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April 15, 2025

माचिस से तिल्लियां गायब करने के बाद हिलाकर उससे तिल्लियों की आवाज भी निकाल सकते हैं आप

हम यदि किसी को तिल्लियों से भरी माचिस दिखाएं। फिर उसमें से सारी तिल्लियां गायब कर दें। फिर खाली माचिस को हिलाकर बजाएं और आवाज सुनाई दे। कहने व सुनने में ये अटपटा जरूर लगता है, लेकिन ऐसा किया जा सकता है। ये सिर्फ हाथ की सफाई का खेल है। इसके लिए हमें पहले से तैयारी करनी होगी। तभी हम इस खेल को दिखाकर सामने वाले को हैरत में डाल सकते हैं।
आवश्यक सामग्री और तैयारी
इस काम के लिए हमें माचिस की दो एक जैसी डिब्बिया की जरूरत पड़ती है। साथ ही फेवीकाल भी चाहिए। सबसे पहले हम सावधानीपूर्वक एक माचिस की डिब्बी पर से लेबल उतार लेंगे। इसे दूसरी डिब्बी में चिपका देंगे। ऐसे में डिब्बी में दोनों तरफ लेबल हो जाएंगे। अब जिस माचिस से हमने तिल्लियां गायब करनी हैं। उससे सारी तिल्लियां निकाल लेंगे। फिर उसके खांचे को बाहर निकालकर उसकी उल्टी तरफ एक पंक्ति में तिल्लियां फेवीकोल से चिपका देंगे। इसके बाद खांचे को माचिस में भीतर डाल देंगे। अब हम यदि इस माचिस को खोलते हैं तो एक तरफ खांचा खाली दिखेगा। दूसरी तरफ तिल्लियां चिपकी होने से माचिस भरी नजर आएगी।
अब हम दूसरी माचिस को लेंगे, जिसमें तिल्लियां भरी हैं। उसे अपने हाथ की कमीज के भीतर कलाई में रबर बैंड से बांध लेंगे। इस माचिस में कुछ तिल्लियां पहले ही निकाल लेंगे, ताकि हिलाने पर माचिस खड़खड़ कर सके। भीतर तिल्ली ज्यादा रहने से माचिस टाइट रहेगी और तिल्ली हिलेंगी नहीं तो आवाज नहीं आएगी।
फिर दिखाएं खेल
अब हम किसी दर्शक को निकट बुलाएंगे और उसे बातों में उलझाकर उस माचिस को दिखाते हैं, जिसमें कलाकारी हम पहले ही कर चुके हैं। हम उसे माचिस उस तरफ से दिखाएंगे, जहां हमने उसके भीतर खांचे में पीछे की ओर से तिल्लियां चिपकाई हैं। बस कुछ ही क्षण उसे दिखाएंगे। फिर उसे कुछ पीछे हटने को कहेंगे। तब हम हाथ से माचिस हिलाएंगे। आवाज हमारी कलाई के निकट छिपी माचिस से आएगी। ऐसे में सभी समझेंगे कि माचिस भरी है और उससे आवाज आ रही है।


अब हम उसी व्यक्ति को पास बुलाकर माचिस को दूसरी तरफ से दिखाते हैं। वहां माचिस का खांचा खाली नजर आएगा। इस पर वह चकित हो जाएगा। फिर हम उस माचिस को दूसरे हाथ में लेकर हिलाएंगे। आवाज नहीं आएगी। अब हम फिर उसी माचिस को लेकर पहले वाले उस हाथ से हिलाएंगे, जिसमें पहले से ही माचिस छिपाकर बंधी है। फिर आवाज सुनाई देगी। इसे देखने वाला अचरज में पड़ जाएगा।
ये हैं तथ्य और रखें ये सावधानियां
माचिस की डिब्बी में पिछली तरफ से चिपकाई गई तिल्लियां दृष्टि भ्रम पैदा करती हैं। ऐसे में माचिस पूरी भरी दिखाई देती है। माचिस के दोनों तरफ लेबल लगे होने के कारण ये पता नहीं चल पाता कि हम माचिस पलटकर दिखा रहे हैं। सावधानी बरते हैं लेबल को सही तरीके से चिपकाएं। कलाई में बंधी माचिस तभी हिले, जब हम हथेली में ली गई माचिस को हिलाते हैं। ताकी ऐसे लगे कि आवाज हथेली की माचिस से निकल रही है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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