पुलिस से रिटायर्डमेंट के बाद उत्तरकाशी में उगाई कीवी, सफल रहा प्रयोग, जानिए कीवी के औषधीय गुण

उत्तरकाशी जिले में डुंडा गांव निवासी सूर्यमंदिर बलोनी ने पुलिस विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद कीवी की फसल पर हाथ आजमाया और उन्हें इसमें सफलता भी मिली। कीवी के बेलनुमा एक पेड़ से फसल तो हो गई, लेकिन मार्केटिंग की व्यवस्था न होने से उन्हें औने पौने दाम में बाजार में बेचना पड़ा।
कीवी फल की बेल अंगूर की तरह होती है। सर्दियों में इसके पत्ते झड़ जाते हैं। भारत के हल्के उपोष्ण और हल्के शीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्र जिनकी समुद्रतल से ऊंचाई 1000 से 2000 मीटर, 150 सेंटीमीटर औसत वार्षिक वर्षा तथा सर्दियों में 7 डिग्री सेल्सियस तापमान लगभग 100 से 200 घण्टों का मिल सकता हो, वहां इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। अभी तक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में इसकी खेती नहीं होती थी। वहीं, पुलिस में कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त ने के बाद से ही डुंडा गांव के सूर्य मंदि बलोनी ने वर्ष 2015 में कीवी की खेती आरंभ की।
इसके लिए उन्होंने कीवी की 13 पोध रोपित की। ये बेल फल देने लगी हैं। नवंबर माह में करीब एक कुंतल फसल हुई। हालांकि उन्हें मार्केटिंग की व्यवस्था न होने के कारण इसकी कीमत 25000 रुपये तक ही मिली। वहीं, बाजार में कीवी 80 रुपये तक बिकता है।
सूर्य मंदि बलोनी ने बताया कि कीवी की फसल के लिए शुरूआत में काफी मेहनत करनी पड़ी। इसका फायदा ये है कि बंदर और लंगूर इसकी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। वे इसके फल को नहीं खाते। साथ ही यह फल स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
कीवी खाने के फायदे
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
विटामिन सी से भरपूर कीवी में पर्याप्त एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते है। जो कई तरह के इंफेक्शन से सुरक्षित रखने में सहायक है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल के लिए
कीवी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है. इसके नियमित सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। दिल से जुड़ी कई बीमारियों में ये मुख्य रूप से फायदेमंद है।
सूजन कम करने में मददगार
कीवी में इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है. ऐसे में अगर आपको अर्थराइटिस की शिकायत है तो कीवी का नियमित सेवन करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा ये शरीर के अंदरुनी घावों को भरने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
कब्ज़ से राहत के लिए
कीवी में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है. कीवी के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या में भी फायदा होता है। फाइबर की मौजूदगी से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
उत्तरकाशी से सुमित कुमार की रिपोर्ट।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।