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December 20, 2024

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में जेपी नड्डा ने देश में महिलाओं के योगदान की दिलाई याद, दर्शना जरदोष ने दिए उदाहरण

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश की मातृशक्ति को सामर्थ्यवान और सबल बनाना चाहती है। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन के मौके पर जेपी नड्डा ने वर्चुअली संबोधित किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश की मातृशक्ति को सामर्थ्यवान और सबल बनाना चाहती है। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन के मौके पर जेपी नड्डा ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारा कार्यकर्ता इतना सामर्थ्यवान है कि उसे जो जिम्मेदारी सौंपी जाती है उसको कर्मठता से निभाता है। उन्होने कहा कि मातृशक्ति ने जितनी सेवा राष्ट्र की करी है उतनी अन्य लोगों द्वारा नहीं की गई होगी। कोरोना काल में  मास्क बनाने का काम तथा भोजन व अन्य उपयोगी वस्तुओं की व्यवस्था मातृशक्ति ने की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी मातृशक्ति का सम्मान सदैव आवश्यक है। हमारी संस्कृति में भी निरंतर चर्चा हुई है इसका वर्णन वेदों, उपनिषदों तथा अन्य धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। हमारा इतिहास पुराण तथा अन्य प्रभावशाली ग्रंथ मातृशक्ति की विशिष्टता की चर्चा करते रहे हैं। देवी शकुंतला ने जंगलों में रहकर अपने पुत्र भरत को इतना मेधावी बनाया कि उन्होंने जैसा शासन किया है वह इतिहास का विषय बना है। जंगल में रह कर अपने पुत्र को सामर्थ्यवान शिक्षित बनाना, योद्धा बनाना तथा हर क्षेत्र में विशिष्ट बनाना यह मात्र मातृशक्ति की ही कृपा के कारण हो सका।
नड्डा ने कहा कि आज हम सह शिक्षा की बात कर रहे हैं, लेकिन हमारे पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मातृशक्ति तथा पुरुष साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरुकुल में मातृशक्ति विशेष स्थान दिया जाता था। एक नारे की चर्चा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम आज “लेडीज़ फस्ट” की बात करते हैं, लेकिन हमारे यहां गौरीशंकर, सीताराम, राधाकृष्ण जैसे शब्द वर्षों से प्रचलित हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश में मातृशक्ति विशेष सम्मानित रही हैं। देश की स्वतंत्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने युद्ध प्रारंभ किया था। उसके बाद हजारों हजार मातृशक्ति ने इस संग्राम में भाग लिया। भारतीय इतिहास की इन महिलाओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार हमारे प्रधानमंत्री ने उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान विदेश जैसे विभिन्न विभागों को मातृशक्ति को सौंपा था यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश में मातृशक्ति पूरी तरह सामर्थ्यवान तथा कार्य कुशल है। खेलों में हमारी बेटियों ने जो श्रेष्ठता हासिल की है वह अपने आप में विलक्षण है। पीवी सिंधु, साइना नेहवाल जैसे दर्जनों नाम खेल में अपनी विशिष्टता के कारण जाने जाते हैं। डॉक्टर आनंदी भोपाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की हजारों महिलाओं ने अपनी श्रेष्ठता विभिन्न क्षेत्रों में साबित की हैं। हम सब लोग मातृशक्ति का मन से नमन करते हैं और हमारी प्राथमिकता है कि मातृशक्ति सदैव आगे रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं को विशेष सेवाभावी होने के लिए बधाई दी।
जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीकाकरण महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयोग किया है। उनके मन में हमेशा नए कार्यकर्ताओं के उत्थान और उनकी योग्यताओं का लाभ उठाने की परिकल्पना रहती है। सबका साथ सबका विकास सब का विश्वास सबका प्रयास इस मंतव्य के मूल में  राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज जैसी दर्जनों वरिष्ठ नेताओं को शक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य जैसे विभाग महिलाओं को दिए गए थे। मंत्रिमंडल में अब तक सबसे अधिक महिलाओं की संख्या है जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी बौद्धिक क्षमता का सदुपयोग संगठन के लिए करना चाहिए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने महिला समाज के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। कहा कि मातृशक्ति समाज के माध्यम से हमारी योजनाएं जनता तक पहुंचेगी और इनका लाभ आम आदमी को मिलेगा। उन्होंने राजमाता विजय राजे सिंधिया को विशेष रुप से याद किया तथा कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को भुलाया नहीं जा सकता। यह हमारी मातृशक्ति की की पहचान है। उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी एल संतोष तथा राष्ट्रीय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानाती श्रीनिवासन तथा अन्य पदाधिकारियों को भी इस आयोजन के लिए बधाई दी तथा कहा कि यह कार्यकारिणी कई मायनो में  विलक्षण साबित होगी।
इससे पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने कार्यकर्ताओं से अपेक्षा कि वह संगठन में बिना किसी अपेक्षा के कार्य करें। निश्चित रुप से संगठन उनका मूल्यांकन करता है। उन्होंने कहा कि हम अपने तुलना किसी से ना करें, संगठन के पास हजारों हजारों कार्यकर्ता है किसी की कुछ विशिष्टता है और किसी की कुछ विशिष्टता है। हम भी वर्षों से पार्टी में आए हैं और दूसरे भी पार्टी में आए हैं, लेकिन संगठन किसे कौन सा दायित्व सौंपता है यह उसके अपने प्रज्ञा की बात है इसलिए तुलना करना ठीक नहीं है। हमें अपने काम को प्रभावी बनाना है।
उन्होंने प्रश्न उत्तर के दौरान भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के प्रश्न उत्तर दिए तथा कहा कि हमें 33 परसेंट नहीं महिलाओं को 57 फीसद आरक्षण देना है, लेकिन इसमें समय लगेगा। उन्होंने गठबंधन सरकारों के प्रश्न पर भी यथोचित जवाब दिया तथा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया हम संगठन को यथोचित समय दें लेकिन यह भी ध्यान रखें हमारे कार्य से हमारा परिवार प्रभावित ना हो ताकि पार्टी ओर हमारे परिवार में सामंजस्य बना रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि हम संगठन के लिए परिवार से मिलकर निरंतर कार्य करते रहें ताकि परिवार भी पलता रहे और संगठन भी चलता रहे।

मोदी सरकार की नीतियों के कारण 7 साल में मातृशक्ति सशक्त हुई: दर्शना जरदोष
रेल, टेक्सटाइल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष ने भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय महिला मोर्चा कार्यसमिति के दूसरे दिवस पर प्रथम सत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े विचारों को साझा किया। उन्होंने कहा हमें संयुक्त महिला टीम के रूप में कार्यों को करना होगा। भारतीय जनता पार्टी के पास सबसे बड़ा महिला मोर्चा का संगठन है जो किसी दूसरे दल के पास नहीं है। महिला मोर्चा हर रसोई तक अपनी पहुंच रखती है और आकाश को पार करने की हिम्मत रखती है। सरकार की योजनाओं तक महिलाओं की आज पहुंच आसानी से बन रही है।
उन्होंने कहा कि आज एनजीओ के माध्यम से कई महिला समूह अपने को जोड़ रहे हैं आज भारतीय महिलाओं ने बड़ी संख्या में सेना में, शासकीय कार्यों में और राजनीति के क्षेत्र में अपना लोहा विश्व को मनवाया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी होगी और वह नेतृत्व करने में पूर्ण रूप से सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं पर कई किताबें लिखी है, जो कि सभी भाषाओं में उपलब्ध है। इससे कई महिलाओं के जीवन में सशक्तिकरण के लिए बदलाव आए।
आज मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं, वह महिलाओं के जीवन में नए आयाम ला रहे हैं। उन्होंने कहा की नरेंद्र मोदी ने आंगनवाड़ी को सशक्त बनाया, जिससे कि छोटे बच्चों का लालन-पालन और मातृशक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति हुई है। उन्होंने कहा सशक्त भारत का सपना तभी सार्थक हो सकता है जब सशक्त महिला का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि मोदी ने मातृशक्ति को अपनी सरकार में महत्वपूर्ण स्थान दिया है और उज्जवला जैसी योजनाओं को लाकर उनके स्वास्थ्य के प्रति उचित कदम उठाया। विश्व की सबसे बड़ी योजना के रूप में धरातल पर उतारा है। उन्होंने कहा महिला मोर्चा का जो नेतृत्व है वह महिलाओं के उत्थान के लिए  उतना ही उत्तरदाई तो है जितना कि एक नेता होता है। उन्होंने कहा आज महिलाओं ने पर्यटन क्षेत्र को अपनी शक्ति का एहसास दिलाया है।
केंद्रीय मंत्री दर्शना ने मीरा बाई चानू जैसी साधारण बेटी का उदाहरण देते हुए महिलाओं को आगे आने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल का क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करता है और आज महिलाओं की भागीदारी उसमें प्रतिदिन बढ़ रही है जिससे सामाजिक संतुलन के लिए आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होता हुआ दिख रहा है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा महालक्ष्मी योजना लाकर जिस प्रकार उनको आत्म बल देने का जो प्रयास किया है वह आने वाले समय में एक उदाहरण के रूप में चर्चा का विषय बनेगा।  जिस प्रकार नरेंद्र मोदी अपने सांसदों से सोमवार और मंगलवार को सांसदों से एक बार मिलते हैं उसी प्रकार महिला मोर्चा के पदाधिकारियों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत के लिए जो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं उसमें कदम से कदम मिलाकर उनके इस सपने को साकार करना है। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष वानाती श्रीनिवासन, राष्ट्रीय महिला मोर्चा महामंत्री श्रीमती इंदु बाला गोस्वामी, दीप्ति रावत, सुखप्रीत कौर, महिला मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, राष्ट्रीय महामंत्री डी पुरंदेश्वरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महिला मोर्चा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीतू दवास, महामंत्री (संगठन) अजेय, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, सुरेश भट्ट, राजेन्द्र भंडारी उत्तराखंड सरकार में मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल, मनवीर सिंह चौहान व राष्ट्रीय महिला मोर्चा की पदाधिकारी उपस्थित थे।

महिलाओं की सेवा का मौका मोदी सरकार मेंः पुरुंदेश्वरी
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डॉ डी पुरुंदेश्वरी ने कहा कि महिलाओं को सेवा करने का उचित माध्यम मोदी सरकार में मिला है। विपक्षी दलों के नेतागण पिछले कई वर्षों से बड़े- बड़े मंचों से महिला सशक्तिकरण के नारे लगाते रहे, मगर महिला सशक्तिकरण का असली कार्य मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज बढ़-चढ़कर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का प्रयास कर रही है। मोदी सरकार के आने से कुपोषित बच्चों की वृद्धि दर में बहुत तेजी से गिरावट आई है। कुपोषण का एक मुख्य कारण स्वच्छता का पालन ना हो पाना भी रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बहुआयामी पहल करते हुए स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया जिससे कि कुपोषित होने की वृद्धि में भी काफी गिरावट आई है। स्वास्थ्य महिला सशक्तिकरण का प्रमुख अंग हमेशा से रहा है। पोषण अभियान के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य को उस से जोड़ा गया। मोदी सरकार ने नारी शक्ति को केंद्रित करते हुए उनके लिए पिछले 7 वर्षों में विभिन्न योजनाओं को लाकर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया है। मोदी सरकार द्वारा रविवार के पहले हफ्ते में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा इलाज की व्यवस्था दी जा रही है जिससे कि स्वास्थ के प्रति उनको सही समय पर सही जानकारी मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा के सभी पदाधिकारियों का दायित्व सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का कार्य करना चाहिए। यह इसमें हमारा प्रयास रहना चाहिए। कोरोना के काल में हमने देखा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं को विभिन्न दिक्कतों से सामना करना पड़ा और उनके लिए मोदी सरकार ने आने वाले समय कदम उठाने के लिए भी कहा है जिससे भविष्य में सुविधा सुनिश्चित हो सके। भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्वयंसेवक कार्यक्रम के माध्यम से नए हेल्थ वॉलंटियर निर्माण करने का बीड़ा उठाया है और यह सार्थक सिद्ध हो रहा है। ये वॉलंटियर्स किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार और डॉक्टरों के बीच में एक मजबूत सेतु का काम करेगें। महिला सशक्तिकरण का अर्थ मात्र महिलाओं की पूजा करने से नहीं होता बल्कि उनका सम्मान, उनको सही रोजगार, उचित स्थान देना,  उनके उत्थान के लिए निरंतर सरकारों और समाज का प्रयास रहना चाहिए, वही अंततः नारी सशक्तिकरण का मूल मंत्र बनेगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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