कर्नाटकः नई शिक्षा नीति में मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव, न्यूटन और पाइथागोरस पर उठाए सवाल
नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूलों में पाठ्यक्रमों में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। अब विज्ञान के सिद्धांत और गणित के नियम भी अव्यवहारिक लगने लगे हैं। ऐसे में शुद्ध देसी भारतीय सिद्धांतों की वकालत होने लगी है।
नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूलों में पाठ्यक्रमों में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। अब विज्ञान के सिद्धांत और गणित के नियम भी अव्यवहारिक लगने लगे हैं। ऐसे में शुद्ध देसी भारतीय सिद्धांतों की वकालत होने लगी है। कर्नाटक में नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तय करने के लिए बनी टास्क फोर्स के सुझाव कुछ ऐसे ही हैं। टास्क फोर्स ने मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनुशंसा की है। साथ ही गणित से जुड़ी देशी पद्धति को बढ़ावा देने वकालत भी की है। इसके पीछे तर्क दिया है कि गुरुत्वाकर्षण और पाइथागोरस की जड़ें वैदिक गणित में हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि ये शिक्षा के भगवाकरण की ताजा कोशिश है। कर्नाटक में शिक्षा के भगवाकरण का मामला एक बार फिर गरमा गया है।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम तय करने के लिए कर्नाटक में बनी टास्क फोर्स ने मनुस्मृति को सिलेबस में शामिल करने की अनुशंसा की है। टास्क फोर्स का कहना है कि आमतौर पर लोग मनुस्मृति का एक श्लोक किसी एक चैप्टर से पढ़ते हैं, दूसरा किसी और चैप्टर से। इसके बाद सवाल उठाने शुरू कर देते हैं, जो ठीक नहीं है। मनुस्मृति पर सभी लोग सवाल उठा सकते हैं, उनका हक है, लेकिन इसके पहले उन्हें इसे पढ़ना होगा। इसके बाद सवाल उठाना सही होगा।
टास्क फोर्स ने कहा कि इसमें जो ठीक है, उनका गृहण करना चाहिए और जो ठीक नहीं है उसको छोड़ देना चाहिए। वेवजह विवाद खड़ा करने से कोई फायदा नहीं है। टास्क फोर्स ने मनुस्मृति की वकालत करते हुए न्यूटन और पाइथागोरस के सिद्धांतों पर सवाल उठाए हैं। साथ ही देश की प्राचीन अंक प्रणाली, जैसे कि भूतसांख्य और कटापयदि-सांख्य पद्धति को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया है।





