड़ों में भी प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अंडरवियर, ब्रा, शॉर्ट्स आदि को नहाते समय खुद से ही साफ कर लें। इससे ये अच्छी तरह से साफ भी होते हैं।
-वॉशिंग मशीन में धोना है, तो हॉट वॉटर ऑप्शन चुनें। इससे अंडरगार्मेंट्स गुनगुने पानी में धुल जाएंगे। अंडरवियर को हमेशा हल्की धूप में ही सुखाएं, ताकि यह इंफेक्शन मुक्त रहे। अंडरगार्मेंट को साफ करने से पहले उसकी वॉशिंग संबंधी सूचना पढ़ लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रा धोते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
मार्केट में आपको तरह-तरह की ब्रा मिल जाएंगी। इनमें पैडेड से लेकर अंडयरवायर ब्रा शामिल है। अंडरगार्मेंट्स को साफ करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन आपको धोने का तरीका पता होना चाहिए। ब्रा को धोते समय, छोटी सी भी गलती न केवल ब्रा की शेप पर असर डालती है, बल्कि फैब्रिक भी हो सकता है। यहां हम इसी बात का उल्लेख करने जा रहे हैं कि महिलाओं को ब्रा को धोने में किस बात का ध्यान रखना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दूसरे कपड़ों के साथ ना धोएं
ज्यादातर महिलाएं यह गलती करती हैं कि वह सभी कपड़ों के साथ ब्रा को भी धोती हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। इसके कारण ब्रा पर अन्य कपड़ों का रंग लग सकता है। अगर मशीन में कपड़े ज्यादा हुए तो इसकी वजह से ब्रा की शेप खराब हो सकती हैं। इसलिए आपको सबसे आखिर में ब्रा को धोना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि ब्रा को धोने के लिए नए डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रा को निचोड़े नहीं
पैडेड से लेकर स्पोर्ट्स तक ब्रा को दवाब के साथ निचोड़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से ब्रा के कपड़े से लेकर शेप तक दोनों चीजें खराब हो जाती हैं। केवल ब्रा को सूखने के लिए छोड़ दें। कुछ देर में पानी अपने पास सूख जाएगा। इस बात का भी ध्यान रखें की ब्रा को तार में लटाकर सूखाने से भी यह खराब होने लगती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथों से धोएं
हर तरह के कपड़ों को मशनी में नहीं धोना चाहिए। खासतौर पर ब्रा को। अगर आप ब्रा को मशीन में धोएंगी, तो इससे यह खराब हो जाएगी। ब्रा को हाथों से धोएं। ठंडे पानी में लिक्विड डिटर्जेंट मिला लें। अब ब्रा को कुछ देर पानी में भिगने के लिए छोड़ दें। इसके बाद साफ पानी से दोबारा धो लें। अंडरवायर ब्रा को खास देखभाल की जरूरत रहती है। इसे मशीन में धोने से ब्रा की वायर खराब हो जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रा को ड्रायर में न सुखाएं
केवल ब्रा धोने से आपका काम पूरा नहीं हो जाता है, इसे सही तरीके से सुखाना भी बेहद जरूरी है। लेकिन ब्रा को वॉशिंग मशीन में न सुखाएं। इससे ब्रा का फैब्रिक खराब हो जाएगा, साथ ही कपड़ा हार्ड होने लगेगा। इसलिए इसे बाहर हवा में सुखाएं। लेकिन स्ट्रैप से नीचे की ओर न लटकाएं। इससे ब्रा खीच सकती है। पैडेड के बीच वाली जगह को तार पर डालकर सुखाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रा वॉशिंग बैग आएगा काम
अगर आपको हाथों से ब्रा धोना पसंद नहीं है तो आप इसके बजाय मशीन में भी धो सकती हैं, लेकिन एक शर्त पर। बाजार में आपको ब्रा वॉशिंग बैग मिल जाएंगे, जो विशेष रूप से इसकी देखभाल यानी उन्हें खराब होने से बचाने के लिए बनाया गया एक प्रोडक्ट है। जब भी आप मशीन में ब्रा धोने की सोचें तो पहले ब्रा को बैग में डालें। फिर मशीन में धोने के लिए रख दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन बातों का भी रखें ख्याल
ब्रा को धोने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल न करें। इसके कारण ब्रा का रंग उड़ सकता है। साथ ही, फैब्रिक फट भी सकता है।
ब्रा को सही तरीके से स्टोर भी करना चाहिए। अपने अन्य कपड़ों के साथ इसे न रखें। अलमारी का एक कोना या ड्राअर में ब्रा को रखना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कब हुई ब्रा की शुरुआत
मिस्त्र में रहने वाली महिलाएं काफी समय पहले से ब्रा पहनती आ रही हैं। बहुत पहले मिस्त्र की महिलाएं चमड़े से बनी ब्रा पहनती थी, जिसे पहनना बहुत ही मुश्किल होता था। इससे महिलाओं को काफी समस्या होती थी। कहा जाता है कि चमड़े से बनी यह ब्रा महिलाओं की बॉडी को शेप देने में मददगार होती थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद करीब 17 से 18वीं शताब्दी के आते-आते एक सफेद रंग का अंडरगारमेंट का चलन शुरू हुआ। तब इसे पूरे तरीके के ब्रा कहना गलत होगा। यह सफेद रंग का कपड़ा एक कमीज की तरह नजर आता था। वहीं, लगभग साल 1890 में बहुत से देशों की महिलाओं ने कोर्सेट पहनना शुरू किया, जो देखने में एक जैकेट की तरह लगता था। इसके पीछे एक डोरी होती थी, जिससे इसे कसा जा सकता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फ्रांस की किया महिला ने किया ब्रा का आविष्कार
समय के साथ सन्र 1889 में मार्डन ब्रा का अविष्कार हुआ, जिसको फ्रांस की रहने वाली हरमिनी काडोले नाम की महिला ने बनाया। बाद में लोगों ने हरमिनी काडोले को कोर्सेलेट जॉर्ज का नाम दे दिया। वहीं, साल 1940 के बाद ब्रा को नायलॉन के कपड़े से बनाना शुरू किया गया। इसके बाद इनका वजन हल्का होने लगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रा का विरोध
साल 1907 के दौरान फेमस फैशन मैगजीन ‘वोग’ ने Brassiere शब्द को फेमस किया। इस शब्द का मतलब था, शरीर के ऊपरी हिस्से पर पहनने वाला कपड़ा। इसके बाद से ही महिलाओं ने यह ब्रा पहनना शुरू कर दिया। ब्रा के चलन में आने के कुछ वक्त बाद इसका विरोध होना शुरू हो गया था। कई महिला संगठन सालों से ब्रा का विरोध करते आए हैं, जो आज के समय में महिलाओं के कपड़ों का जरूरी हिस्सा बन चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आधुनिक ब्रा का शुरुआती रूप
साल 1911 में ‘ब्रा’ शब्द को ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में जोड़ा गया। इसके बाद 1913 में अमरीका की जानी-मानी सोशलाइट मैरी फ़ेल्प्स ने रेशम के रुमालों और रिबन से अपने लिए ब्रा बनाए और अगले साल इसका पेटेंट भी कराया। मैरी की बनाई ब्रा को आधुनिक ब्रा का शुरुआती रूप माना जा सकता है मगर इसमें कई ख़ामियां थीं। ये स्तनों को सपोर्ट करने के बजाय उन्हें फ़्लैट कर देती थी और सिर्फ एक ही साइज़ में मौज़ूद थी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page