उत्तराखंड में 300 यूनिट बिजली के बाद केजरीवाल ने खेला दूसरा दांव, अब पीएम मोदी को लिखा पत्र, दूसरे दलों की उड़ाई नींद
उत्तराखंड में 300 यूनिट फ्री बिजली के वादे के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने यहां की जनता के दिल और दिमाग को जीतने के लिए दूसरा दांव खेल दिया। उन्होंने उत्तराखंड के विख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की अपनी मांग को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। यानी की अब इस मुद्दे को भाजपा की झोली में डाल दिया है। यदि ऐसा निर्णय नहीं होता तो भाजपा की किरकिरी होगी और हो जाता है तो आम आदमी पार्टी के आगामी चुनाव में उत्तराखंड में नंबर बढ़ जाएंगे।
पहले की फ्री बिजली की पैरवी
हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल देहरादून आए थे और यहां चार वायदे करके गए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आप की यदि सरकार बनेगी तो यहां के बिजली उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। साथ ही किसानों को फ्री बिजली, पुराने बिजली के अनियमित बिल माफ करने के साथ ही पावर कट न होने का वादा दिया। इसे लेकर प्रदेश में दूसरे राजनीतिक दलों में खलबली मची है। साथ ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताों ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उत्तराखंड के लोगों फ्री बिजली उनका अधिकार है।
किया स्व. बहुगुणा के परिवार का सम्मान
केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक और शतरंज की चाल चलते हुए यहां के लोगों का दिल जीतने का प्रयास किया। जाने माने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को जहां उत्तराखंड की सरकार कोई विशेष सम्मान नहीं दे सकी, वहीं, केजरीवाल ने दो 15 जुलाई को दिल्ली विधानसभा में स्व. बहुगुणा के चित्र व पत्थर के पोट्रेट का अनावरण किया। साथ ही विधानसभा सभागार में आयोजित समारोह में स्व. बहुगुणा के परिजनों को सम्मानित किया। इस मौके पर स्व. बहुगुणा के बेटे राजीव नयन बहुगुणा से तो उस मौके पर यहां तक कह दिया कि -जैसे वैक्सीन करोना बीमारी को ठीक करती है, वैसे ही आम आदमी पार्टी नाम की वैक्सीन भ्रष्ट राजनीति को ठीक करती है। इस मौके पर स्व. बहुगुणा के परिजनों को सम्मानित भी किया गया।
अब खेला ये दांव
दिल्ली में हुए सम्मान के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि स्व. बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। इसके लिए वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। अब उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई। इस संबंध में केजरीवाल ने स्वयं ट्विट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने पत्र को भी शेयर किया है। ये पत्र 16 जुलाई को लिखा गया है।
ये है पत्र
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
उत्तराखंड के निवासी और चिपको आंदोलन के लिए मशहूर पर्यावरणविद स्वर्गीय श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदाल से तो आप परिचित ही हैं। बहुगुणा जी ने अपनी 94 वर्ष की यात्रा इसी वर्ष 21 मई, 2021 को अंतिम सांस लेते हुए पूर्ण की। उनका पूरा जीवन देश व समाज के लिए और मानवता की भलाई के लिए
इतने कार्यों से भरा हुआ है कि हम कभी भी उस से उसण नहीं हो सकते। इस वर्ष हम देश की आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी ने अपना बचपन गांधी जी की प्रेरणा से स्वतंत्रता संग्राम में देश को आजाद करने के लिए लड़ते हुए बिताया। आजादी के बाद वे संत विनोबा भावे जी की प्रेरणा से भूदान और ग्राम स्वराज योजना के कार्यक्रमों में लग गए। जिस समय दुनिया आंख बंद करके पर्यावरण के शोषण में लगी थी, और पर्यावरण संरक्षण का भाय अंतरराष्ट्रीय विमर्श में भी नहीं था, उस समय उन्होंने राष्ट्र और समूचे विश्व पर आने वाले खतरे को भांपते हुए स्वयं को पर्यावरण की रक्षा के यज्ञ के लिए समर्पित कर दिया। मां ने संदेश दिया कि मनुष्य प्रकृति को अपने निजी संपत्ति मानने की भूल कर बैठा है और इसके अंधाधुंध दोहन की वजह से संसार में अनेक विसंगतियां और समस्याएं उत्पन्न होने जा रही हैं। उनके द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंच गया।
हम भारत के लोगों का सौभाग्य है कि हमें मार्गदर्शन देने के लिए सुंदरलाल बहुगुणा जैसा व्यक्तित्व हमारे देश में पैदा हुआ। उनका पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। दिल्ली में हमने दिल्ली विधानसभा में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी की तस्वीर लगवाई है ताकि उनका जीवन और उनके द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिए शुरू किया गया यज्ञ, दिल्ली के नीति नियंत्रण के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन करता रहे।
आजादी के 75वें साल में जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों और पिछले 75 वर्ष के सफर में राष्ट्र को सही दिशा देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने का काम कर रहे हैं तो ऐसे में दिल्ली सरकार की और से मेरा आपसे अनुरोध है कि श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। हमारा मानना है कि श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी को भारत रत्न प्रदान करने से इस सम्मान का ही सम्मान होगा। मैं उम्मीद करता हूं कि आप दिल्ली सरकार के इस निवेदन पर गौर करेंगे और इस दिशा में यथाशीघ्र समुचित निर्णय लेंगे।
सादर।
अरविंद केजरीवाल
21 मई को हुआ था निधन
गौरतलब है कि 21 मई 2021 को 94 वर्ष की उम्र में कोरोना के चलते सुंदरलाल बहुगुणा का एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया था। वे काफी समय से बीमार थे।
चिपको आंदोलन के हैं प्रणेता
चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म नौ जनवरी सन 1927 को देवभूमि उत्तराखंड के मरोडा नामक स्थान पर हुआ। प्राथमिक शिक्षा के बाद वे लाहौर चले गए और वहीं से बीए किया। सन 1949 में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद ये दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए। उनके लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी की। दलितों को मंदिर प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आन्दोलन छेड़ दिया।
अपनी पत्नी श्रीमती विमला नौटियाल के सहयोग से इन्होंने सिलयारा में ही ‘पर्वतीय नवजीवन मण्डल’ की स्थापना भी की। सन 1971 में शराब की दुकानों को खोलने से रोकने के लिए सुंदरलाल बहुगुणा ने सोलह दिन तक अनशन किया। चिपको आन्दोलन के कारण वे विश्वभर में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उत्तराखंड में बड़े बांधों के विरोध में उन्होंने काफी समय तक आंदोलन भी किया। सुन्दरलाल बहुगुणा के अनुसार पेड़ों को काटने की अपेक्षा उन्हें लगाना अति महत्वपूर्ण है। बहुगुणा के कार्यों से प्रभावित होकर अमेरिका की फ्रेंड ऑफ नेचर नामक संस्था ने 1980 में उन्हें पुरस्कृत भी किया। इसके अलावा उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पर्यावरण को स्थाई सम्पति माननेवाला यह महापुरुष आज ‘पर्यावरण गाँधी’ बन गया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।